
जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी के आरोपी और फरार चल रहे उमर खालिद सहित पांच छात्र रविवार शाम 6 से 8 बजे के बीच वापस कैंपस में लौट आए हैं. लेकिन पुलिस अभी तक इन आरोपी छात्रों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि पुलिस सही समय पर और कानून के मुताबिक कार्रवाई करेगी.
'आज तक' से खास बातचीत में उमर खालिद के वकील ने कहा कि उन्होंने अपने मुवक्किल को सरेंडर न करने की सलाह दी है. पुलिस खुद कैंपस में आकर उन्हें गिरफ्तार कर सकती है. आरोपी पांचों छात्र वाइस चांसलर से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक इनकी वीसी से मुलाकात नहीं हो पाई है.
छात्र संघ ने कहा- वीसी का फैसला मंजूर होगा
जेएनयू छात्र संघ के सचिव रामा नागा ने कहा है कि प्रशासन का फैसला उन्हें मंजूर होगा. वीसी चाहें तो पुलिस को कैंपस में बुलाकर हमें गिरफ्तार करा दें. जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मीटिंग बुलाई है. इसके बाद वीसी से मुलाकात की जाएगी.
कैंपस में मौजूद खालिद ने 'आज तक' से बातचीत की. खालिद और उसके साथी एडमिन ब्लॉक में मौजूद हैं और वहां से हटने को तैयार नहीं हैं. एडमिन ब्लॉक में करीब 250 छात्रों का जमावड़ा है. 'आज तक' से बातचीत में खालिद ने कहा कि पुलिस चाहे तो उन्हें गिरफ्तार कर सकती है. मैं आतंकवादी नहीं हूं. मेरे पास पाकिस्तान का पासपोर्ट नहीं है.
कश्मीरी छात्रों के खिलाफ नहीं पुलिस
दिल्ली पुलिस के एडिशनल कमिश्नर ताज हसन ने कहा कि हमारे खिलाफ अफवाह फैलाने की सूचना मिली है. दिल्ली पुलिस पर कश्मीरी छात्रों को परेशान करने वाला कहा जै रहा है. हसन ने कहा कि मैं बता रहा हूं कि ऐसा कुछ नहीं है. पुलिस ने किसी को तंग नहीं किया है. अगर ऐसी कोई घटना होने की कोई जानकारी हो तो पुलिस में रिपोर्ट कराने कहें. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस के हेल्पलाइन नंबर - 1093 या 100 पर डायल कर अपनी शिकायत करें. शिकायत करने वाले दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर (क्राइम) के पास ईमेल से भी शिकायत कर सकते हैं.
ABVP ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
जेएनयू में चल रही गतिविधियों को लेकर छात्र संगठन एबीवीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके वीसी के सामने अपनी मांगें रखी हैं. ABVP ने कहा कि देश विरोधी गतिविधियों में शामिल छात्रों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाए और जेएनयू प्रशासन उन पर सरेंडर करने के लिए दबाव बनाए.
एबीवीपी ने यह आरोप भी लगाया कि जेएनयू में वामपंथी छात्र संगठनों ने क्लासेस का बहिष्कार किया है, जिससे पढ़ाई बाधित हो रही है. जो लोग पढ़ना चाहते हैं, उन्हें भी पढ़ने नहीं दिया जा रहा.
खालिद ने कहा, पिछले कुछ दिनों में मुझे कुछ ऐसी बातें पता चलीं, जो मैं नहीं जानता था. मुझे पता चला कि मैं मई में 2 बार पाकिस्तान जा चुका हूं. मेरा नाम उमर खालिद है लेकिन मै आंतकवादी नहीं हूं. मुझे पता चला की मैं मास्टरमाइंड हूं और ये कार्यक्रम मैंने 17-18 यूनिवर्सिटी में चलाया हुआ है.'
खालिद ने नहीं दिया भाषण
कैंपस में आरोपियों के वकील भी मौजूद हैं. खालिद ने बताया कि उसने कोई भाषण नहीं दिया है. साथ ही उसने 9 फरवरी को देशविरोधी नारे लगाने से भी इनकार किया. खबर है कि पुलिसबल सादी वर्दी में वहां मौजूद है और आरोपियों के सरेंडर का इंतजार कर रही है, ऐसा ना करने पर पुलिस उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है. अभी तक JNU प्रशासन की और से कोई भी बयान नहीं आया है.
संघ के खिलाफ नारेबाजी
इससे पहले पुलिस से जुड़े सूत्रों ने कहा, 'हमें सूचना मिली थी कि वो कैंपस में मौजूद हैं. सूचना मिलते ही एक टीम कैंपस पहुंची.' बताया जाता है कि शाम को उमर खालिद ने कैंपस में भाषण दिया और संघ के खिलाफ नारेबाजी भी की. कैंपस के सूत्रों से पता चला है कि रविवार शाम को उमर खालिद ने छात्रों की एक टुकड़ी को संबोधित भी किया है. बताया जाता है कि कैंपस में करीब 100-150 छात्रों ने मीटिंग की है. मीटिंग के दौरान छात्रों ने कन्हैया की रिहाई को लेकर भी नारेबाजी की.
JNU प्रशासन ने पुलिस को अंदर प्रवेश से रोका
दूसरी ओर, मामले में जेएनयू प्रशासन ने कोई भी बयान नहीं दिया और ना कोई जानकारी साझा की. प्रशासन ने पुलिस को कैंपस के अंदर प्रवेश की अनुमति भी नहीं दी. जिस पर पुलिस का ने कहा कि वह मामले में कोई जल्दबाजी नहीं करेगी और यूनिवर्सिटी की ओर से इजाजत का इंतजार करेगी.
गौरतलब है कि 9 फरवरी को संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी पर जेएनयू में उमर खालिद के नेतृत्व में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें कथित तौर पर देश विरोधी नारेबाजी की गई. इस मामले में आयोजनकर्ता खालिद समेत पांच छात्रों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है. इन छात्रों में उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्या, रामा नागा, अनंत और आशुतोष शामिल हैं.
पुलिस ने देशद्रोह मामले में जेएनयू छात्र संघ के अध्याक्ष कन्हैया कुमार को 12 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद मामले में जबरदस्त सियासत शुरू हो गई है.