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EC की सिफारिश पर केजरीवाल का ट्वीट- अंत में जीत सच्चाई की होती है

केजरीवाल ने लिखा, "जब आप सच्चाई और ईमानदारी पर चलते हैं तो बहुत बाधाएं आती हैं. ऐसा होना स्वाभाविक है. पर ब्रह्मांड की सारी दृश्य और अदृश्य शक्तियां आपकी मदद करती हैं. ईश्वर आपका साथ देता है. क्योंकि आप अपने लिए नहीं, देश और समाज के लिए काम करते हैं. इतिहास गवाह है कि जीत अंत में सच्चाई की होती है."

सीएम अरव‍िंद केजरीवाल (फाइल) सीएम अरव‍िंद केजरीवाल (फाइल)
रणविजय सिंह/आशुतोष मिश्रा
  • नई द‍िल्ली,
  • 20 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 12:01 AM IST

चुनाव आयोग द्वारा ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के आरोप में आप के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. अरविंद केजरीवाल कैमरे के सामने तो नहीं आए, लेकिन सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए उन्होंने अपनी बात कही. केजरीवाल ने कहा, 'इतिहास गवाह है कि जीत अंत में सचाई की होती है.'

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केजरीवाल ने लिखा, "जब आप सच्चाई और ईमानदारी पर चलते हैं तो बहुत बाधाएं आती हैं. ऐसा होना स्वाभाविक है. पर ब्रह्मांड की सारी दृश्य और अदृश्य शक्तियां आपकी मदद करती हैं. ईश्वर आपका साथ देता है. क्योंकि आप अपने लिए नहीं, देश और समाज के लिए काम करते हैं. इतिहास गवाह है कि जीत अंत में सच्चाई की होती है."

बता दें, शुक्रवार की दोपहर को चुनाव आयोग की बैठक के बाद आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के आरोप में सुनवाई करते हुए आयोग ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेज दी है. इस रिपोर्ट के बाद बीजेपी और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी पर हमला बोलते हुए अरविंद केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की है.

वहीं, पार्टी के नेताओं ने चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त एके ज्योति पर जमकर हमला बोलते हुए मोदी सरकार के साथ साठगांठ और दबाव में काम करने का आरोप लगाया. एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी के विधायक हाईकोर्ट की चौखट पर चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ अपील करने पहुंच गए तो वहीं कई विधायक अरविंद केजरीवाल के घर पर मिलने के लिए भी पहुंचे.

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हाईकोर्ट ने आप विधायकों को कोई अंतरिम राहत नहीं दी, लेकिन अरविंद केजरीवाल को राजनीतिक राहत पश्चिम बंगाल से मिली है जहां की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी के पक्ष में बयान दिया.

ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "एक संवैधानिक संस्था का इस्तेमाल ऐसे राजनीतिक विद्वेष के लिए नहीं किया जा सकता. आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को सुनवाई के लिए चुनाव आयोग ने मौका भी नहीं दिया. यह दुर्भाग्यपूर्ण है और न्याय के प्रावधानों के विपरीत है." ममता बनर्जी ने दो टूक लिख दिया कि ऐसे क्षण में अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम के साथ मजबूती से खड़ी हैं.

सबसे दिलचस्प बात रही जब चुनाव आयोग के वकीलों ने हाईकोर्ट के अंदर कहा कि उन्हें चुनाव आयोग के फैसले या सिफारिशों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. फिलहाल अगली सुनवाई सोमवार को हाईकोर्ट में होनी है, लेकिन उससे पहले राजनीतिक लड़ाई सड़कों पर देखने को मिलेगी. इस बीच आम आदमी पार्टी ने बीजेपी शासित राज्यों में पार्लियामेंट्री सचिवों की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या उनके खिलाफ भी यही कार्यवाही होगी.

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