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गृह मंत्रालय में हाईलेवल मीटिंग, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर हुई चर्चा

गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख मनोज पांडे, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, CRPF DG, BSF DG, NIA DG, IB चीफ समेत गृह मंत्रालय के दूसरे अफसर मौजूद हैं.

गृह मंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. (फोटो- ANI) गृह मंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. (फोटो- ANI)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 25 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 4:42 PM IST

केंद्रीय गृह मंत्रालय में गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हाइलेवल मीटिंग हुई. इसमें आंतरिक सुरक्षा को लेकर चर्चा की गई. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर बात हुई और सुरक्षा कर्मियों पर हमलों, घुसपैठ की कोशिशों और केंद्र शासित प्रदेश में टारगेटेड किलिंग पर चर्चा की गई.

गृह मंत्री शाह के साथ इस बैठक में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख मनोज पांडे, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, CRPF DG, BSF DG, NIA DG, IB चीफ समेत केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

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सूत्रों के मुताबिक, इस उच्च स्तरीय बैठक में जम्मू कश्मीर के विकास कार्यों और सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की गई. सूत्रों का यह भी कहना है कि इस बैठक में कश्मीर में टारगेटेड किलिंग की घटनाओं पर चर्चा की गई. 

उरी में तीन घुसपैठियों को मार गिराया 

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, गुरुवार को उरी के कमलकोट सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास सुरक्षाकर्मियों ने तीन घुसपैठियों को मार गिराया था. जम्मू-कश्मीर में पिछले चार दिनों में सीमा पार से आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ की कम से कम तीन कोशिशें की गई हैं. जम्मू-कश्मीर के पल्लांवाला सेक्टर में मंगलवार रात आतंकियों के एक समूह ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की. अलर्ट जवानों ने उन पर गोलीबारी की, जिससे उन्हें पीछे हटना पड़ा.

घुसपैठ की बढ़ती दिख रहीं घटनाएं

अधिकारियों ने बताया कि 21 अगस्त को राजौरी के नौशेरा के झंगर सेक्टर में तैनात जवानों ने नियंत्रण रेखा के भारतीय हिस्से में दो से तीन आतंकवादियों की आवाजाही देखी और उन्हें ललकारा. आतंकवादियों में से एक ने भागने की कोशिश की, लेकिन जवानों की गोलीबारी में घायल हो गया और पकड़ लिया गया. अधिकारियों ने बताया कि दो अन्य आतंकवादी भागने में सफल रहे.

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नौशेरा के लाम सेक्टर में 22 और 23 अगस्त की दरमियानी रात दो-तीन आतंकियों के एक गुट ने घुसपैठ की कोशिश की. जैसे ही वे खदानों की तरफ आगे बढ़े, तभी जवानों के निशाने पर आ गए और दो आतंकवादी मौके पर ही मारे गए.

राजौरी में आतंकी हमले में 4 जवान शहीद हुए थे

11 अगस्त को राजौरी जिले में सेना के एक कैंप पर आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें चार जवानों की मौत हो गई थी. तीन साल से अधिक समय के बाद जम्मू और कश्मीर में 'फिदायीन' अटैक के मामले सामने आए हैं.
प्री-डाउन सुसाइड स्ट्राइक के बाद गोलीबारी में दो हमलावरों को मार गिराया गया.

कश्मीर पंडित सुरक्षा की मांग कर रहे

गौरतलब है कि सरकार ने संसद को सूचित किया था कि 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से पिछले महीने तक जम्मू-कश्मीर में पांच कश्मीरी पंडितों और 16 अन्य हिंदुओं और सिखों समेत 118 नागरिक मारे गए हैं. कश्मीरी पंडितों की हत्याओं की वजह से नाराजगी भी देखने को मिल रही है. समाज के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने सुरक्षा बढ़ाने और सरकारी कर्मचारियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजे जाने की मांग की है.

इससे पहले, मई में जम्मू में कटरा के पास बस में आग लगने से चार हिंदू तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी और कम से कम 20 घायल हो गए थे. पुलिस को आशंका है कि आग लगाने के लिए किसी बम का इस्तेमाल किया गया होगा.

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5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू और कश्मीर को एक विशेष दर्जा दिया गया है. इसके साथ ही राज्य को जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के रूप में केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया है.

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