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'मोहल्ला क्लीनिक की व्यवस्था ठप करने की साजिश', मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को लिखा पत्र

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर एमसीडी चुनाव से ठीक पहले मोहल्ला क्लीनिक की पूरी व्यवस्था को ठप करने के लिए साजिश रचने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अधिरकारियों ने मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टरों को सैलरी नहीं दी और क्लीनिक में होने वाले सभी टेस्ट रोक दिए गए.

मनीष सिसोदिया और उपराज्यपाल वीके सक्सेना मनीष सिसोदिया और उपराज्यपाल वीके सक्सेना
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:59 PM IST

दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक को लेकर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने एमसीडी चुनाव से ठीक पहले दिल्ली की जनता को परेशान करने के लिए गहरा षडयंत्र रचने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि एमसीडी चुनाव से ठीक पहले मोहल्ला क्लीनिक की पूरी व्यवस्था को ठप करने के लिए साजिश रची गई. अधिरकारियों ने मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टरों को सैलरी नहीं दी और क्लीनिक में होने वाले सभी टेस्ट रोक दिए गए. उन्होंने एलजी से इस साजिश के पीछे के अधिकारियों को चिन्हित करते हुए सस्पेंड करने की मांग की है.

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मनीष सिसोदिया ने कहा कि चुनावी फायदे के लिए एलजी ने सर्विसेज की शक्तियों का दुरूपयोग कर दिल्ली के लोगों के साथ गलत किया. वहीं, इस संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर कहा कि दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों को एमसीडी चुनाव के पहले ठप करने वालों और उन्हें ऐसा करने का आदेश देने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई हो, यह देशद्रोह है. "सर्विसेज" का दुरुपयोग करके अधिकारियों को धमकी देकर उनसे जन विरोधी काम करवाए जा रहे हैं.

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने अपने पत्र में आगे कहा है कि अफसरों ने जानबूझकर अक्टूबर-नवंबर में मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर्स की सैलरी नहीं दी, सारे टेस्ट व बिजली के बिल रोक दिए और किराए के भवनों में चल रहे क्लीनिक का किराया नहीं जमा किया. चुनाव से पहले यह इसलिए किया गया ताकि जनता परेशान होकर सरकार से नाराज हो और डॉक्टर्स नाराज होकर जनता को परेशान करें. अधिकारियों ने दबी जुबान बताया है कि एलजी की तरफ से निर्देश गए थे कि एमसीडी चुनाव के पहले पेमेंट नहीं करने हैं, नहीं तो सस्पेंड कर दिए जाओगे. उन्होंने अपील करते कहा कि अगर आप जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही नहीं करते हैं, तो लोग कहेंगे कि अधिकारी आप के इशारे पर ही चुनाव से ठीक पहले यह षड्यंत्र रच रहे थे.

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उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मोहल्ला क्लीनिकों में तैनात डॉक्टर्स की अक्टूबर - नवंबर महीने में अधिकारियों द्वारा सैलरी नहीं देने और अन्य पेमेंट रोकने के पीछे बड़ी साजिश बताया है और आज एलजी को पत्र लिख कर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. डिप्टी सीएम ने पत्र में कहा है कि दिल्ली में एमसीडी चुनाव से ठीक पहले दिल्ली की जनता को परेशान करने का एक गहरा षडयंत्र रचा गया. आप जानते हैं कि दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई मोहल्ला क्लीनिक में हर महीने करीब 15 लाख लोग अपना इलाज कराने आते हैं. मोहल्ला क्लीनिक में, एमबीबीएस डॉक्टर्स द्वारा लोगों का इलाज किया जाता है. लोगों के टेस्ट फ्री कराए जाते हैं और उन्हें फ्री दवाइयां दी जाती हैं. मोहल्ला क्लीनिक दिल्ली के कोने-कोने में बने हैं. इसलिए लोग अपने आसपास के मोहल्ला क्लीनिक में बहुत आसानी से पहुंच जाते हैं. एमसीडी चुनाव से ठीक पहले मोहल्ला क्लीनिक की इस पूरी व्यवस्था को ठप करने की साजिश रची गई.

अफसरों ने जानबूझकर फाइलों को घुमाया- सिसोदिया

डिप्टी सीएम ने पत्र में कहा है कि दिल्ली सरकार में बैठे कुछ अफसरों ने जानबूझकर फाइलों को कुछ इस तरह से घुमाया कि एमसीडी चुनाव से ठीक दो महीने पहले यानी अक्टूबर और नवंबर के महीने में मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर्स की सैलरी नहीं दी गई. मोहल्ला क्लीनिक में होने वाले सभी टेस्ट रोक दिए गए, ताकि अगर सैलरी ना मिलने के बावजूद डॉक्टर्स मोहल्ला क्लीनिक में आएं और लोगों का इलाज भी करना चाहें, तो बीमारी के इलाज के लिए जरूरी टेस्ट ना हो पाए. इतना ही नहीं, मोहल्ला क्लीनिक के बिजली के बिल भी रोक दिए गए और जो मोहल्ला क्लिनिक किराए के भवनों में चल रही है, उनका किराया भी नहीं जमा होने दिया गया. यह सब इसलिए किया गया, ताकि जनता परेशान हो और हमारी सरकार से नाराज हो. सैलरी न मिलने से डॉक्टर्स परेशान हों और वे भी सरकार से नाराज हों और जनता को नाराज करें.

