
मनीष सिसोदिया को शराब घोटाला केस में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया है. सीबीआई ने करीब आठ घंटे चली मैराथन पूछताछ के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया है. मनीष सिसोदिया दिल्ली की पटपड़गंज विधानसभा सीट से विधायक हैं. उत्तर प्रदेश के हापुड़ में जन्में 51 साल के मनीष सिसोदिया पत्रकारिता के पेशे से सियासत में आए थे.
मनीष सिसोदिया की गिनती दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी नेताओं में होती है. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार में नंबर टू हैं ही, कई महत्वपूर्ण विभाग उनके पास हैं. सिसोदिया के पास शिक्षा, वित्त, योजना, भूमि और भवन, जागरुकता, सेवाएं, पर्यटन, कला, संस्कृति और भाषा, श्रम, रोजगार के साथ ही लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं.
ये विभाग सिसोदिया के पास
मनीष सिसोदिया के दिल्ली सरकार में कद का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, आवास, शहरी विकास, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण, पानी जैसे विभाग भी सिसोदिया के पास हैं. अन्य सभी ऐसे विभाग जो किसी मंत्री को आवंटित नहीं किए गए हैं, वे सभी विभाग भी मनीष सिसोदिया के पास हैं.
मनीष सिसोदिया उन चंद लोगों में से हैं जो स्थापना के समय से ही आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए हैं. मनीष सिसोदिया ने साल 2011 में अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भी सक्रिय भागीदारी निभाई थी. अन्ना आंदोलन के बाद अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के साथ मिलकर सियासी दल बनाने की बात आई तो उसमें भी मनीष सिसोदिया ने अहम भूमिका निभाई.
2013 में पहली बार विधायक बने थे सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने साल 2013 में पहली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई थी. मनीष सिसोदिया ने भारतीय जनता पार्टी के नकुल भारद्वाज को हराया था. मनीष सिसोदिया इसके बाद 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में भी पटपड़गंज विधानसभा सीट से विधायक चुने गए. मनीष सिसोदिया ने साल 2015 में दिल्ली सरकार के पहले डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली थी. मनीष सिसोदिया 2020 के चुनाव में जब आम आदमी पार्टी सत्ता में आई, डिप्टी सीएम के पद पर बरकरार रहे.
पेशे से पत्रकार रहे हैं मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में करियर बनाया. मनीष सिसोदिया ऑल इंडिया रेडियो में 'जीरो ऑवर' नाम से एक कार्यक्रम होस्ट करते थे. मनीष सिसोदिया ने एक प्रतिष्ठित समाचार चैनल के लिए भी काम किया. मनीष सिसोदिया पत्रकारिता में सक्रिय रहे और इसके बाद वे गैर सरकारी संगठनों के जरिये सामाजिक कार्यों में जुट गए.
सिसोदिया को मिल चुका है सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री का पुरस्कार
मनीष सिसोदिया ने साल 2006 में पब्लिक कॉज रिसर्च नामक फाउंडेशन की स्थापना की. इस एनजीओ के जरिये मनीष सिसोदिया ने सामाजिक कार्य की शुरुआत की थी. अन्ना हजारे ने जब भ्रष्टाचार के विरोध में जन लोकपाल विधेयक को लेकर आंदोलन शुरू किया, मनीष सिसोदिया भी अरविंद केजरीवाल के साथ इस आंदोलन में कूद पड़े थे. मनीष सिसोदिया को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री के पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है. मनीष सिसोदिया की बनाई डॉक्यूमेंट्री को भी पुरस्कार मिल चुका है. मनीष सिसोदिया को साल 2016 में एक प्रतिष्ठित मीडिया समूह ने सबसे प्रभावशाली सौ भारतीयों की सूची में भी जगह दी थी.