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दिल्ली में भी मोदी फॉर्मूला, दागी अफसरों को करेंगे जबरन रिटायर

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दागी अधिकारियों को लेकर बड़ा फैसला लिया है. अनिल बैजल ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्य सचिव, डीडीए के उपाध्यक्ष, पुलिस आयुक्त और नगर निगम के आयुक्तों को दागी अधिकारियों की पहचान करने और अनिवार्य रूप से उन्हें सेवानिवृत्त करने के निर्देश दिए हैं.

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल (फाइल फोटो) दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल (फाइल फोटो)
अंकित यादव
  • नई दिल्ली,
  • 04 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 11:57 PM IST

केंद्र की मोदी सरकार की तर्ज पर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दागी अधिकारियों को लेकर बड़ा फैसला लिया है. अनिल बैजल ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्य सचिव, डीडीए के उपाध्यक्ष, पुलिस आयुक्त और नगर निगम के आयुक्तों को दागी अधिकारियों की पहचान करने और अनिवार्य रूप से उन्हें सेवानिवृत्त करने के निर्देश दिए हैं.

बैजल ने ट्वीट किया कि सरकारी तंत्र को कुशल और प्रभावी बनाए रखना सुनिश्चित करने के लिए एफआर 56 (जे) / सीसीएस (पेंशन) नियमों के तहत मुख्य सचिव, दिल्ली, उपाध्यक्ष, डीडीए, पुलिस आयुक्त, दिल्ली, और नगर निगम के आयुक्तों को दागी अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त करने संबंधी अपेक्षित कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाते हैं. यह कदम केंद्र सरकार द्वारा भ्रष्टाचार और पेशेवर कदाचार के आरोपों पर एक संयुक्त आयुक्त रैंक के अधिकारी सहित 12 वरिष्ठ आयकर अधिकारियों की बर्खास्तगी के बाद आया है.

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बता दें कि डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स के नियम 56 के तहत वित्त मंत्रालय ने हाल ही में अफसरों को सरकार ने समय से पहले ही रिटायरमेंट दे दी. नियम 56 के तहत रिटायर किए गए ये सभी अधिकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में चीफ कमिश्नर, प्रिंसिपल कमिश्नर्स और कमिश्नर जैसे पदों पर तैनात थे. इनमें से कई अफसरों पर कथित तौर पर भ्रष्टाचार, अवैध और बेहिसाब संपत्ति के अलावा यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप थे.

क्या है जबरन रिटायरमेंट

दरअसल, दागी और भ्रष्ट अधिकारी जो शासन पर बोझ बन जाते हैं उनको नौकरी से दूर करने के लिए सरकार जबरन रिटायरमेंट यानि अनिवार्य सेवानिवृत्ति देती है. पेंशन नियम 56 (जे)के तहत ये कार्रवाई की जाती है.

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