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दिल्ली में एमसीडी अस्पतालों के डॉक्टरों ने शुक्रवार शाम अपनी हड़ताल खत्म कर दी. मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ हड़ताल थे. शनिवार को एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग होगी जिसमें आगे की रणनीति पर विचार होगा.
दिल्ली में बीते 10 दिनों से चल रही एमसीडी कर्मचारियों की हड़ताल के बीच शुक्रवार को उपराज्यपाल नजीब जंग ने तीनों निगमों के मेयर के साथ बैठक की. उन्होंने निगम कर्मचारियों को 300 करोड़ रुपये लोन देने का प्रस्ताव रखा है. साथ ही एमसीडी कर्मचारी संगठनों से हड़ताल खत्म करने को भी कहा है.
वहीं, उपराज्यपाल से बैठक के बाद ईस्ट और नॉर्थ एमसीडी के कमिश्नरों ने कर्मचारियों को नोटिस जारी करके काम पर लौटने के लिए कहा है. नोटिस में कहा गया है कि सभी की रुकी हुई सैलरी जल्द मिल जाएगी.
उपराज्यपाल ने तीनों निगमों के मेयर्स से अलग-अलग मुलाकात की. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता को हो रही परेशानियों को दूर करने के लिए डीडीए से 300 करोड़ रुपये लोन लेकर ईस्ट और नॉर्थ एमसीडी को दिया जाएगा, जिससे उनकी रुकी हुई सैलरी मिल सके.
31 मार्च तक दिया जाएगा बकाया पैसा
दिल्ली सरकार ने निगमों को 693 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर दिया है. कर्मचारियों की बकाया सैलरी के भुगतान के लिए उपराज्यपाल ने 300 करोड़ का लोन देने की पेशकश की है, ताकि 1000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पूरा किया जा सके. दरअसल, निगम कर्मचारियों का लगभग 1000 करोड़ रुपये बकाया है, जिसका अब तक भुगतान नहीं किया गया है. यह पैसा 31 मार्च के पहले कर्मचारियों और अधिकारियों को देने की बात कही गई है.
दिल्ली सरकार से करेंगे बात
उपराज्यपाल ने कहा, 'हम दिल्ली की जनता के हित में यह फैसला ले रहे हैं. एमसीडी कर्मचारियों से अपील है कि वे हड़ताल खत्म करें और काम पर लौटें, ताकि जनता को हो रहे परेशानियां दूर की जा सकें.' उपराज्यपाल ने उस बात का भी भरोसा दिया है कि वह दिल्ली सरकार से चौथे वित्त आयोग की सिफारिशें लागू करवाने के लिए बात करेंगे.
हाई कोर्ट ने MCD को लगाई फटकार
इसके पहले शुक्रवार सुबह कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर हाई कोर्ट ने एमसीडी को कड़ी फटकार लगाई है. दोबारा सुनवाई के दौरान तीनों निगमों ने कोर्ट में कहा कि जनवरी तक की सैलेरी वो कर्मचारियों को दे चुके हैं. साथ ही निगमों के वकीलों ने कहा कि हम कर्मचारियों को काम पर वापस आने के लिए नोटिस भी जारी काट चुके हैं. इस मामले में शाम 4 बजे दिल्ली हाई कोर्ट अपना अंतरिम फैसला सुनाएगा.
कोर्ट ने MCD से कहा कि इस मामले पर आप अब तक क्यों सोते रहे? आपको पता है कि ये कितना गंभीर मामला है. आप इस पर पूरी तरह से सक्रिय क्यों नहीं है? आपने अब तक कर्मचारियों से क्यों नहीं बात कि की जनवरी तक की सैलेरी मिलने के बाद भी वो अब तक क्यों हड़ताल पर हैं? उनकी दिक्कतें क्या हैं. हमे पूरा जवाब चाहिए . आप कर्मचारियों से बात करके आइए कि वो हड़ताल कब खत्म कर रहे हैं.
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार और एमसीडी की लड़ाई के चलते लोग बेहद परेशान हो रहे हैं. ये एमसीडी की जिम्मेदारी है. शहर में ऐसे हालात की इजाजत कोर्ट नहीं दे सकता.
यहां हुआ प्रदर्शन
एमसीडी कर्मचारी शुक्रवार को दिल्ली के गाजीपुर इलाके में प्रदर्शन किया. एमसीडी के डॉक्टर, इंजीनियर और दूसरे स्टाफ सिविक सेंटर से राजघाट तक विरोध मार्च भी निकाल रहे हैं. इसके अलावा बीते 2 दिन में जमा हुए भीख के पैसों के दो ड्राफ्ट बनाएंगे. एक CM केजरीवाल को देंगे और दूसरा PM नरेंद्र मोदी को.