
दिल्ली की राजनीति में आप बनाम एलजी की तकरार अब पुरानी बात हो चुकी है. मुद्दे बदलते रहते हैं, लेकिन ये लड़ाई खत्म होने के बजाय सिर्फ बढ़ती है. एक बार फिर आम आदमी पार्टी सरकार और एलजी वीके सक्सेना के बीच में जंग छिड़ गई है. इस बार आप की तरफ से एलजी पर गंभीर आरोप लगा दिए गए हैं. दावा हो गया है कि नोटबंदी के दौरान एलजी ने अपने काले पैसे को सफेद करवाने का काम किया था. इसी मुद्दे को उठाकर आम आदमी पार्टी विधानसभा में पूरी रात से प्रदर्शन कर रहे हैं.
एलजी पर आरोप क्या लगा है?
आप के सारे विधायक पूरी रात जगकर दिल्ली विधानसभा में एलजी वीके सक्सेना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है. अब ये पूरा प्रदर्शन आप नेता दुर्गेश पाठक के दावों के आधार पर किया जा रहा है. जानकारी के लिए बता दें कि दुर्गेश पाठक ने सदन में कहा था कि नोटबंदी के दौरान पीएमओ में ऐसी बहुत शिकायतें गईं कि खादी ग्रामोद्योग ने बड़े स्तर पर पुराने नोट नए नोटो में बदले जा रहे हैं. जब इसकी जांच हुई, तो इसमें खादी ग्रामोद्योग के दो कैशियर के नाम आए- प्रदीप कुमार यादव और संजीव कुमार.
नोटबंदी से क्या कनेक्शन है?
वे आगे कहते हैं कि दोनों का बयान यह था कि खादी ग्रामोद्योग के फ्लोर इंचार्ज अजय गुप्ता और मैनेजर एके गर्ग ने इन कैशियर को डराया धमाकाया और कहा कि पैसा विनय कुमार सक्सेना का है. अगर चेयरमैन पर यह आरोप है तो इसकी जांच होनी चाहिए. यह इसलिए भी बड़ा मामला है, क्योंकि तब गरीब लोग घण्टो लाइन में लगकर अपने पैसे बदलवा पाते थे. अब आम आदमी पार्टी दावा कर रही है कि नोटबंदी के दौरान कैशियर पर दबाव बनाकर वीके सक्सेना ने अपने पुराने नोट बदलवाए थे. उन्होंने इस मामले में FIR दर्ज करने की मांग की है और सीबीआई जांच की भी अपील हुई है. अभी तक एलजी दफ्तर की तरफ से इन आरोपों पर कोई जवाब नहीं आया है, लेकिन आप ने अपना प्रदर्शन तेज कर दिया है.
एक तरफ सौरभ भारद्वाज अपना लगेज लेकर विधानसभा पहुंच गए हैं तो दूसरे विधायक भी कैंडल मार्क के जरिए अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं. किसी तस्वीर में विधायक पोस्टर के जरिए प्रदर्शन कर रहे हैं तो कहीं पर नारेबाजी भी देखने को मिल रही है. एक सुर से सभी एलजी वीके सक्सेना का इस्तीफा मांग रहे हैं. उन पर भ्रष्टाचार में लिप्ट होने का आरोप लगा रहे हैं.
बीजेपी का प्रदर्शन
अब आप तो प्रदर्शन कर ही रही है, बीजेपी भी विधानसभा पहुंच गई. बीजेपी भी इस समय अपने मुद्दों के साथ विरोध प्रदर्शन में लग गई है. वो शराब घोटाले को लेकर चर्चा चाहती है, आप पर कई सवाल दाग रही है. विजेंद्र गुप्ता जैसे बड़े दिग्गज नेता भी इसमें शामिल हुए हैं. अब इस प्रदर्शन के दौरान क्या बीजेपी एक बार भी आप विधायकों के सामने आई, क्या दोनों के बीच किसी मौके पर कोई तकरार हुई, इसका कोई इनपुट नहीं मिला है. लेकिन एक वक्त पर एक ही जगह पर दोनों पार्टियों का प्रदर्शन करना माहौल गरमा गया है.
शराब घोटाले को लेकर आर-पार की जंग
वैसे ये कोई पहली बार नहीं है जब आप और एलजी आमने-सामने आए हो. इससे पहले शराब घोटाले में शुरू हुई जांच ने भी रिश्तों में तनाव बढ़ा दिया था. असल में एलजी वीके सक्सेना ने ही सबसे पहले आप सरकार की नई शराब नीति पर सवाल उठाए थे. बाद में एक जांच की एक रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई को भी बुला लिया गया था. उस मामले में सीबीआई ने बकायदा डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पर 14 घंटे तक रेड की, उनके करीबियों के घर भी छापे पड़े. सिसोदिया के फोन-लैपटॉप जब्त किए गए और कई दस्तावेज भी जब्त हुए. उस मामले में कल फिर सीबीआई मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर की जांच करने वाली है.
प्रस्ताव वापस भेजने पर बवाल
इस समय एक और विवाद ऐसा खड़ा हो गया है जिसने खराब चल रहे रिश्तों को और तल्ख करने का काम किया है. असल में एलजी वीके सक्सेना ने कुछ समय पहले अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी लिखी थी. उस चिट्ठी में कहा गया था कि उनके पास सरकार की तरफ से कई ऐसे प्रस्ताव आ रहे हैं जिन पर सीएम का ही साइन नहीं है, ऐसे में उन्हें समझ नहीं आ रहा कि मुख्यमंत्री को उन प्रस्तावों की कोई जानकारी है भी या नहीं. तब वीके सक्सेना ने सुझाव दिया था कि सीएम सभी प्रस्तावों पर साइन करने के बाद ही उन्हें उनके पास भेजे. अब उस चिट्ठी के बाद ही एलजी ने उन 47 फाइलों को वापस लौटा दिया जिन पर सीएम के हस्ताक्षर नहीं हो रहे थे.