
नेशनल हेराल्ड केस मामले में सोमवार को राहुल गांधी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होंगे. इस दिन कांग्रेस बड़े स्तर पर दिल्ली में प्रदर्शन करने की योजना बना रही थी. कांग्रेस ने पार्टी कार्यालय से ईडी ऑफिस तक रैली निकालने की अनुमति मांगी थी. लेकिन दिल्ली पुलिस के सीनियर अफसरों के मुताबिक उन्हें अनुमति नहीं दी गई है.
पुलिस के मुताबिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अकबर रोड पर बैठने की अनुमति मांगी थी. नई दिल्ली इलाके में बहुत ज्यादा संख्या में भीड़ के चलते मार्च को इजाजत नहीं दी जा सकी. इस मुद्दे पर सोमवार सुबह 9 बजे कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला प्रेस कांफ्रेंस भी करेंगे.
इससे पहले कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि राहुल गांधी के साथ ही कांग्रेस के सभी सांसद, कार्यसमिति के सदस्य और प्रमुख नेता भी ईडी दफ्तर तक जाएंगे.
सचिन पायलट ने कहा था कि बीते सात-आठ वर्षों में देश ने देखा है कि कि किस तरह से केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया है. सचिन पायलट ने तंज कसते हुए कहा था कि ईडी केंद्र सरकार की सबसे प्रिय एजेंसी है.
वहीं, कोरोना संक्रमण से ठीक हो रहीं सोनिया गांधी को ईडी ने समन की नई तारीख दी है. ईडी ने सोनिया गांधी को 23 जून को तलब किया है. इससे पहले ईडी ने 8 जून को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन कोरोना पॉजिटिव होने के चलते वो पेश नहीं हो पाई थीं.
कब चर्चा में आया था नेशनल हेराल्ड केस?
नेशनल हेराल्ड का मामला 2012 में चर्चा में आया था. तब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड (वाईआईएल) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया है.
स्वामी ने आरोप लगाया था कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया. साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को टीजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है.
2015 से जमानत पर हैं राहुल-सोनिया
2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जल्द सुनवाई के लिए बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए कहा था. 19 दिसंबर 2015 को सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ट्रायल कोर्ट ने जमानत दे दी थी. 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले को रद्द करने से इनकार करते हुए सभी सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस और सुमन दुबे को कोर्ट में पेश होने से छूट दे दी थी.