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केजरीवाल का इस्तीफा, आतिशी ने पेश किया दावा... जानें- अब सरकार गठन में लगेगा कितना वक्त

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही आतिशी ने भी नई सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. अब एक बार केजरीवाल का इस्तीफा स्वीकार हो जाने के बाद, एलजी आतिशी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे और शपथ ग्रहण समारोह की तारीख देंगे. इस प्रक्रिया में कुछ दिन लग सकते हैं. दिल्ली में नई सरकार के गठन में राष्ट्रपति की मंजूरी भी लगती है.

आतिशी और अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो) आतिशी और अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:07 AM IST

AAP नेता आतिशी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. साथ ही उन्होंने उपराज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा भी कर दिया है. इसी मुलाकात के दौरान अरविंद केजरीवाल ने भी एलजी को अपना इस्तीफा सौंप दिया. अब उपराज्यपाल विनय सक्सेना केजरीवाल के इस्तीफे को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उनकी स्वीकृति के लिए भेज देंगे. इसके साथ ही वह नई सरकार बनाने के लिए आतिशी का पत्र भी राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजेंगे.

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एक बार केजरीवाल का इस्तीफा स्वीकार हो जाने के बाद, एलजी आतिशी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे और शपथ ग्रहण समारोह की तारीख देंगे. इस प्रक्रिया में कुछ दिन लग सकते हैं. फिर नई मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी दिल्ली विधानसभा में अपनी सरकार का बहुमत साबित करेंगी. जिसके लिए सत्तारूढ़ AAP सरकार ने 26-27 सितंबर को विधानसभा का सत्र पहले से बुलाया हुआ है.

बता दें कि केजरीवाल सरकार में आतिशी के पास वित्त, शिक्षा और राजस्व सहित 14 विभाग रहे हैं. केजरीवाल के जेल में रहने के दौरान उन्होंने ही AAP सरकार का संचालन सही ढंग से किया था. 

दिल्ली में क्या है सरकार गठन का नियम?

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में नई सरकार के गठन में उपराज्यपाल से लेकर राष्ट्रपति कार्यालय का भी बड़ा रोल है. दरअसल, नए सीएम के बनने से नए सिरे से कैबिनेट का गठन होगा. प्रक्रिया के मुताबिक सबसे पहले सीएम को अपना इस्तीफा उपराज्यपाल को सौंपना होता है. इसपर LG की तरफ से मंजूरी दी जाती है और उसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है. उसके बाद राष्ट्रपति भी इस्तीफे को मंजूर करते हैं.

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इसी तरह, नई सरकार की प्रक्रिया पूरी होती है. नियमों के मुताबिक विधायक दल का नया नेता अपने सदस्यों के साथ उपराज्यपाल से मिलता है और नई सरकार बनाने का दावा पेश करता है. इसपर पहले उपराज्यपाल की सहमति लेनी होती है. उसके बाद आखिरी मुहर राष्ट्रपति की लगती है. अंत में मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट का शपथ ग्रहण होता है. 

दावा पेश कर क्या बोलीं आतिशी

केजरीवाल के इस्तीफे के दौरान उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'हमने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया है. मैं दिल्ली के लोगों के हितों की रक्षा करूंगी.' उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल, जिन्हें वह अपना गुरु मानती हैं, झूठे आरोपों का सामना कर रहे हैं और केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों द्वारा उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.

साथ ही उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने न केवल उन्हें जमानत दी बल्कि केंद्र और उसकी जांच एजेंसियों के खिलाफ कठोर टिप्पणी करते हुए उन्हें पिंजरे में बंद तोता कहा.' आतिशी ने कहा, 'अगर कोई और नेता होता तो वे मुख्यमंत्री की कुर्सी बरकरार रखते, लेकिन केजरीवाल ने जनता की अदालत में जाने का फैसला किया और इस्तीफा दे दिया.'

आतिशी ने खाई केजरीवाल को फिर से सीएम बनाने की कसम

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आतिशी ने कहा कि लोगों ने जल्द ही होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल को फिर से मुख्यमंत्री चुनने की कसम खाई है. इस बीच गौर करने वाली बात यह भी है कि केजरीवाल ने मंगलवार को पूरे दिन चुप्पी साधे रखी. वहीं आतिशी ने अपनी पार्टी के विधायकों से उन्हें बधाई न देने का अनुरोध किया.

आतिशी ने उन पर भरोसा जताने और बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए अपने 'गुरु' केजरीवाल को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, केजरीवाल ने मुझ पर भरोसा किया, मुझे विधायक बनाया, फिर मंत्री बनाया और अब मुख्यमंत्री बनाया. मैं उनकी आभारी हूं. आतिशी ने कहा, फर्स्ट टाइम के विधायक को ऐसे अवसर केवल AAP में ही मिल सकते हैं, अगर मैं किसी अन्य पार्टी में होती, तो मुझे चुनाव लड़ने का टिकट भी नहीं मिलता. मैं खुश तो हूं, फिर भी मैं बेहद दुखी हूं कि मेरा बड़ा भाई आज अपना इस्तीफा दे रहा है.

रविवार को किया सीएम पद से इस्तीफे का ऐलान

गौरतलब है कि तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा होने के दो दिन बाद एक आश्चर्यजनक फैसले में, केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की कि वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे और तभी वापस लौटेंगे जब लोग उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव में 'ईमानदारी का प्रमाण पत्र' देंगे. साथ ही केजरीवाल ने दिल्ली में जल्द चुनाव कराने की भी मांग की. दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है और फरवरी की शुरुआत में चुनाव होने की उम्मीद है.

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भाजपा ने केजरीवाल के इस्तीफे को बताया नाटक

इस सियासी घटनाक्रम पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आप चेहरा तो बदल सकते हैं लेकिन पार्टी का चरित्र नहीं. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता जानती है कि केजरीवाल ने दिल्ली को लूटा है. सचदेवा ने कहा, उन्होंने हर विभाग में भ्रष्टाचार किया है और अब लोग उन्हें उस भ्रष्टाचार का जवाब देंगे. सोमवार को पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का केजरीवाल का फैसला मजबूरी से लिया गया है, सिद्धांत से प्रेरित नहीं. वहीं भाजपा ने उनके इस कदम को 'नाटक' और 'अपराध स्वीकारोक्ति' बताया और आश्चर्य जताया कि क्या उन्होंने आप में अंदरूनी कलह के कारण पद छोड़ने की पेशकश की थी.

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