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दिल्लीः छतरपुर स्थित सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर से अब तक 775 मरीज डिस्चार्ज

डिस्चार्ज किए जा रहे कई रोगियों ने इस सुव्यवस्थित कोविड देखभाल सुविधा के बारे में अपनी प्रतिक्रिया दी है. यहां कई मामलों में रोगियों को डॉक्टर्स द्वारा क्रिटिकल केयर में भी इलाज़ देकर स्वस्थ किया गया जिनका ऑक्सीजन स्तर बहुत नीचे हो चुका था.

कोविड केयर सेंटर में हो रहा बढ़िया इलाज (फाइल फोटो) कोविड केयर सेंटर में हो रहा बढ़िया इलाज (फाइल फोटो)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 15 मई 2021,
  • अपडेटेड 4:19 PM IST
  • कोविड सेंटर में लगातार रिकवर हो रहे कोरोना मरीज
  • सेंटर में एडमिट होने के लिए तय की गई गाइडलाइन्स
  • भर्ती को जिला निगरानी अधिकारी की अनुमति जरूरी

आईटीबीपी द्वारा संचालित दिल्ली के छतरपुर स्थित 500 ऑक्सीजन बेड वाले सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर से कोविड-19 से स्वस्थ होने के बाद रोगियों को लगातार छुट्टी दी जा रही है. इस केंद्र से अब तक कुल 775 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है. यह केंद्र राष्ट्रीय राजधानी में एक प्रमुख कोविड देखभाल सुविधा साबित हुआ है. ठीक हो चुके मरीजों को शुभकामनाएं देते हुए आईटीबीपी के जवान केंद्र के गेट पर तालियां बजाते नजर आए.

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डिस्चार्ज किए जा रहे कई रोगियों ने इस सुव्यवस्थित कोविड देखभाल सुविधा के बारे में अपनी प्रतिक्रिया दी है. यहां कई मामलों में रोगियों को डॉक्टर्स द्वारा क्रिटिकल केयर में भी इलाज़ देकर स्वस्थ किया गया जिनका ऑक्सीजन स्तर बहुत नीचे हो चुका था. अब तक 1,150 से अधिक कोविड रोगियों को जिन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता थी, उन्हें इस केंद्र में भर्ती कराया गया है. 

कैसे मरीजो होंगे एडमिट? 
बता दें कि इस सेंटर में एडमिट होने के लिए गाइडलाइन्स बनाई गई है. जिन मरीजों को यहां अस्पताल से रेफर किया जाएगा या सीधे एडमिट किया जाएगा, उनको जिला निगरानी अधिकारी (DSO) की परमिशन मिलना जरूरी है. यानी कोई मरीज सीधे ही यहां भर्ती होने नहीं आ सकता है.

मरीज़ों को देनी होगी ये जानकारी
• नाम - 
• उम्र - 
• पता - 
• कॉन्टेक्ट नंबर - 
• SPO 2 लेवल - 
• पल्स रेट - 
• अन्य कोई गंभीर बीमारियां या लक्षण -

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जिस भी मरीज को यहां पर लाया जाएगा, उसकी रिसेप्शन पर ही संपूर्ण जांच की जाएगी. उसके बाद बेड अलॉट कर दिया जाएगा. मरीज को एक किट दी जाएगी. इसके अलावा दवा, खाना, इलाज मुफ्त किया जाएगा.

गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने की वजह से अस्पतालों में बेड्स की किल्लत है. कई अस्पताल ऐसे हैं, जहां बिल्कुल भी बेड्स नहीं हैं जबकि कुछ अस्पतालों में आईसीयू बेड्स की किल्लत है.

 

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