
दिल्ली में डीटीसी-क्लस्टर की सभी नई व पुरानी बसों की मॉनिटरिंग करने के लिए कमांड एन्ड कंट्रोल सेंटर की शुरुआत कर दी गई है. इस सेंटर में ट्रेनिंग पा चुके 6 कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गयी है. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को कश्मीरी गेट पहुंचकर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का जायजा लिया. उन्होंने अधिकारियों को लाइव मॉनिटरिंग के तमाम डेटा और संचालन से जुड़ी रिपोर्ट रोजाना जमा करने का निर्देश दिया है.
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के मुताबिक कमांड एन्ड कंट्रोल सेंटर के इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 150 करोड़ रुपए है, जिसका मेंटिनेंस 5 साल तक एक प्राइवेट कम्पनी करेगी. फिलहाल ये प्रोजेक्ट कुछ सप्ताह के ट्रायल पर है, जल्द ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यहां का दौरा भी करेंगे. कश्मीरी गेट पर कमांड और कंट्रोल सेंटर के अलावा, एक डिजास्टर रिकवरी सेंटर, एक डेटा सेंटर और सभी डिपो में अलग-अलग व्यूइंग सेंटर भी हैं. सभी डिपो प्रबंधकों द्वारा लाइव फुटेज की निगरानी भी की जा सकती है. बसों में सभी गतिविधियों की वास्तविक समय की निगरानी के लिए कमांड सेंटर 24 घंटे कार्य करेगा. डिपो प्रबंधक, ड्राइवर, कंडक्टर और मार्शल बसों को भी सिस्टम के संचालन से संबंधित ट्रेनिंग दी गई है.
यात्री, ड्राइवर या कंडक्टर किसी भी आपात स्थिति या घबराहट की स्थिति में पैनिक बटन दबा सकते हैं. अलर्ट स्वचालित रूप से रियल टाइम में कश्मीरी गेट पर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को भेजा जाएगा. कमांड सेंटर में ऑपरेटर अलर्ट को फिल्टर करेगा और अलग अलग अलर्ट के मुताबिक, स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर्स को फॉलो करते हुए पुलिस, फायर और एम्बुलेंस को तुरंत अलर्ट भेजेगा. इन पैनिक अलर्ट के साथ सिंक्रोनाइजेशन में आपातकाल के दौरान अधिकारियों को एसएमएस और एक ईमेल अलर्ट भी भेजा जाएगा.
इसके अलावा अगर बस ड्राइवर बस स्टॉप पर नहीं रुकता है तो इसका अलर्ट भी कमांड एन्ड कंट्रोल सेंटर पर पहुंच जाता है. साथ ही बस के रूट में बदलाव करने पर भी सिस्टम को अलर्ट मिल जाएगा, जिसके बाद कमांड सेंटर में बैठे कर्मचारी कॉल के जरिए कंडक्टर से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र होंगे. बता दें कि सभी डीटीसी और क्लस्टर बसों को अब 3-आईपी कैमरा, एमएनवीआर जीपीएस डिवाइस, 10 पैनिक बटन, ड्राइवर के लिए एक डिस्प्ले, हूटर, स्ट्रोब और टू-वे ऑडियो कम्यूनिकेशन डिवाइस को एक-एक ड्राइवर और कंडक्टर के साथ फिट किया गया है. दिल्ली की लगभग 5500 बसों में सिस्टम इंस्टॉल हैं, जो 24 घंटे कश्मीरी गेट पर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से लाइव निगरानी में रहेंगी.