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दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष का नाम वोटर लिस्ट में नहीं होने पर राज्य चुनाव आयोग की सफाई, कहा- हमारी कोई भूमिका नहीं

राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता सूची भारत के चुनाव आयोग (Election Commission of India) द्वारा तैयार की जाती है. दिल्ली राज्य चुनाव आयोग (State Election Commission) के पास कोई नाम जोड़ने या हटाने का अधिकार नहीं होता है. SEC ने कहा- भारत के चुनाव आयोग द्वारा सेक्शन 20.21 और 22 के तहत नाम जोड़ने / हटाने का कार्य किया जाता है.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी.
ऐश्वर्या पालीवाल
  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:12 PM IST

दिल्ली नगर निगम चुनाव में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी और राधिका खेड़ा का वोटर लिस्ट में नाम नहीं होने पर राज्य चुनाव आयोग ने सफाई दी है. स्टेट इलेक्शन कमीशन ने कहा है कि वोटर लिस्ट तैयार करवाने की पूरी जिम्मेदारी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की होती है. राज्य चुनाव आयोग सिर्फ उस वोटर लिस्ट का चुनावों में उपयोग करती है. राज्य चुनाव आयोग का वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने या हटवाने में कोई भूमिका नहीं होती है. 

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बता दें कि रविवार को दिल्ली में नगर निगम चुनाव का मतदान हो गया है. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी एमसीडी चुनाव में रविवार को वोट नहीं डाल सके. जब वे अपनी पत्नी के साथ पोलिंग बूथ पहुंचे तो वहां वोटर लिस्ट से उनका नाम गायब था. ऐसे में वे मतदान नहीं कर सके. जबकि अनिल की पत्नी का नाम वोटर लिस्ट में था, इसलिए उन्होंने मतदान किया. कांग्रेस की एक और नेता राधिका खेड़ा ने भी ट्वीट कर वोटर लिस्ट में खुद का नाम नहीं होने की जानकारी दी है. बाद में दिल्ली कांग्रेस के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य चुनाव आयोग में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायत की. शाम को चुनाव आयोग की तरफ से सफाई दी गई.

राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि मतदाता सूची भारत के चुनाव आयोग (Election Commission of India) द्वारा तैयार की जाती है. दिल्ली राज्य चुनाव आयोग (State Election Commission) के पास कोई नाम जोड़ने या हटाने का अधिकार नहीं होता है. SEC ने आगे कहा- मतदाता सूची तैयार की जाती है, संशोधित की जाती है और भारत के चुनाव आयोग द्वारा सेक्शन 20.21 और 22 के तहत नाम जोड़ने / हटाने का कार्य किया जाता है. राज्य चुनाव आयोग का कहना था कि दिल्ली नगर निगम के चुनाव कराने के लिए भारत के चुनाव आयोग द्वारा तैयार मतदाता सूची को सिर्फ उपयोग किया गया है. लेकिन, राज्य चुनाव आयोग के पास कोई नाम जोड़ने या हटाने का अधिकार क्षेत्र नहीं है.

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सिर्फ ECI ही वोटर लिस्ट तैयार करवाता

राज्य चुनाव आयोग ने आगे कहा है कि वोटर लिस्ट को तैयार करने और उनमें नाम जोड़ने/हटाने का कार्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा ही किया जाता है. राज्य निर्वाचन आयोग सिर्फ चुनाव आयोग की मतदाता सूची को उपयोग करता है. उन्होंने अनिल कुमार से इस मुद्दे को मुख्य निर्वाचन अधिकारी दिल्ली के समक्ष उठाने के लिए कहा है.

बता दें कि अनिल चौधरी ने पूर्वी दिल्ली के दल्लूपुरा में एक मतदान केंद्र पर कहा था कि मतदाता सूची में मेरा नाम नहीं है. मेरी पत्नी ने मतदान किया है. अनिल चौधरी कांग्रेस के विधायक रहे हैं. वे रविवार को वार्ड नंबर 193-कोंडली में अपना वोट डालने गए थे. बाद में दिल्ली कांग्रेस ने शिकायत में आरोप लगाया था कि चौधरी का नाम 'जानबूझकर' मतदाता सूची से हटाया गया है, जो गलत खेल की ओर इशारा करता है. कांग्रेस ने आगे कहा था- भाजपा और आम आदमी पार्टी ने एक नागरिक के मतदान के अधिकार की छीना है और लोकतांत्रिक प्रणाली को नष्ट करने की कोशिश की है. शिकायत में कहा गया था कि हम मांग करते हैं कि रिटर्निंग ऑफिसर के खिलाफ विस्तृत जांच का आदेश दिया जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए.

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