
दिल्ली नगर निगम के इसी साल चुनाव होने हैं. एमसीडी चुनाव के कार्यक्रम का ऐलान अभी नहीं हुआ है लेकिन उससे पहले दिल्ली में चुनावी हलचल बढ़ती जा रही है. दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और एमसीडी की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में लैंडफिल को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है.
बीजेपी की सत्ता वाले नगर निगम का कहना है कि तीनों लैंडफिल साइट्स पर जमा लेगेसी कचरे (पुराने कचरे) के निपटान के लिए 44 ट्रॉमल मशीन स्थापित की गई हैं जिनकी कुल क्षमता प्रतिदिन लगभग 20,000 से 22,000 मीट्रिक टन कचरा हटाने की है.
दिल्ली नगर निगम ने अब तक 77 लाख मीट्रिक टन लेगेसी कचरे के निस्तारण का दावा किया है. एमसीडी का दावा है कि ओखला लैंडफिल साइट पर कचरे के ढेर की ऊंचाई 15 मीटर तक कम कर दी गई है. भलस्वा लैंडफिल साइट पर 11 मीटर ऊंचे एक ढेर को पूरी तरह निस्तारित कर दिया गया है. इसके साथ ही 12 मीटर ऊंचे कचरे के एक अन्य ढेर का निपटान करने की प्रक्रिया जारी है.
2024 तक गाजीपुर लैंडफिल साइट समतल करने का लक्ष्य
एमसीडी का दावा है कि गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कुछ स्थानों पर कचरे के ढेर की ऊंचाई 12 से 18 मीटर तक कम कर दी गई है. भलस्वा और ओखला लैंडफिल साइट को दिसंबर 2023 तक पूरी तरह समतल कर दिया जाएगा. वहीं, गाजीपुर लैंडफिल साइट को मार्च 2024 तक समतल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
गौरतलब है कि दिल्ली में हर रोज 11000 मीट्रिक टन कचरा निकलता है. दिल्ली नगर निगम के पास इसमें से 8213 मीट्रिक टन कचरे के निस्तारण करने की क्षमता है, जो प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले कचरे का 75 % है. निगम 557 टन कचरा प्रतिदिन कम्पोस्टिंग संयंत्रों, 256 टन प्रतिदिन एमआरएफ एवं 7400 टन प्रतिदिन वेस्ट टू एनर्जी संयंत्र की सहायता से निस्तारित करता है जो ओखला, बवाना एवं गाजीपुर में हैं.
वहीं, हर रोज 1700 टन कचरा ओखला लैंडफिल साइट, 2200 टन भलस्वा और 1700 टन कचरा गाजीपुर लैंडफिल साइट पर जाता है. वेस्ट टू एनर्जी संयंत्र के अगस्त 2025 तक शुरू होने की संभावना है जिसके बाद ओखला लैंडफिल साइट पर जाने वाले कचरे की मात्रा घटकर 400 से 500 टन प्रतिदिन रह जाएगी. नरेला-बवाना में वेस्ट टू एनर्जी संयंत्र के निर्माण के बाद कचरा निस्तारण बढ़ने की संभावना है. दावा है की दिल्ली नगर निगम सितंबर 2023 तक ओखला के बायो सीएनजी संयंत्र की क्षमता को 300 टन प्रतिदिन तक बढ़ा देगा.
इस तरह से हो रहा है कचरे का निस्तारण
लैंडफिल साइट्स से हर रोज लगभग 1200 मीट्रिक टन आरडीएफ उठाया जा रहा है, जिसमें 100 मीट्रिक टन प्रतिदिन आरडीएफ जेके सीमेंट उठा रही है और बाकी आरडीएफ चार वेस्ट टू एनर्जी संयंत्रों में इस्तेमाल होता है. अब तक जेके सीमेंट की ओर से लगभग 3359 मीट्रिक टन आरडीएफ उठाया गया है. लैंडफिल साइट्स से 30000 मीट्रिक टन इनर्ट एवं निर्माण एवं विध्वंस कचरा उठाया जा चुका है. अगले दो हफ्तों में 15000 मीट्रिक टन इनर्ट और निर्माण एवं विध्वंस कचरा और उठा लिया जाएगा.
नगर निगम का कहना है कि दिल्ली में कोई भी नई लैंडफिल साइट शुरू करने की जरूरत नहीं है बल्कि निगम मार्च 2024 तक लैंडफिल साइट्स को दिल्ली के मानचित्र से हटाने के प्रयास में है. निगम का कहना है कि दिल्ली में 16 नई लैंडफिल साइट स्थापित करने की भी कोई योजना नहीं हैव. इस तरह की भ्रामक खबर फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.