Advertisement

थम गई AAP में कलह? गलती दोनों ने की, एक को सजा, दूसरे को इनाम

पार्टी विधायक अमानतुल्ला खान ने AAP के संस्थापक सदस्य और केजरीवाल के दोस्त कुमार विश्वास को 'बीजेपी का एंजेट' बता दिया. उसके बाद तो जैसे कुमार ने खान को सबक सिखाने की जिद ठान ली. पार्टी में बाहरियों की घुसपैठ का आरोप लगाते हुए कुमार ने पार्टी के सर्वोच्च मंच पीएसी में शामिल होने तक से इनकार कर दिया.

AAP में थम गया घमासान? AAP में थम गया घमासान?
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 03 मई 2017,
  • अपडेटेड 9:13 PM IST

आम आदमी पार्टी आंदोलन की पार्टी है, सड़क की पार्टी है. ये बात पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत तमाम आला नेता कई बार और कई मंचों से कहते आए हैं. पार्टी में लोकतंत्र की दुहाई देने वाली AAP में पिछले तीन दिनों से जबरदस्त घमासान मचा था लेकिन क्या वो अब थम चुका है?

पार्टी विधायक अमानतुल्ला खान ने AAP के संस्थापक सदस्य और केजरीवाल के दोस्त कुमार विश्वास को 'बीजेपी का एजेंट' बता दिया. उसके बाद तो जैसे कुमार ने खान को सबक सिखाने की जिद ठान ली. पार्टी में बाहरियों की घुसपैठ का आरोप लगाते हुए कुमार ने पार्टी के सर्वोच्च मंच पीएसी में शामिल होने तक से इनकार कर दिया. यहां तक की सार्वजनिक रूप से खान पर किसी 'दूसरे' के इशारे पर बयानबाजी करने का आरोप लगाया. पार्टी ने कुमार की नाराजगी देख खान को पीएसी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.

Advertisement

पहले गरमी फिर नरमी!
कुमार विश्वास को जबाव देने का जिम्मा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संभाला और उन्हें पार्टी मंच पर आकर अपनी बात कहने की नसीहत दे डाली. तब लगा कि अब कुमार का पार्टी में रहना मुश्किल है और वो पार्टी छोड़ सकते हैं. लेकिन शाम होते-होते हवा का रुख बदला और खुद अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया के साथ कुमार को मनाने उनके घर पहुंचे. फिर उसके बाद कुमार को लेकर केजरीवाल अपने घर गए वहां देर रात तक आला नेताओं की बैठक हुई.

आखिर में अमानतुल्ला खान को पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया और कुमार को राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाया गया. सार्वजनिक मंच पर जो बयानबाजी अमानतुल्ला खान ने की थी ठीक उसी तरह के बयान कुमार विश्वास भी दे रहे थे. लेकिन सजा सिर्फ खान को हुई कुमार को तो एक नई जिम्मेदारी देकर उनका कद और बढ़ा दिया गया.

Advertisement

कुमार का कद बढ़ा
पार्टी में जिस गैर जिम्मेदाराना बर्ताव के लिए खान को सजा मिली उसी के लिए कुमार को इनाम कैसे दिया जा सकता है. कुमार पर कार्रवाई इसलिए नहीं की गई क्योंकि वो आंदोलन के वक्त से पार्टी से जुड़े हैं या इसकी कुछ और वजह है. बेशक, पार्टी में कुमार का कद काफी बड़ा है और वो नंबर तीन के नेता माने जाते हैं. लेकिन खुद को लोकतांत्रिक पार्टी कहने वाली AAP ने यहां बराबरी का व्यवहार क्यों नहीं किया.

कुमार विश्वास पर इससे पहले भी पार्टी के खिलाफ लाइन लेने के आरोप लगते रहे हैं. देशभक्ति वाले उनके ताजा वीडियो ने सोशल मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी, जिसमें वो विपक्षी नेताओं समेत अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते नजर आए. विधानसभा चुनाव के दौरान वो पार्टी के लिए प्रचार करने भी नहीं उतरे बावजूद इसके पार्टी उनके सामने क्यों झुकी.

अमानतुल्ला खान पर कार्रवाई के बाद आला नेताओं का जो फोटो मीडिया में आया उसमें कुमार के चेहरे का गुस्सा साफ देखा जा सकता है. जहां सभी नेता मुस्कराकर फोटो खिंचाते नजर आ रहे हैं वहीं कुमार के चेहरे पर अलग तरह का गुस्सा है. वह पहले ही कह चुके हैं कि खान ने जो टिप्पणी उनपर की, अगर वो अरविंद या मनीष के खिलाफ की जाती तो क्या अमानतुल्ला खान पार्टी में रह पाते. इससे साफ जाहिर है कि पार्टी ने अब खान पर कार्रवाई कर ये जता दिया है कि उनके लिए कुमार ज्यादा जरूरी हैं. लोकतंत्र का दावा तो सभी पार्टियां करती ही रहती हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement