
कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बीच स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और ऑक्सीजन की उपलब्धता की जांच के लिए रविवार को दिल्ली के अस्पतालों में मॉक ड्रिल किया गया. देश में पिछले पांच महीनों में कोरोना के मामलों में तेजी देखी गई है.
दिल्ली के लोक नायक अस्पताल के एमडी डॉ सुरेश कुमार ने कहा कि कोरोना के खतरे को देखते हुए हॉस्पिटल में 450 बेड, 5 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट और डी-टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर रिजर्व रखे गए हैं.
मॉक ड्रिल के संबंध में दिल्ली सरकार ने अपने आदेश में कहा कि दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों के सभी एमएस/एमडी और सीडीएमओ से अनुरोध है कि 26.03.2023 को स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और उपलब्धता सहित रसद की तैयारियों की जांच के लिए मॉक ड्रिल आयोजित करें. ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित हो.
मॉक ड्रिल इसलिए किया जा रहा ताकि COVID-19 और इन्फ्लूएंजा जैसी किसी भी घटना के लिए पहले से तैयार रहा जा सके. शनिवार को दिल्ली में कोविड के 139 मामले सामने आए, जबकि पॉजिटिव रेट 4.98 प्रतिशत थी.
सुरक्षा प्रोटोकॉल का हो पालन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवायजरी जारी की है. इस एडवायजरी में लोगों को कोविड के लिए तय सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी गई है. मंत्रालय ने लोगों को भीड़भाड़ और बंद स्थानों में मास्क पहनने की सलाह दी है. इसके साथ ही छींकते या खांसते समय नाक और मुंह को ढकने के लिए रूमाल/टिश्यू का इस्तेमाल करने के लिए भी कहा गया है.
10 और 11 अप्रैल को राष्ट्रीय स्तर पर मॉक ड्रिल
कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए इससे निपटने की तैयारी का जायजा लेने के लिए 10 और 11 अप्रैल को राष्ट्रीय स्तर पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा. मॉक ड्रिल में आईसीयू बेड, मेडिकल इक्विपमेंट्स, ऑक्सीजन और मैनपावर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने पाया कि पिछले कई हफ्तों में कुछ राज्यों में COVID-19 की टेस्टिंग में गिरावट आई है. साथ ही यह भी पाया गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित मानकों की तुलना में मौजूदा समय में टेस्टिंग स्तर अपर्याप्त हैं. इसको देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और ICMR ने सभी राज्यों को कोरोना जांच में बढ़ावा देने और लक्षणों की जानकारी देने के लिए भी कहा है.