
दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के द्वारका में भीड़ ने एक महिला पायलट और उसके पति की सड़क पर खींचकर पिटाई कर दी. इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा रहा है कि भीड़ ने पहले महिला पायलट को घर की दहलीज से बाल पकड़कर खींचा और फिर सड़क पर लाकर पिटाई शुरू कर दी. इस बीच, बचाने आए पति के साथ भी मारपीट की गई. भीड़ की नाराजगी देखकर अन्य लोग तमाशबीन बने रहे. यह पूरा विवाद 10 साल की बच्ची से जुड़ा है. जानिए घर में मेड रखते समय किन नियमों का करना होगा पालन... अगर वो नाबालिग है तो क्या कहता है कानून... और अपराध के लिए क्या हो सकती है सजा.
सबसे पहले पूरा मामला जान लीजिए. दरअसल, आरोपी दंपति कौशिक बागची (36) और उसकी पत्नी पूर्णिमा बागची (33) पर आरोप है कि उन्होंने अपने घर में 10 साल की बच्ची को पहले नौकरानी की तरह काम करवाया. उसे फिर उसके साथ मारपीट की और टॉर्चर भी किया. बच्ची के शरीर पर जख्म तक मिले हैं और चेहरे पर सूजन देखी जा रही है. जब यह बात लोगों को पता चली तो भीड़ दंपति के घर बाहर इकट्ठी हो गई.
आरोपी दंपति गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, कौशिक बागजी एक निजी एयरलाइन ग्राउंड स्टाफ के तौर पर कर्मचारी है. जबकि उसकी पत्नी एक अन्य एयरलाइन में पायलट है. दोनों ने अपने घर के काम के लिए 10 साल की नाबालिग बच्ची को रखा था. नाबालिग से मारपीट करने के आरोप में कौशिक और पूर्णिमा को गिरफ्तार कर लिया है. घटना के वक्त महिला पायलट वर्दी में थी. पुलिस का कहना था कि उन लोगों (भीड़) के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने दंपति के साथ मारपीट की. हमलावरों के खिलाफ शिकायत की गई है.
'उसे छोड़ दो, वो मर जाएगी'
कथित वीडियो में भीड़ कपल के साथ मारपीट करते देखी जा रही है. कुछ महिलाओं को आरोपी महिला को थप्पड़ मारते और उसके बाल खींचते हुए भी देखा गया. वीडियो में पूर्णिमा को माफी मांगते हुए सुना गया. जबकि कौशिक भीड़ से यह कहते हुए दिख रहा कि 'वह मर जाएगी...उसे छोड़ दो..'. एक बुजुर्ग व्यक्ति के हस्तक्षेप के बाद भीड़ तितर-बितर हो गई.
दिल्ली में महिला पायलट और पति को भीड़ ने पीटा, नाबालिग घरेलू सहायिका की पिटाई का आरोप
किसने क्या कहा...
- पुलिस ने यह भी बता कि बच्ची से मारपीट की घटना सामने आने के बाद दंपति का पीड़िता के रिश्तेदारों से आमना-सामना हो गया था. उन्होंने उनके साथ मारपीट भी की.
- इस बीच, इंडिगो ने बुधवार को एक बयान में कहा- उसने अपनी कर्मचारी को ड्यूटी से हटा दिया है. मामले की जांच की जा रही है. उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो की जानकारी मिली है, जिसमें कथित तौर पर एयरलाइन की कर्मचारी शामिल है.
-वहीं, विस्तारा ने भी एक बयान जारी किया और कहा- उसने हिंसा और दुर्व्यवहार की घटना में कथित संलिप्तता के लिए एक कर्मचारी को कर्तव्यों से हटा दिया है. हम कानून और प्रवर्तन एजेंसियों का पूरा सहयोग करेंगे. हमने कर्मचारी को उसके कर्तव्यों से हटा दिया है.
- शीर्ष बाल अधिकार निकाय एनसीपीसीआर ने दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट से सात दिनों के भीतर घटना के संबंध में एक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है, जिसमें आरोपी के खिलाफ एफआईआर की कॉपी, पीड़िता का मेडिकल स्टेटस और अन्य जरूरी दस्तावेज शामिल हैं.
- दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने घटना की निंदा की. उन्होंने कहा- नाबालिग लड़की को घरेलू नौकर के रूप में रखने और उसे बेरहमी से प्रताड़ित करने वाले ऐसे 'निर्दयी लोगों' के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. इस मामले में दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है.
पुलिस ने बताया पूरा घटनाक्रम...
पुलिस उपायुक्त (द्वारका) एम हर्ष वर्धन ने कहा- द्वारका दक्षिण पुलिस थाने में घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली 10 साल की बच्ची के साथ दुर्व्यवहार की सूचना मिली थी. यह बच्ची पिछले दो महीनों से दंपति के घर पर काम कर रही थी. उसे बुधवार को दंपति ने पीटा. कथित हमले को नाबालिग के रिश्तेदारों ने भी देखा. पीड़िता को नाबालिग के रिश्तेदार ने ही दंपति के घर पर काम पर रखा था. रिश्तेदार पास के एक घर में भी काम करते हैं. मामला संज्ञान में आने के बाद दंपति के घर के बाहर भीड़ जमा हो गई. उन्होंने दंपति का विरोध किया. बाद में उनके साथ मारपीट की. नाबालिग लड़की का मेडिकल कराया गया है. उसकी काउंसलिंग की गई है. बच्ची की आंखों के आसपास चोटें हैं. शरीर पर जलने के निशान हैं.
