
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सरकारी स्कूलों में गेस्ट टीचरों की नियुक्ति में अनियमितता और गैर-मौजूद या "घोस्ट गेस्ट टीचरों" को वेतन देने के नाम पर गड़बड़ी की आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं. उपराज्यपाल सचिवालय ने मुख्य सचिव को आदेश देते हुए कहा है कि वे शिक्षा निदेशक को दिल्ली सरकार के स्कूलों में नियुक्त सभी गेस्ट टीचर्स की उपस्थिति और वेतन वितरण से जुड़ी जानकारी को वेरिफाई करने का सुझाव दें. इस मामले में 30 दिनों के भीतर मुख्य सचिव को उपराज्यपाल सचिवालय को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है.
जानकारी के मुताबिक एलजी ने देखा कि गैर-मौजूद अतिथि टीचरों की मौजूदी और धन के गबन के मामले "गंभीर चिंता" का विषय हैं और यह प्रधानाचार्य/उप प्रधानाचार्यों / लेखा कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना नहीं हो सकता. सरकारी धन को गबन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. आंतरिक ऑडिट के तंत्र को मजबूत किया जाना चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएं छिपी न रह सके.
बता दें कि उपराज्यपाल ने इससे पहले एंटी-करप्शन ब्यूरो को सरकार में ‘गैर-मौजूद गेस्ट टीचर्स’ के नाम पर फर्जी तरीके से गेस्ट टीचर का वेतन लेने के लिए 4 सेवारत और रिटायर्ड वाइस प्रिंसिपलों के खिलाफ जांच करने की अनुमति दी थी. ये मामला दिल्ली के मानसरोवर पार्क में स्थित गवर्नमेंट ब्वॉज सीनियर सेकेंडरी स्कूल का था. इसमें तीन लोगों को 4.21 लाख का भुगतान किया गया था, जबकि इन्हें स्कूल ने कभी नियुक्त किया ही नहीं था.