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4 साल की उम्र में किडनैपिंग, नौकर सा बर्ताव...रुला देगी 8 साल बाद लौटे बच्चे की कहानी

2014 में दिल्ली के पंजाबी बाग से एक महिला ने बच्चे को किडनैप किया था. बच्चे से नौकरों की तरह काम कराया गया. बाद में महिला ने उसे एक चाइल्ड होम में छोड़ दिया. अब 8 साल बाद दिल्ली पुलिस बच्चे को उसके परिवार से मिलाने में सफल हुई है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
तनसीम हैदर
  • नई दिल्ली,
  • 18 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 12:11 PM IST

8 साल पहले लापता हुए बच्चे के मिलने की आस एक मां ने लगभग खो ही दी थी. परिजनों ने मासूम के लौटने की उम्मीद खोकर सिर्फ यादों के सहारे ही जीवन काटने का फैसला भी कर लिया था. लेकिन तभी एक फोन कॉल से सबकुछ बदल जाता है. दिल्ली पुलिस मां-बाप से खोए हुए बच्चे को मिलवाती है. 4 साल की उम्र में लापता हुए बच्चे को जब 8 साल बाद मां सामने पाती है, तो उसका खुशी का ठिकाना नहीं रहता. मामला दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके का है. यहां दिल्ली पुलिस की मुहिम से 12 साल का बच्चा अपने मां-बाप से मिल पाया. आईए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है? 

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दिल्ली के पंजाबी बाग से 2014 में एक महिला 4 साल के बच्चे को किडनैप करती है. इसके बाद वह महिला उस बच्चे से जबरन नौकरों की तरह काम करती है. तमाम यातनाएं देती है. जब उसका मन इतने अत्याचारों के बाद भी नहीं भरता, तो वह उसे बिहार ले जाती है. बिहार में भी उसे बंधक बनाकर उसके साथ यही सब होता है. तभी महिला के पड़ोसी पुलिस को बच्चे के बंधक होने की सूचना देते हैं. 

लेकिन जब तक पुलिस बच्चे के पास पहुंचती, महिला गिरफ्तार होने के डर से दिल्ली भाग आती है. महिला बच्चे को दिल्ली रेलवे स्टेशन के चाइल्ड होम में दे देती है. कुछ हफ्तों बाद महिला को सूचना मिलती है कि वो बच्चा चाइल्ड होम से भाग गया. इस घटना के करीब 15 दिन बाद महिला को वह बच्चा रेलवे स्टेशन पर फिर घूमता हुआ दिख जाता है. महिला उसे फिर पकड़ लेती है, उसे बिहार लेकर आती है. उससे मजदूरी कराती है. कुछ समय बाद बच्चे का संपर्क दिल्ली की एक महिला से होता है, जो कोरोना और लॉकडाउन के चलते अपने घर बिहार गई थी. 

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ये महिला बच्चे को दिल्ली लाती है. इसके बाद वह बच्चे के माता पिता को भी खोजने की कोशिश करती है. लेकिन उसे सफलता नहीं मिलती. वह बच्चे को जामिया पुलिस स्टेशन ले जाती है, इसके बाद बच्चे को लाजपत नगर में चाइल्ड होम में भेज दिया जाता है. 

इसके बाद सामान्य प्रक्रिया के तहतएंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) की टीम सभी चाइल्ड होम में जाकर बच्चों के बारे में जानकारी इकट्ठा करती है. इसके बाद वे बच्चों से भी बातचीत कर कुछ जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं. यहां से मिली जानकारी का लापता बच्चों के डेटा से मिलान किया जाता है. इसी तरह AHTU की यूनिट लाजपत नगर चाइल्ड होम पहुंची और बच्चे के बारे में जानकारी इकट्ठा की. 

तमाम प्रयासों और बच्चों से बातचीत के आधार पर वे परिवार के बारे में जानकारी निकालने का प्रयास करते हैं. टीम को इस मामले में भी काफी जांच के बाद पता चला कि बच्चे का परिवार अब करमपुरा मोतीनगर में रहने लगा है. इसके बाद उन्होंने परिवार से संपर्क किया और बच्चे को मां बाप से मिलवाया. इस दौरान दोनों एक दूसरे को पहचान गए. कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद बच्चा अपने माता पिता के पास वापस पहुंच गया. अब पुलिस अपहरण करने वाली महिला की जांच कर रही है.  AHTU वेस्ट की टीम 2022 में 127 बच्चों का पता लगाकर उन्हें उनके माता पिता से मिलवाने में सफल हुई है. 

 

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