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अब KCR से मिलेंगे केजरीवाल, केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने की कोशिश

दिल्ली में अधिकारियों के तबादले को लेकर केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी नेताओं का समर्थन जुटाने के लिए केजरीवाल देशव्यापी दौरे पर हैं. इस क्रम में सीएम केजरीवाल आज इस मुलाकात के दौरान AAP नेता राघव चड्ढा, संजय सिंह और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहेंगे.

समर्थन जुटाने में लगे केजरीवाल समर्थन जुटाने में लगे केजरीवाल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2023,
  • अपडेटेड 3:44 AM IST

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल शनिवार 27 मई को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से मुलाकात करेंगे. यह मुलाकात हैदराबाद में दोपहर करीब 1 बजे होगी. दिल्ली में अधिकारियों के तबादले को लेकर केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी नेताओं का समर्थन जुटाने के लिए केजरीवाल देशव्यापी दौरे पर हैं. 

इस मुलाकात के दौरान AAP नेता राघव चड्ढा, संजय सिंह और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहेंगे. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद विपक्षी एकता की चर्चा के बीच यह बैठकें अहम मानी जा रही हैं.

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विपक्ष को लामबंद करने की कोशिश में जुटे केजरीवाल

बता दें कि केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ अब तक नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने AAP को समर्थन देने का ऐलान किया है. इसी क्रम में गुरुवार 25 मई को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वह कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से भी मिलने की योजना बना रहे हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई में समर्थन के लिए AAP हर पार्टी से संपर्क कर रही है. 

SC ने दिल्ली सरकार के पक्ष में सुनाया था फैसला

गौरतलब है कि यह अध्यादेश पिछले सप्ताह लाया गया था. यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले के बाद आया है. दरअसल, दिल्ली में केजरीवाल सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया था. इसमें निर्वाचित सरकार को अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिया गया था. इसके बाद केंद्र सरकार 'राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण' बनाने का अध्यादेश लेकर आई है. इस अध्यादेश को कानूनी अमलाजामा पहनाने के लिए छह महीने में संसद से पास कराना जरूरी है. हालांकि, छह महीने के भीतर संसद से पास नहीं होता है तो ये अध्यादेश स्वत: समाप्त हो जाएगा. 

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संसद में चाहिए समर्थन

ऐसे में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने देशव्यापी समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है.

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