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कोरोना काल में आपके सांसद ने किया क्या-क्या काम? बताएंगे लोकसभा स्पीकर ओम बिरला

संसद के अगले मानसून सत्र में जिन सांसदों के जनसेवा के कार्य मिसाल बन गए हैं उन सभी सांसदों को सत्र के दौरान अपने अनुभव को शेयर करने के लिए विशेषरूप से बोलने का समय दिया जायेगा.

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (फाइल फोटो) लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (फाइल फोटो)
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 04 जून 2021,
  • अपडेटेड 7:59 AM IST
  • ओम बिरला ने लिखा सभी लोकसभा सांसदों को पत्र
  • कोरोना के समय जनसेवा का मांगा ब्यौरा

कोरोना महामारी के संकट में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सभी लोकसभा सांसदो को पत्र लिख कर कहा हैं कि इस संकट की घड़ी में आपने अपने लोकसभा क्षेत्र में जो भी जनसेवा के अभूतपूर्व कार्य किए हैं उन जनसेवा और अनुभवों की डिटेल फोटो के साथ स्पीकर ऑफिस के साथ साझा करें.

सूत्रों की माने तों लोकसभा ओम बिरला सांसदों के इन अनुभवों को एक बुकलेट बना कर सभी लोकसभा और राज्यसभा सांसदों, सभी राज्यों के विधायकों, विधान परिषद के सदस्यों को भेजेंगे. जिससे सांसदों के द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी देश के सभी चुने गए प्रतिनिधियों तक पहुंचें. 

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सूत्रों के अनुसार संसद के अगले मॉनसून सत्र में जिन सांसदों के जनसेवा के कार्य मिसाल बन गए हैं उन सभी सांसदों को सत्र के दौरान अपने अनुभव को शेयर करने के लिए विशेषरूप से बोलने का समय दिया जायेगा. बताया जा रहा है कि कोरोना महामारी की शुरुआत में ओम बिरला ने सभी पीठासीन अधिकारियों समेत विधायकों पत्र लिखकर कहा था कि आप सब अपने क्षेत्रों ज़्यादा से ज़्यादा सेवा कार्य करें. 

दरअसल इस संकट की घड़ी में ओम बिरला ने भी अपने लोकसभा क्षेत्र कोटा में कई जनसेवा कार्य किए हैं. उनकी अपील पर सभी कोचिंग सेंटर के प्रबंधकों ने फैसला लिया कि देश भर के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता या परिवार के कमाने वाले सदस्य की कोरोना के कारण मृत्यु हो गई है, यदि वे मेडिकल या इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा आते हैं तो उनको निशुल्क कोचिंग दिलवाई जायेगी और होस्टल की व्यवस्था कराएंगे. उनके संसदीय क्षेत्र में जिन बच्चों के माता-पिता या कमाने वाले सदस्य की कोरोना के कारण मृत्यु हुई हैं, उन बच्चों की पढ़ाई उसी स्कूल किताबों व यूनीफार्म की व्यवस्था के साथ निशुल्क रहेगी. 

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उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र के लिए 16 अप्रैल से  हेल्पलाइन सेवा भी शुरू की थी. इस हेल्पलाइन के जरिए ऑक्सिजन सिलेंडर, कोरोना से सम्बंधित सभी दवाई भी आम आदमी के उपलब्ध कराने और ज़रूरत पड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराने में सहायता और एंबुलेंस सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही हैं. जिन लोगों को अस्पताल में भर्ती होने में देरी हों रही हैं उन्हें बाहर ऑक्सिजन देने की व्यवस्था की कराई गई हैं. 

कोटा शहर के प्रत्येक वार्ड के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में लगभग 281 ग्राम पंचायतों में उन्होंने कार्यकर्ताओं की 3 से 5 सदस्यों की कोरोना योद्धा सैनिकों की टीमों को बनाया और इन टीमों अक्सीमीटर,  थर्मोमीटर, मास्क, ग्लब्ज और सेनेटाइजर उपलब्ध करवाए गए हैं. 
 

 

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