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रिश्तेदारों ने क्या आरोप लगाए...
रिश्तेदार ने आरोप लगाया कि घर का काम ठीक से नहीं करने के कारण दंपति अक्सर नाबालिग लड़की को डांटते थे. बुधवार की सुबह जब वो अपने काम के सिलसिले में सड़क से गुजर रही थी तो उसने पूर्णिमा को नाबालिग लड़की को पीटते हुए देखा. बच्ची बालकनी में काम कर रही थी. उसके बाद वो अन्य लोगों के साथ दंपति के घर गई लेकिन वे बाहर नहीं आए और हंगामा करने के बाद उन्होंने दरवाजा खोला और बच्ची को बाहर निकाल दिया. उसके बाद बच्ची ने सभी के सामने आपबीती सुनाई. बच्ची का कहना था कि उसे बालकनी साफ करने के लिए कहा गया था. जब वो काम कर रही थी तो महिला ने उसे यह कहते हुए डांटना और पीटना शुरू कर दिया कि वह बालकनी की सफाई ठीक से नहीं कर रही है. पीड़िता के माता-पिता बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक गांव के रहने वाले हैं. परिवार का कहना है कि बच्ची को यह कहकर नौकरी पर रखा था कि उसे ढाई साल की देखभाल करनी होगी. लेकिन, बाद में उससे घर के काम करवाना शुरू कर दिए.
चाचा बोले- गर्म इस्त्री से बच्ची को जलाया
नाबालिग लड़की को कथित तौर पर घर का काम ठीक से नहीं करने के कारण पीटा गया है. पीड़िता के चाचा का आरोप है कि लड़की को पहले भी डांटा और पीटा गया था. लड़की को पिछले तीन-चार दिनों तक भूखा भी रखा गया और खाने के लिए बासी रोटियां दी गईं. कुछ दिन पहले लड़की महिला की वर्दी पर इस्त्री कर रही थी. गलती से उसने कपड़े जला दिए. वो 10 साल की बच्ची है. आप उससे क्या उम्मीद करते हैं? जब आरोपी महिला ने यह देखा तो उसने लड़की को उसी इस्त्री से जला दिया.
पुलिस ने किन धाराओं में दर्ज किया केस
- डीसीपी ने बताया कि पुलिस ने आरोपी दंपति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 324 (खतरनाक हथियारों या साधनों से स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना) और 370 (किसी व्यक्ति को गुलाम के रूप में खरीदना) के तहत केस दर्ज किया है.
- इसके अलावा, बाल श्रम अधिनियम और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम की धारा 75 भी रजिस्टर्ड की गई है. पुलिस ने कहा- पीड़िता की ओर से यौन उत्पीड़न का आरोप नहीं लगाया गया है.
- पुलिस ने बताया कि आरोपी पूर्णिमा की तरफ से भी शिकायत की गई है. मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) और 341 (गलत तरीके से रोकना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
आरोपी पायलट कपल को क्या मिल सकती है सजा...
धारा 323: यह जमानती अपराध है. इस धारा को घरेलू हिंसा के मामलों में भी लागू किया जा सकता है. अगर कोई अपनी इच्छा से किसी को चोट या नुकसान पहुंचाता है तो ऐसा करने पर उसे 1 साल तक की कैद या एक हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.
धारा 324: खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाने के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. इसमें मृत्यु की संभावना है. जब कोई जानबूझकर खतरनाक हथियारों या पदार्थों या किसी जलाने वाले सामान का उपयोग करके चोट पहुंचाता है, जिससे गंभीर चोट लगने की संभावना होती है. ऐसे अपराधी को तीन साल के कारावास से दंडित किया जा सकता है. इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है. अपराध की प्रकृति को देखते हुए दंड और जुर्माना दोनों भी लगाया जा सकता है.
धारा 342: गलत तरीके से किसी इंसान को बंदी बनाकर रखने पर सजा होगी. जैसे किसी को कमरे में बंद कर दिया और बाहर से लॉक लगा दिया. जो भी व्यक्ति किसी को गलत तरीके से प्रतिबंधित या बंधक बनाकर रखेगा, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा दी जा सकती है. इसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है या एक हजार रुपए तक का आर्थिक दंड या दोनों से दंडित किया जाएगा.