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'एलजी साहब की तरफ से सख्त निर्देश गए थे'

पत्र में आगे कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग और वित्त विभाग के अधिकारी लगातार कोई ना कोई बहाना बनाकर फाइलें इधर से उधर घुमाते रहे. फाइलों को नए-नए सवाल पूछ कर इधर-उधर घुमाते हुए, चुनाव के पहले के ठीक दो महीने का समय बिना किसी भुगतान के निकाल दिया गया. मैंने जब अधिकारियों से इस बारे में बात की, तो आधिकारिक रूप से तो वे कुछ-कुछ तकनीकी वजह बताते रहे, लेकिन दबी जबान में यह भी बताते रहे हैं कि एलजी साहब की तरफ से सख्त निर्देश गए थे कि एमसीडी चुनाव के पहले पेमेंट नहीं करने हैं, नहीं तो सस्पेंड कर दिये जाओगे. चूंकि "सर्विसेज़" आपके पास है, इसलिए सभी अफ़सर आप से डरते हैं.

उन्होंने पत्र में कहा है कि मोहल्ला क्लीनिक की व्यवस्था दिल्ली में सात साल से शानदार तरीके से चल रही है. कभी इस तरह की दिक्कत सामने नहीं आई. हमेशा इसी व्यवस्था के तहत डॉक्टर्स को सैलरी मिलती रही है, आम जनता के टेस्ट होते रहे हैं  इसमें दिलचस्प बात यह भी है कि चुनाव खत्म होने के तुरंत बाद, दिसंबर के महीने में सारी ऑब्जेक्शन अचानक दूर हो गई और सभी पेमेंट कर दी गईं, ऐसा कैसे हो गया? इससे साफ हो जाता है कि चुनाव से ठीक दो महीने पहले मोहल्ला क्लिनिक से संबंधित सैलरी और अन्य पेमेंट रोक कर रखना एक बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा था.

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अधिकारियों को चिन्हित कर उन्हें तुरंत सस्पेंड किया जाए- डिप्टी सीएम

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि मेरा आपसे अनुरोध है कि इस पूरी साजिश के पीछे जिम्मेदार अधिकारियों को चिन्हित कर उन्हें तुरंत सस्पेंड किया जाए, अगर आप उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही नहीं करते हैं, तो लोग कहेंगे कि अधिकारी आप के इशारे पर ही चुनाव से ठीक पहले यह षड्यंत्र रच रहे थे. षड्यंत्र को छुपाने के लिए और अपनी जवाबदेही से बचने के लिए अधिकारी कोई ना कोई कहानी जरूर सुनाएंगे, लेकिन उनसे जरूर पूछा जाना चाहिए कि सात साल से जिस व्यवस्था के तहत मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर्स की सैलरी मिलती रही और जिस व्यवस्था के तहत आम जनता के टेस्ट होते रहे, चुनाव से ठीक दो महीने पहले फाइलों को घुमाने के लिए उस पर तरह-तरह के बहाने क्यों लगाए गए? अगर किसी अधिकारी की नजर में कुछ सवाल थे भी तो भी लोगों का इलाज कैसे रोका जा सकता है? डॉक्टर्स की सैलरी कैसे रोकी जा सकती है?

उन्होंने पत्र में कहा है कि दिल्ली के लोगों का इलाज रोकना एक आपराधिक कृत्य है जनता ने जिस सरकार को चुन कर भेजा है, उसके खिलाफ सरकार में बैठे अधिकारी अगर षड्यंत्र करेंगे तो यह देशद्रोह है. अगर अधिकारियों से यह साजिश आपके द्वारा कराई गई है तो यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. उपराज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को यह शोभा नहीं देता कि वह चुनावी उद्देश्यों के लिए जनता की चुनी हुई सरकार के खिलाफ इस तरह की साजिश करें और अगर कुछ अधिकारियों ने अपने स्तर पर यह षड्यंत्र किया है तो निश्चित ही आपको उनके ऊपर सख्त एक्शन लेते हुए यह संदेश देना चाहिए कि आप संविधान में विश्वास रखते हैं और इस तरह की किसी हरकत को बर्दाश्त नहीं करते. 

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सिसोदिया ने आगे पत्र में कहा कि दोषी अधिकारियों को चिह्नित करके उन्हें तुरंत सस्पेंड करें. उनके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करके उन्हें गिरफ़्तार किया जाए. नहीं तो ये साबित हो जायेगा कि आपने "सर्विसेज़" की शक्तिओं का दुरुपयोग करके दिल्ली के लोगों के साथ चुनावी फ़ायदे के लिए ग़लत इस्तेमाल किया. मुझे उम्मीद है कि आप जल्द से जल्द इस पर अपनी प्रतिक्रिया सख्त से सख्त कार्रवाई करते हुए देंगे.

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