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राजधानी दिल्ली में दो छात्रों के साथ कुकर्म का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. एक सरकारी स्कूल में दो छात्रों के साथ उनके ही दो सहपाठियों ने कुकर्म की घटना को अंजाम दिया. आरोप है कि स्कूल प्रशासन को इसकी जानकारी थी. बावजूद इसके कोई कदम नहीं उठाया गया. इसके बाद पीड़ित परिजनों ने थाने पहुंचकर इस मामले की शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने इस मामले में चार नाबालिग लड़कों को गिरफ्तार किया है.
यह मामला दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-11 का है. यहां एक सरकारी स्कूल में आठवीं कक्षा के दो छात्रों के साथ कुकर्म की घटना सामने आई. पीड़ित छात्रा ने बताया कि अप्रैल 2023 में स्कूल के चार छात्रों ने टॉयलेट में दो छात्रों साथ कुकर्म किया था. वो क्लास के आखिरी पीरियड में टॉयलेट गया था. जहां उसके साथ स्कूल के लड़कों ने यह घिनौना काम किया. साथ ही पीड़ित छात्रों को जान से मारने की धमकी भी दी.
स्कूल प्रशासन ने की मामले को दबाने की कोशिश
बताया जा रहा है कि आरोपियों ने पहले भी कई बार इस काम को अंजाम दिया था. इससे तंग आकर जुलाई-अगस्त में पीड़ित छात्र ने स्कूल के टीचर को इस घटना से अवगत कराया था. मगर, शिक्षकों ने उसे अनदेखा कर दिया. इसके बाद पीड़ित छात्र ने अपनी मां को सारी बात बताई. पीड़ित छात्र की मां का आरोप है कि जब स्कूल प्रशासन से शिकायत की तो प्रिंसिपल और टीचर ने छात्रों के परीजनों को चुप रहने की नसीहत दे डाली. इतना ही नहीं 25 अगस्त की शाम एक आरोपी लड़के ने पीड़ित को स्कूल के बाद धमकाया. इसके बाद पीड़ित की मां ने 26 अगस्त को स्कूल जाकर पुलिस बुलाई और जमकर हंगामा किया.
अन्य छात्रों के साथ भी हुआ सेक्सुअल असॉल्ट
पीड़ित मां की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी लड़कों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की. पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि स्कूल में अन्य छात्रों के साथ भी सेक्सुअल असॉल्ट हुआ है. इसे अंजाम देने वाले ज्यादातर आरोपी वही छात्र हैं. इतना ही नहीं, आरोपी छात्र से एक हफ्ते तक सामूहिक कुकर्म करते रहे. पुलिस ने इस मामले में चार आरोपी लड़कों को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
दिल्ली महिला आयोग ने शिक्षा निदेशालय से मांगी रिपोर्ट
इस मामले के सामने आने के बाद दिल्ली महिला आयोग ने शिक्षा निदेशालय से मामले में जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने की मांग की है. दिल्ली महिला आयोग ने पूछा है कि क्यों न अधिकारियों को घटनाओं की सूचना न देने पर स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों को निलंबित कर दिया जाए. साथ ही स्कूलों में छात्रों की काउंसलिंग और यौन उत्पीड़न के मामलों की रिपोर्टिंग के लिए विभाग द्वारा बनाए गए दिशानिर्देशों का विवरण भी मांगा.
(रिपोर्ट- राजेश खत्री)