
आधार से चल-अचल संपत्ति को जोड़ने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया. वकील अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकार का कर्तव्य है कि वह भ्रष्टाचार को रोकने और अवैध तरीकों से बनाई गई बेनामी संपत्तियों को जब्त करने के लिए उचित कदम उठाए.
बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में केंद्र और दिल्ली सरकार को भ्रष्टाचार, काला धन और बेनामी लेनदेन को रोकने के लिए आधार नंबर के साथ नागरिकों की चल और अचल संपत्ति के दस्तावेजों को जोड़ने के लिए एक दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है.
बेनामी लेनदेन पर रोक लगाने के लिए साल 2016 में केंद्र सरकार ने बेनामी लेनदन (पाबंदी) अधिनियम 1988 पारित किया था. इसके तहत बेनामी लेनदेन करने पर तीन साल की जेल और जुर्माना या दोनों का प्रावधान था. केंद्र की मौजूदा सरकार ने इस कानून में संशोधन के लिए साल 2015 में संशोधन अधिनियम का प्रस्ताव किया. अगस्त 2015 में संसद ने इस अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी थी. बाद में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस संशोधन को हरी झंडी दे दी. अब इसी अधिनियम को और पुख्ता और कारगर बनाने के लिए संपत्ति को आधार से जोड़े जाने की मांग उठाई जा रही है.