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MCD चुनाव: बीजेपी के कई उम्मीदवारों का नामांकन हुआ रद्द, उम्मीदवार पहुंचे हाई कोर्ट

22 अप्रैल को होने वाले दिल्ली एमसीडी चुनाव में नामांकन रद्द होने के बाद कई प्रत्याशी चुनाव आयोग के खिलाफ हाईकोर्ट में गुहार लगाई है.

फाइल फोटो फाइल फोटो
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 11 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 12:14 AM IST

22 अप्रैल को होने वाले दिल्ली एमसीडी चुनाव में नामांकन रद्द होने के बाद कई प्रत्याशी चुनाव आयोग के खिलाफ हाईकोर्ट में गुहार लगाई है.

8 अप्रैल नाम वापसी की आखिरी तिथि निकलने के बाद सोमवार को लाडो सराय वार्ड से भाजपा प्रत्याशी पिंकी रानी ने नामांकन रद्द होने के खिलाफ याचिका दायर की है. हाइकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करके अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अदालत 11 अप्रैल को निर्णय सुनाएगी.

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बीजेपी की प्रत्याशी ने याचिका मे खुद के एससी श्रेणी में होने के बावजूद अपना नामांकन रद्द करने के दिल्ली चुनाव आयोग के निर्णय को चुनौती दी है. याचिकाकर्ता का तर्क है कि निर्वाचन अधिकारी ने मनमाना रवैया अपनाते हुए गैरकानूनी तरीके से उनका नामांकन रद्द किया है. सुनवाई के दौरान वकील ने अपनी मुवक्किला का पक्ष रखते हुए कहा कि वो मूल रूप से राजस्थान की रहने वाली है.

जहां से उन्हें एससी का प्रमाणपत्र मिला हुआ है और इसी आधार पर दिल्ली सरकार ने भी उन्हें प्रमाणपत्र जारी कर दिया था लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने प्रमाणपत्र स्वीकार ही नहीं किया. अधिकारी के अनुसार केंद्र ने जो सूची जारी की है उसमें उनकी जाति (बैरवा) एससी श्रेणी में आती है.

वहीं, राज्य चुनाव आयोग का कहना था कि आयोग को केंद्र सरकार द्वारा जारी सूची पर अमल करना है और शेड्यूल-वन के तहत याचिकाकर्ता योग्य नहीं है. इसके अलावा नामांकन पत्र वापस लेने की तिथि ख़त्म होने और चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद कोर्ट को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए.

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गौरतलब है कि 8 अप्रैल को नामांकन रद्द होने के बाद छह प्रत्याशियों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट ने केवल एक का नामांकन मान्य करार देने का आदेश देते हुए बाकी पांच की याचिका खारिज कर दी थी. इन पांचों में से विनोद नगर वार्ड से भाजपा प्रत्याशी रवि नेगी ने सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ डबल बेंच मे अपील की है. अबुल फजल एंक्लेव वार्ड से भाजपा प्रत्याशी जमाल हैदर ने भी अपने नामांकन रद्द करने के फैसला को चुनौती दी है. इन दोनों याचिकाओं पर 11 अप्रैल को सुनवाई होगी.

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