
दिल्ली एमसीडी की मेयर शैली ओबेरॉय ने बड़ा फैसला लेते हुए चीफ एसेसर एंड कलेक्टर कुणाल कश्यप को हटाने के आदेश दिए हैं. उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. कार्रवाई के इस क्रम में मेयर ने उनके अभी तक के सारे कामों की विजिलेंस विभाग द्वारा जांच के आदेश भी दिए हैं. गौरतलब है कि हाउस टैक्स चोरी के मामले में कुणाल पर एक प्रभावशाली व्यक्ति को कथित रूप से 4 करोड़ रुपये की अनुचित सहायता प्रदान करने के आरोप लगे थे.
शैली ने कहा कि भ्रष्टाचार की वजह से MCD घाटे में चल रही है. इस पद पर किसी इमानदार अफसर को तैनात किया जाएगा. इसके साथ ही मेयर ने दिल्ली नगर निगम के अलग-अलग विभागों की जांच शुरू कर दी है. भ्रष्टाचार के मामलों में सक्रियता दिखाते हुए उनकी ओर से ये पहली बड़ी कार्रवाई की गई है.
...तो एमसीडी शायद लाभ में रहती- मेयर
कुणाल पर कार्रवाई को लेकर मेयर ने कहा कि इस तरह के अन्य मामलों के कारण भी एमसीडी को हजारों करोड़ रुपये का भारी नुकसान उठाना पड़ा होगा. पिछली सरकारों में अगर इन मामलों को ईमानदारी से निपटाया गया होता तो एमसीडी शायद लाभ में रहती. कहा कि वो सीएम अरविंद केजरीवाल की जीरो-टॉलरेंस नीति के अनुरूप एमसीडी में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने और लोगों का फिर से विश्वास जीतने के लिए प्रतिबद्ध हैं. 'आप' सरकार में एमसीडी में भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं है.
मेयर ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए
कुणाल कश्यप अब कथित रूप से 'टैक्स चोरी के मामले को हैंडल करने में जानबूझकर देरी' करने के लिए जांच के दायरे में हैं. उनके खिलाफ और भी कई मामलों में आरोप लग चुके हैं और शिकायतें भी मिल चुकी हैं. शैली ने मामले की गंभीरता पर चिंता जताते हुए आयुक्त को पत्र लिखकर अधिकारी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए. इसके माध्यम से मेयर ने एमसीडी की चुनौतीपूर्ण आर्थिक स्थिति पर भी चिंता जताई है.
अब एमसीडी में शासन बदल गया है- मेयर
उन्होंने कहा कि एमसीडी आर्थिक तौर पर संघर्ष कर रही है. उसके पास जन कल्याणकारी कार्य करने के लिए कोई धन नहीं है. दूसरी ओर ऐसे अधिकारी घूस लेकर भारी मात्रा में हाउस टैक्स को छोड़ रहे हैं. ऐसे अधिकारियों को पता होना चाहिए कि अब एमसीडी में शासन बदल गया है.
भ्रष्टाचार उन्मूलन के प्रति प्रतिबद्धता दिखाते हुए मेयर ने आयुक्त को कुणाल कश्यप से सभी जिम्मेदारियों को वापस लेने और उनके स्थान पर बेदाग ईमानदारी के अधिकारी को नियुक्त करने का निर्देश दिया है. इस कदम का उद्देश्य एमसीडी के भीतर नैतिक शासन के सिद्धांतों को बनाए रखना और जनता के विश्वास को बहाल करना है.