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शारीरिक शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाएं स्कूली बच्चे: मनीष सिसोदिया

एक तरफ जहां देश की राजधानी में जुविनाइल के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं. वहीं स्कूली बच्चों के मन से डर को दूर करने के लिए एक जागरूक अभियान चलाया जा रहा है. दिल्ली के कई प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के टीचर अपने स्टूडेंट्स के साथ समाधान आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचे.

मनीष सिसोदिया मनीष सिसोदिया
अंकुर कुमार/पंकज जैन
  • नई दिल्ली ,
  • 31 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:22 PM IST

दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में स्कूली बच्चों के लिए समाधान अभियान का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का मकसद बच्चों को शारीरिक शोषण के बारे जागरूक करना था. दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूली बच्चों को इस इस दौरान शपथ भी दिलाई.

एक तरफ जहां देश की राजधानी में बच्चों के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं. वहीं स्कूली बच्चों के मन से डर को दूर करने के लिए एक जागरूक अभियान चलाया जा रहा है. दिल्ली के कई प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के टीचर अपने स्टूडेंट्स के साथ समाधान आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचे.

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सिसोदिया ने स्कूली बच्चों से बातचीत करते हुए कहा कि आज के समय मे सशक्त और समझदार बच्चे बेहद ज़रूरी हैं. शिक्षा के ज़रिए ही एक मजबूत देश खड़ा किया जा सकता है. कल का हिंदुस्तान मंत्रालय में बैठकर बनाने की बजाए ज़रूरी है कि स्कूल में बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जाए. प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के दफ़्तर में योजना बनाने से ज्यादा जरूरी बच्चों को शिक्षा देना है.

आगे सिसोदिया ने शारीरिक शोषण पर कहा कि अगर हमें कोई प्रताड़ित करता है या गलत काम कर रहा है तो ये डर बना रहता है कि किसे बताएं. ऐसे मौकों पर ज़रूरी है कि अभिभावकों को बच्चों से और बच्चों को अभिभावक से बातचीत करते रहना चाहिए. यह जानना बेहद ज़रूरी है कि बच्चों ने टीवी कितनी देर देखी, मोबाइल कितनी देर इस्तेमाल किया, अकेले कितनी देर बैठे और पैरेंट्स से साथ कितना वक्त गुजारा.

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समाधान आयोजन के दौरान मनीष सिसोदिया ने बच्चों को शपथ भी दिलाई. शपथ में सिसोदिया ने कहा "हम अपने या किसी अन्य के साथ शारीरिक शोषण नहीं होने देंगे. कोई टच करता है या लंबे समय तक देखता है तो उसके खिलाफ़ आवाज़ उठाएंगे."

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