Advertisement

किसान मोर्चा ने किया 25 सितंबर को भारत बंद का ऐलान, कहा- ईंट का जवाब पत्थर से देंगे

संयुक्त किसान मोर्चा ने आगामी 25 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि हम सरकार की किसी आक्रामक नीति को नहीं मानेंगे. ईंट का जवाब पत्थर से देंगे. संयुक्त किसान मोर्चा के अतुल अनजान ने कहा कि सरकार फ़ौज भी लगाएगी तो भी रोक नहीं पाएगी. 

संयुक्त किसान मोर्चा का 25 सितंबर को भारत बंद का ऐलान (प्रतीकात्मक तस्वीर) संयुक्त किसान मोर्चा का 25 सितंबर को भारत बंद का ऐलान (प्रतीकात्मक तस्वीर)
राम किंकर सिंह/सतेंदर चौहान
  • नई दिल्ली/चंडीगढ़,
  • 27 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 8:51 PM IST
  • 5 सितंबर को यूपी के मुजफ्फरनगर में होगी रैली
  • 25 सितंबर को भारत बंद का ऐलान

देश की राजधानी दिल्ली में किसान लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. इसी बीच गुरुवार को सिंघु बॉर्डर पर गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा का पहला अखिल भारतीय दो दिवसीय पूरा हुआ. पिछले आठ महीनों से अधिक समय से केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर अपनी मांगों पर आंदोलन कर रहे किसानों के इस कार्यक्रम में तकरीबन 22 राज्यों के प्रतिनिधि जुटने की खबर है.  

Advertisement

इसी दौरान संयुक्त किसान मोर्चा ने आगामी 25 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि हम सरकार की किसी आक्रामक नीति को नहीं मानेंगे. ईंट का जवाब पत्थर से देंगे. संयुक्त किसान मोर्चा के अतुल अनजान ने कहा कि सरकार फ़ौज भी लगाएगी तो भी रोक नहीं पाएगी. 

वहीं इसी आयोजन में मिशन यूपी का ऐलान करते हुए कहा गया कि मुजफ्फरनगर में आगामी 5 सितंबर को होने वाली रैली अब तक की ऐतिहासिक रैली होने वाली है. किसानों का कहना है कि अगर उन्हें अगले 2024 तक आंदोलन चलाना पड़ा तो भी वो चलाते रहेंगे और देश को बीजेपी मुक्त बनाएंगे. 

महापंचायत के लिए पंजाब और चंडीगढ़ के किसानों को न्यौता

वहीं चंडीगढ़ में राकेश टिकैत ने संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस और किसान रैली करके तमाम राजनीतिक पार्टियों को आड़े हाथों लिया और 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली किसान महापंचायत के लिए पंजाब और चंडीगढ़ के किसानों को न्यौता दिया. राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन को 9 महीने पूरे हो गए हैं. जनवरी से इस मोदी सरकार ने किसानों से बातचीत बंद कर रखी है. ये सरकार कॉर्पोरेट कंपनियों के द्वारा चलाई जा रही है इसलिए किसानों से बात नहीं कर रहे. केंद्र सरकार ने गन्ने के दाम सिर्फ 5 पैसे प्रति किलो बढ़ाए हैं. 

1 जनवरी 2022 से हम अपनी फसलें दोगुने दामों पर बेचेंगे: टिकैत

राकेश टिकैत ने कहा कि क्या ये बीजेपी के मेनिफेस्टो में लिखा था कि देश की संपत्तियों और धरोहरों को गिरवी पर रख देंगे. ये सिर्फ किसान आंदोलन नहीं है बल्कि देश को बचाने का आंदोलन है. हमारी लड़ाई वैचारिक क्रांति है. तीनों काले कानून वापिस लेने होंगे. पंजाब और हरियाणा में भी किसानों को एमएसपी नहीं मिल रहा है. 1 जनवरी 2022 से हम अपनी फसलें दोगुने दामों पर बेचेंगे क्योंकि प्रधानमंत्री ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी होगी. जो किसान 9 महीने से घर नहीं गया वो अब भी दिल्ली नहीं छोड़ेगा. 5 सितंबर को बड़ी किसान पंचायत मुजफ्फरनगर में होगी. मैं पंजाब और चंडीगढ़ के किसानों को इस पंचायत का न्यौता देने आया हूं.

हम इलेक्शन की ओर पैर करके भी नहीं सोने वाले: टिकैत

राकेश टिकैत ने कहा कि देश का किसान आंदोलन से बचेगा राजनीति से नहीं. चुनाव लड़ने का सुझाव कुछ किसान नेताओं का निजी विचार है संयुक्त किसान मोर्चा इस पक्ष में नहीं है. पंजाब चुनाव में संयुक्त किसान मोर्चा किसी पार्टी को समर्थन नहीं देगा. जिस किसान का जहां मन करें उस पार्टी को वोट दें. पंजाब में आचार संहिता लगने के बाद तय होगा कि किस का कैसे विरोध करना है. हम इलेक्शन की ओर पैर करके भी नहीं सोने वाले. हमें जनता ने आंदोलन के लिए चुना है और हम 5 सितम्बर को बड़ा ऐलान करेंगे.

चंडीगढ़ के सेक्टर 25 रैली ग्राउंड में राकेश टिकैत और संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने एक बड़ी किसान रैली भी की. इस दौरान राकेश टिकैत ने चंडीगढ़ पुलिस को चैलेंज करते हुए कहा कि किसानों का जब मन करेगा वो चंडीगढ़ में आएंगे और अपनी रैली और प्रदर्शन करेंगे और चंडीगढ़ पुलिस उन्हें रोक नहीं सकती है. लेकिन राकेश टिकैत ने किसानों को समझाया कि वो शांतिपूर्वक तरीके से अपनी बात रखें.

लखनऊ हमारा है, किसानों का है: टिकैत 

इससे पहले हाल ही में मीडिया से बात करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ''यदि किसानों की मांगों को सरकार नहीं मानती है और काले कानून वापस नहीं लेती तो विधानसभा चुनाव में जनता उसे सबक सिखा देगी. लखनऊ हमारा है, किसानों का है. यह किसी के बाप की  जागीर नहीं है.'' 

Advertisement

बता दें कि पिछले आठ महीनों से अधिक समय से विभिन्न किसान नेता दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. किसान केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों को रद्द करने, एमएसपी पर कानून बनाने समेत कई मांग कर रहे हैं. हाल ही में लखनऊ में आयोजित किए गए 'पंचायत आजतक' में भी राकेश टिकैत शामिल हुए थे. 

टिकैत ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि केंद्र सरकार को कंपनियां चला रही हैं. उन्होंने कहा कि देश में अभी बीजेपी की नहीं बल्कि मोदी सरकार है. अगर बीजेपी की सरकार होती तो किसानों से बात करती, लेकिन यह मोदी सरकार है, जिसे कंपनियां चलाती हैं, जो किसी से बात नहीं करती है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement