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दक्षिणी दिल्ली में 2 किलो से अधिक चरस के साथ एक व्यक्ति गिरफ्तार

दक्षिणी दिल्ली में 55 वर्षीय एक ड्राइवर को 2 किलोग्राम से अधिक चरस रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. राम तमांग को उस समय पकड़ा गया जब वह शुक्रवार शाम को मालवीय नगर में किसी को 160 ग्राम चरस (हशीश) की खेप देने आया था.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:27 AM IST

दक्षिणी दिल्ली में 55 वर्षीय एक ड्राइवर को 2 किलोग्राम से अधिक चरस रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी. पुलिस के मुताबिक, राम तमांग को उस समय पकड़ा गया जब वह शुक्रवार शाम को मालवीय नगर में किसी को 160 ग्राम चरस (हशीश) की खेप देने आया था.

ड्राइवर का काम करता था आरोपी
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अंकिता चौहान ने बताया कि अधिकारी उसे चिराग दिल्ली के एक घर में ले गए, जहां उसने 2.005 किलोग्राम नशीला पदार्थ छिपा रखा था. पूछताछ के दौरान तमांग ने खुलासा किया कि वह पश्चिम बंगाल का रहने वाला है. वह ड्राइवर का काम करता था और वह 30 साल से दिल्ली में रह रहा है.

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2020 में वह पश्चिम बंगाल सीमा से कुछ लोगों के संपर्क में आया, जो नशीले पदार्थों की तस्करी में लिप्त थे. उसी साल उसे इसी तरह के एक मामले में गिरफ्तार भी किया गया था. 2020 में उसे दिल्ली के केएम पुर से इसी तरह के ड्रग तस्करी मामले में गिरफ्तार किया गया था और 2022 तक जेल में रहा. पुलिस ने बताया कि जेल से बाहर आने के बाद उसने फिर से ड्रग्स बेचना शुरू कर दिया.

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने 2 अक्टूबर को साउथ दिल्ली में रेड डालकर 500 किलोग्राम से अधिक कोकीन बरामद की थी, जिसकी कीमत करीब 5600 करोड़ रुपये बताई गई. इसे राष्ट्रीय राजधानी में अब तक की सबसे बड़ी नशीली दवाओं का भंडाफोड़ कहा गया. दिल्ली पुलिस ने बताया था कि कोकीन की इस बड़ी खेप के पीछे एक इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट का हाथ है. स्मगलिंग करके दिल्ली लाए गए ड्रग्स का इस्तेमाल हाई-प्रोफाइल पार्टियों में किया जाता है.

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ये इलाके हॉट स्पॉट
हालांकि, दिल्ली में यह ड्रग्स रैकेट के भंडाफोड़ का पहला वाकया नहीं है. हर साल लाखों करोड़ का नशीला पदार्थ सीज होता है. इस साल मार्च में दिल्ली पुलिस के एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) द्वारा किए गए एक इंटरनल सर्वे के अनुसार जामा मस्जिद, छतरपुर, निजामुद्दीन और मजनू का टीला मादक पदार्थों की तस्करी के लिए 'हॉट स्पॉट' के रूप में उभरे हैं. इस सर्वे का हिस्सा रहे वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में 64 ऐसे हॉट स्पॉट की पहचान की है.

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