
आईएएस, अन्य सिविल सेवाओं और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में मैथिली विषय को वैकल्पिक विषय के रूप में चयन करने वालों के लिए दिल्ली सरकार की मैथिली-भोजपुरी अकादमी की तरफ से फ्री में कोचिंग होगी. इसकी जानकारी दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि अभी तक मैथिली का कोई फॉन्ट मौजूद नहीं है. मैथिली का फॉन्ट उपलब्ध कराने की दिशा में दिल्ली सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. इसके लिए दिल्ली सरकार सी-डैक से संपर्क कर रही है. सी-डैक से कम्प्यूटर फॉन्ट तैयार करवाकर उसे लोगों के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा.
उल्लेखनीय काम करने वालों को सम्मानित करेगी दिल्ली सरकार
इसके अलावा दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक मैथिली-भोजपुरी में उल्लेखनीय काम करने वालों को सम्मान देने की व्यवस्था नहीं है. दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि अब मैथिली-भोजपुरी भाषा में उल्खेनीय काम करने वाले शख्सियतों को भी सम्मान दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि उर्दू, हिंदी, पंजाबी सभी में अवॉर्ड हैं, लेकिन मैथिली, भोजपुरी में साहित्य, कला, पत्रकारिता इत्यादि में काम करने वालों के लिए अवॉर्ड नहीं थे. अब मैथिली-भोजपुरी में कला, साहित्य,रंगमंच, शोध, पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वाली शख्सियतों को सम्मानित किया जाएगा.
केजरीवाल सरकार द्वारा जारी लिस्ट के मुताबिक:-
1. शिखर सम्मान (मैथिली) लाइफटाइम अचीवमेंट (2.5 लाख)
2. शिखर सम्मान (भोजपुरी) लाइफटाइम अचीवमेंट(2.5 लाख)
3. साहित्यकार सम्मान (मैथिली)( 1 लाख)
4. साहित्यकार सम्मान (भोजपुरी) (1 लाख)
5.कला एवं संस्कृति सम्मान (मैथिली) (1 लाख)
6. कला एवं संस्कृति सम्मान (भोजपुरी) (1 लाख)
7. पत्रकारिता (मैथिली) (1 लाख)
8. पत्रकारिता (भोजपुरी) (1 लाख)
9. समालोचना (मैथिली)(1 लाख)
10. समालोचना (भोजपुरी)(1 लाख)
11. अनुवाद (मैथिली)(1 लाख)
12. अनुवाद (भोजपुरी)(1 लाख)
मैथिली उत्सव मनाएगी दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार नवंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में कनॉट प्लेस में पांच दिन का मैथिली-भोजपुरी उत्सव मनाएगी. साथ ही मनीष सिसोदिया ने बताया कि मैथिली को तो संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है, लेकिन भोजपुरी को शामिल नहीं किया गया है. इस वजह से भोजपुरी भाषा पढ़ाई नहीं जा सकती. इसलिए सीबीएसई के पाठ्यक्रम में भी नहीं कर सकते. आईएएस, अन्य सिविल सेवाओं और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी कोई स्टूडेंट भोजपुरी को वैकल्पिक विषय के रूप में नहीं ले सकता. यहां तक कि अगर कोई संसद में भोजपुरी में शपथ लेना चाहे तो वह भी नहीं कर सकता.
सिसोदिया ने आगे केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि मौजूदा केन्द्र सरकार जब 2014 में सत्ता में आई थी तब उसने उस वक्त कहा था कि वह भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में लेकर आएंगे, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ. इसके लिए मैथिली-भोजपुरी अकादमी के चेयरमैन के तौर पर मैं केंद्र सरकार को लिख रहा हूं कि वह भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करें.