Advertisement

सिसोदिया के घर 14 घंटे चली CBI की रेड, डिप्टी CM का फोन-लैपटॉप जब्त, FIR भी दर्ज

शराब घोटाले में फंस चुके डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर से 14 घंटे बाद सीबीआई की टीम बाहर निकल गई है. सुबह जो रेड शुरू हुई थी, वो देर रात तक चलती रही और अब जाकर खत्म हुई. जांच के दौरान कुछ सीक्रेट डॉक्यूमेंट भी बरामद किए गए हैं. इसके अलावा सिसोदिया का फोन और लैपटॉप भी जब्त कर लिया गया है.

सिसोदिया के घर 14 घंटे चली CBI की रेड सिसोदिया के घर 14 घंटे चली CBI की रेड
मुनीष पांडे/पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:38 AM IST
  • सिसोदिया बोले- केंद्र कर रही सीबीआई का इस्तेमाल
  • सीबीआई ने सिसोदिया का ईमेल डेटा जब्त किया
  • रेड के बाद पूछताछ के लिए बुला सकती है सीबीआई

शराब घोटाले में फंस चुके डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर से 14 घंटे बाद सीबीआई की टीम बाहर निकल गई है. सुबह जो रेड शुरू हुई थी, वो देर रात तक चलती रही और अब जाकर खत्म हुई. जांच के दौरान कुछ सीक्रेट डॉक्यूमेंट भी बरामद किए गए हैं. 

इस पूरे मामले में सीबीआई की FIR ने मनीष सिसोदिया की मुसीबत सबसे ज्यादा बढ़ाई है. इस मामले में सियोदिया को सिर्फ एक आरोपी नहीं माना जा रहा है, बल्कि मुख्य आरोपी के तौर पेश किया जा रहा है. सीबीआई की FIR में मनीष सिसोदिया का नाम सबसे ऊपर है, बाकी आरोपियों के नाम नीचे आ रहे हैं. ऐसे में जांच का केंद्र मनीष सिसोदिया पर ही रहने वाला है. वैसे डिप्टी सीएम के सामने चुनौती ये भी है कि जो उनके करीबी हैं, उन पर कमीशन लेकर शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने का आरोप लग गया है. सीबीआई को इसके भी कुछ पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं.

Advertisement

पूरे विवाद पर मनीष सिसोदिया ने क्या कहा?

सीबीआई के एक्शन से मनीष सिसोदिया खासा खफा है. देर रात मीडिया से बात करते हुए उन्होंने सीधे-सीधे केंद्र सरकार पर अपना हमला बोला है. सिसोदिया ने कहा है कि आज सुबह सीबीआई की टीम आई थी, उन्होंने पूरे घर की तलाशी ली. मेरा कंप्यूटर और पर्सनल मोबाइल सीज करके ले गए हैं. मैंने और मेरी फैमिली ने पूरा सहयोग दिया जांच में, आगे भी जांच होगी तो सहयोग देंगे. हमने कुछ गलत नहीं किया है, कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है. इसलिए हम डर नहीं रहे हैं. हम जानते हैं कि सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है, सीबीआई को ऊपर से यूज किया जा रहा है, ऊपर से कंट्रोल किया जा रहा है. सब लोग जानते हैं कि किस तरह सीबीआई को कंट्रोल करके दिल्ली सरकार के अच्छे काम रोकने की कोशिश की जा रही है.

Advertisement

(क्रेडिट- अमित भारद्वाज) 

वे आगे कहते हैं कि हम कट्टर ईमानदार हैं, पिछले 7-8 साल से जब से राजनीति में आए हैं, ईमानदारी की राजनीति करते हैं, हमने कहीं कुछ गलत नहीं किया और आगे भी ऐसे ही काम करते रहेंगे. बहुत ईमानदारी से दिल्ली में स्कूल बनाए हैं, लाखों बच्चों का भविष्य संवारा है, ईमानदारी से काम करते हुए अस्पताल बनवाए हैं, लाखों लोगों को इलाज मिला है. लाखों लोगों की दुआएं, लाखे बच्चों और उनके पेरेंट्स की दुआएं हैं. हम उनके लिए काम करते रहेंगे. केंद्र सरकार जितना दुरुपयोग करना चाहे सीबीआई का कर ले, हमने कुछ गलत नहीं किया, वे हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते. ये लाख रोकने की कोशिश करें, लेकिन स्कूल का काम लोगों को अच्छी शिक्षा देने का काम अच्छा इलाज देने का काम दिल्ली सरकार रोकेगी नहीं.

CBI FIR से क्या पता चलता है?

वैसे जिस सीबीआई कॉपी की वजह से ये मामला ज्यादा मजबूत बना है, उसमें कुछ लोगों का जिक्र किया गया है. ये सभी मनीष सिसोदिया के करीबी हैं. FIR कॉपी से पता चलता है कि अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अरुण पांडे शराब व्यापारियों से कमीशन लिया करते थे. कमीशन के बदले में ही लाइसेंस दिया जाता था. अब ये चारों ही मनीष सिसोदिया के करीबी बताए गए हैं, इसी वजह से सीबीआई को उनकी भूमिका को लेकर संदेह है.

Advertisement

पुरानी नीति-नई नीति में क्या फर्क ?

अब इस शराब घोटाले के विवादित बिंदू को अगर सरल भाषा में समझना हो तो सबसे पहले पुरानी नीति को समझना जरूरी हो जाता है. पहले शराब बिक्री के व्यापार में दिल्ली सरकार पूरी तरह शामिल थी. दिल्ली में सरकार की अपनी Liquor Shops होती थीं, जिन्हें Excise Department द्वारा नियंत्रित किया जाता था.  लेकिन नई पॉलिसी के तहत इस पूरे ढांचे को खत्म कर दिया गया. दिल्ली सरकार ने तय किया कि वो इस बिज़नेस का हिस्सा नहीं रहेगी और Private Players ही दिल्ली में शराब की बिक्री करेंगे.

इसके तहत दिल्ली को 32 ज़ोन में बांटा गया और हर ज़ोन में 27 Private Vendors को शराब की बिक्री का लाइसेंस दे दिया गया. यानी इस नीति के तहत दिल्ली के हर वॉर्ड में दो से तीन Liquor Vendors हो गए. इसके अलावा आरोप है कि मनीष सिसोदिया के विभाग द्वारा इन Private Vendors को भारी डिस्काउंट पर शराब बेचने की छूट दी गई.

सिसोदिया पर दो बड़े आरोप क्या हैं?

अब इस पूरे मामले में मनीष सिसोदिया पर दो प्रमुख आरोप हैं. पहला आरोप ये है कि जब Excise Department ने Liquor Shops के लिए लाइसेंस जारी किए तो इस दौरान मनीष सिसोदिया द्वारा कुल Private Vendors को 144 करोड़ 36 लाख रुपये का फायदा पहुंचाया गया. क्योंकि इस दौरान इतने रुपये की License Fee माफ कर दी. जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ. इसके अलावा मनीष सिसोदिया पर ये भी आरोप है कि उन्होंने कैबिनेट को भरोसे में लिए बिना और उप-राज्यपाल के बिना फाइनल अप्रूवल के कई बड़े फैसले लिए.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement