
दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी में उपराज्यपाल द्वारा एल्डरमैन की नियुक्ति को दिल्ली सरकार से मिली चुनौती वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने एलजी सचिवालय को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह लोकतंत्र का अपमान है. एक पार्टी बहुमत से जीत कर आती है और उसे पलटने की कोशिश हो रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल ऑफिस को नोटिस देकर सोमवार तक जवाब देने को कहा है. अब इस मुद्दे पर 17 अप्रैल को सुनवाई होगी. दिल्ली नगर निगम (MCD) में उपराज्यपाल की तरफ से पार्षद मनोनीत किए जाने को मनमाना और असंवैधानिक बताते हुए दिल्ली सरकार की दलील थी कि पार्षद मनोनीत करना उसका अधिकार है.
SC ने उपराज्यपाल से पूछा सवाल
इस मामले पर एलजी कार्यालय का कहना था कि GNCTD एक्ट में 2019 में हुए बदलाव के बाद कानूनी स्थिति बदल चुकी है. लिहाजा दिल्ली की चुनी हुई सरकार की दलील अब बेमानी हो चुकी है. सुनवाई के दौरान CJI चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने पूछा कि उपराज्यपाल बिना कैबिनेट की सलाह के कोई फैसला कैसे कर सकते हैं?
दिल्ली सरकार और LG के बीच विवाद
इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि एल्डरमैन की नियुक्ति GNCTD एक्ट में 2019 में हुए बदलाव के आधार पर की गई है. फिलहाल उपराज्यपाल ऑफिस को अगले सोमवार तक अपना जवाब दाखिल करना है. वहीं दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पार्षद मनोनीत करना उसका अधिकार है. बावजूद इसके लोकतंत्र और जनभावना का लगातार अपमान किया जा रहा है. पार्टी बहुमत से जीत कर सरकार बनाती है और उसके अधिकारों से वंचित कर काम नहीं करने दिया जा रहा है. उसके फैसलों को पलटने की कोशिश हो रही है.