धारा 370: मानव तस्करी को एक आपराधिक मामला माना जाता है. मानव तस्करी में बल प्रयोग, धोखाधड़ी या जबरदस्ती शामिल हो सकती है. किसी को वेश्यावृत्ति, जबरन श्रम या अन्य प्रकार के शोषण के लिए मजबूर करना शामिल हो सकता है. गोद लेने या जबरन श्रम के प्रयोजनों के लिए बच्चों की तस्करी भी शामिल हो सकती है. इस अपराध में दस साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों शामिल हैं. यदि पीड़ित बच्चा है तो सजा और भी गंभीर हो सकती है, जिसमें 14 वर्ष तक का कारावास या आजीवन कारावास भी हो सकता है.
बाल श्रम अधिनियम की धारा 75: बालक के प्रति क्रूरता किए जाने पर अपराधी माना जाता है. इसमें बालक को अनावश्यक मानसिक या शारीरिक कष्ट पहुंचाना. हमला करना, परित्याग या उत्पीड़न करना, जानबूझकर उसकी उपेक्षा करना या उस पर हमला किया जाना शामिल है. इस अपराध में दोषी को 3 वर्ष तक कारावास और एक लाख रूपये जुर्माने का प्रावधान है.
भीड़ पर क्या कार्रवाई हो सकती है...
धारा 323: यह जमानती अपराध है. अगर कोई अपनी इच्छा से किसी को चोट या नुकसान पहुंचाता है तो ऐसा करने पर उसे 1 साल तक की कैद या एक हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.
धारा 341: जो भी व्यक्ति किसी को गलत तरीके से रोकता है तो उसे किसी एक अवधि के लिए साधारण कारावास की सजा जो एक महीने तक हो सकती है या पांच सौ रुपये का आर्थिक दंड या दोनों से दंडित किया जाएगा. यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है. किसी भी मॅजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है.
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क्या हैं मेड रखने के लिए नियम? अगर नाबालिग है तो...
- घर में अक्सर नौकर-नौकरानी रखते समय लोग नियमों और कानून पर ध्यान नहीं देते हैं. बाद में जब कोई चोरी या अन्य बड़ी वारदात होती है तो परिवार नियम और कानून के दायरे में फंस जाता है. ऐसे में घर में मेड रखते समय नियमों और कानून का पालन जरूर करना चाहिए. थोड़ी सी सावधानी आपको कानूनी उलझन से बचा सकती है.
- नाबालिग से कोई भी काम करवाना गैर कानूनी और अपराध है. इस जुर्म में सजा का प्रावधान है. बाल श्रम एक्ट में बच्चों के अधिकार का संरक्षण किया गया है. बच्चों को ना घर में नौकर रखा जा सकता है. ना कोई श्रम करवाया जा सकता है.
- अगर आपके घर में कोई नाबालिग नौकरी के लिए आता है तो उसे काम पर ना रखें. भले वो कितने भी कम पैसे में काम करने के लिए तैयार हो.
- घर में मेड रखने से पहले वेरिफिकेशन करना जरूरी है. बगैर वेरिफिकेशन के किसी को घर में एंट्री नहीं देना चाहिए.
- पुलिस को सूचना देना जरूरी है. पुलिस वेरिफिकेशन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से करवा सकते हैं.
- मेड का आधार कार्ड से लेकर फोटो और जरूरी जानकारी जुटाना भी बेहद जरूरी है. ताकि गड़बड़ी की स्थिति में आप पुलिस को सही जानकारी पहुंचा सकें.
- मेड की पूरी जानकारी फॉर्म में भरना चाहिए. जो जरूरी दस्तावेज लिए हैं, उनकी कॉपी तैयार करके नजदीक पुलिस स्टेशन में जमा करना चाहिए. पुलिस सत्यापन के बाद वेरिफाई कॉपी लौटा देती है.
- अगर कहीं पहले काम किया है तो वहां क्यों छोड़ा है, नौकरी छोड़ने का कारण पता करना चाहिए.
- मेड से मारपीट या अत्याचार नहीं करना चाहिए. अगर कुछ गलत किया है तो पहले उससे पूछताछ करें. पुलिस को भी सूचित करें. खुद कोई गैर कानूनी कदम ना उठाएं.
- कैमरे के सामने पूछताछ करें. ताकि पूरी बातचीत की वीडियो रिकॉर्डिंग सुरक्षित रहे.
-अगर मेड महिला है तो पूछताछ के वक्त घर की महिला सदस्य को भी साथ में बैठाएं. ताकि अन्य आरोपों से बचा जा सके.
महिला पायलट कपल ने क्या गलतियां की हैं...
- नाबालिग बच्ची को काम पर नहीं रखना चाहिए. भले ही ढाई साल के बच्चे की देखभाल के लिए हायर किया था. इसके लिए बालिग होना जरूरी था. ऐसा करके महिला पायलट ने बाल श्रम कानून का उल्लंघन किया है.
- नाबालिग बच्ची के साथ मारपीट की गई. उसे गर्म इस्त्री से जला दिया गया. यह आईपीसी की धाराओं का उल्लंघन है.
- नाबालिग बच्ची को घर में बंधक बनाकर रखा गया. जब घर वाले बाहर पहुंचे तो अंदर से गेट बंद था और लॉक लगा था.
- नाबालिग बच्ची का शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किया गया. उसे जरा सी गलतियों पर पीटा गया.