
दिल्ली में आए दिन होने वाली सफाई कर्मचारियों की हड़ताल और प्रदर्शनों पर फिर सियासत शुरू हो गई है. सोमवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर सफाई कर्मचारियों के प्रदर्शन के बाद बीजेपी ने एक बार फिर दिल्ली सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है और एमसीडी के सफाई कर्मचारियों की समस्याओं के लिए दिल्ली सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है.
सफाई कर्मचारी यूं तो बीजेपी की सत्ता वाली एमसीडी के तहत आते हैं, लेकिन बीजेपी का आरोप है कि दिल्ली सरकार ने पिछले दो सालो में आर्थिक तौर पर कमजोर बना दिया है. इसी से एमसीडी में आए दिन कर्मचारियों की सैलरी का संकट गहरा जाता है. दिल्ली में नगर निगम के तीन हिस्से होने के बाद पहले ही एमसीडी आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं और ऐसे में दिल्ली सरकार के साथ फंड को लेकर चलने वाली तनातनी से एमसीडी का सिस्टम चरमरा गया है.
लेकिन बीजेपी इस संकट के लिए एमसीडी नहीं दिल्ली सरकार को ज़िम्मेदार ठहरा रही है. पूर्वी दिल्ली के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर हुए विरोध प्रदर्शन को जायज़ ठहराते हुए विश्वास नगर से बीजेपी के विधायक ओ पी शर्मा कहते हैं कि दिल्ली सरकार ने एमसीडी का हक उसे नहीं दिया.
चौथे वित्त आयोग की रिपोर्ट के लिए हमने विधानसभा से लेकर सड़कों तक सरकार से मांग की है कि एमसीडी को उसका पूरा पैसा दिया जाए, लेकिन दिल्ली सरकार ने जानबूझकर चौथे वित्त आयोग की रिपोर्ट सदन में पेश नहीं की, जबकि नगर निगमों की माली हालत सुधारने के लिए इस रिपोर्ट का लागू होना जरूरी है.
ओपी शर्मा ने कहा कि अगर एमसीडी में भ्रष्टाचार है, गड़बड़ी है, तो उसकी जांच कीजिए. सीएजी आडिट में सब सामने आएगा, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप इस बहाने एमसीडी का पैसा न दें. दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार जानबूझ कर एमसीडी का पैसा रोकती है, ताकि बीजेपी की सत्ता वाली एमसीडी कमज़ोर हो और इसका फायदा आम आदमी पार्टी आने वाले एमसीडी चुनाव में लेना चाहती है. एमसीडी के सफाई कर्मचारियों की दुर्दशा के लिए दिल्ली सरकार ज़िम्मेदार है.