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पहले लंदन और अब कनाडा-US में इंडियन हाई कमीशन पर हमले की जांच करेगी NIA!

भारत सरकार ने लंदन, कनाडा और अमेरिका में स्थित भारतीय उच्चायोग पर हमला करने वाले खालिस्तान समर्थकों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है. लंदन में हुई घटना की जांच पहले ही NIA को सौंपी जा चुकी है तो वहीं अब कनाडा और अमेरिका में हुई घटना की जांच भी देने की तैयारी चल रही है.

उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन करते खालिस्तान समर्थक. (फाइल फोटो) उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन करते खालिस्तान समर्थक. (फाइल फोटो)
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 17 जून 2023,
  • अपडेटेड 5:48 AM IST

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ एक्शन होते ही खालिस्तानी बुरी तरह बौखला गए थे. उन्होंने लंदन, अमेरिका और कनाडा में भारतीय उच्चायोग पर हमले किए थे. लंदन में जहां खालिस्तानियों ने इंडियन हाई कमीशन पर हमला करते हुए तिरंगे का अपमान किया था तो वहीं कनाडा में भारतीय उच्चायोग पर ग्रेनेड तक फेंके गए थे. इस मामले को अब नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) पूरी तरह से अपने हाथ में ले लिया है.

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लंदन में इंडियन हाई कमीशन पर हुए हमले तिरंगे झंडे के अपमान को लेकर NIA पहले ही केस दर्ज कर जांच कर रही है. अब कनाडा और अमेरिका वाले मामले की जांच भी जल्द NIA को सौंपी जा सकती है. सूत्रों के मुताबिक जल्द गृह मंत्रालय दोनों केस NIA को ट्रांसफर कर सकता है.

बता दें कि मार्च-2023 में कनाडा और अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को में इंडियन हाई कमीशन पर हुए हमले को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने FIR दर्ज की थी. पुलिस ने UAPA के तहत दो अलग-अलग FIR दर्ज की हैं.  कनाडा में इंडियन हाई कमीशन पर हमले के दौरान ग्रेनेड भी फेंका गया था, लिहाजा इस मामले में स्पेशल सेल ने UAPA और EXPLOSIVE एक्ट के तहत एक FIR दर्ज की है.

मार्च महीने में ही सेन फ्रांसिस्को में भी इंडियन हाई कमीशन पर हमला हुआ था. इस मामले में भी UAPA के तहत स्पेशल सेल ने बताया FIR दर्ज की है. इससे पहले NIA ने लंदन में इंडियन हाई कमीशन पर हमला करने वाले 45 हमलावरों की तस्वीर जारी की थीं. घटना के बाद एनआईए की टीम जांच के लिए लंदन गई थी. टीम ने वहां पर हमले के दौरान के कई सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लिया था.

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सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ही अब 45 लोगों को चिन्हित किया गया. इन सभी पर 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमला करने का और भारतीय झंडे का अपमान करने का आरोप है. एनआईए ने लोगों से इनकी पहचान बताने की अपील की है और वाट्स एप नंबर जारी किया है.

भारत ने ब्रिटिश रायनयिकों को किया था तलब

बता दें कि मार्च 2023 में कुछ कट्टरपंथी खालिस्तान समर्थकों ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग से भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को उतारने की कोशिश की थी. इस घटना के बाद भारत सरकार ने दिल्ली में स्थित ब्रिटेन के राजनयिकों को तलब किया था. इसके साथ ही लंदन में भारतीय उच्चायोग की खिड़की तोड़ने के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था.

हमले के बाद एक शख्स की हुई थी गिरफ्तारी

भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने कहा था कि कट्टरपंथियों के हमले को नाकाम कर दिया गया. उच्चायोग पर तिरंगा शान से लहरा रहा है. मेट्रोपॉलिटन पुलिस की ओर से कहा गया था कि इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. घटना में किसी भी चोट नहीं पहुंची. हालांकि, उच्चायोग भवन में खिड़कियां तोड़ी गईं.

सोशल मीडिया पर वायरल हुईं थी तस्वीरें

पुलिस ने कहा था कि घटना की सूचना मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे. हालांकि, पुलिस के आने से पहले ही अधिकांश लोग तितर-बितर हो गए थे. इसके बाद पूरे मामले की जांच की गई. वहीं, टूटी हुई खिड़कियों और इंडिया हाउस की इमारत पर चढ़ने वाले लोगों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल भी हुईं थी.

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भारत ने उठाई थी सुरक्षा में लापरवाही की बात

घटना के बाद भारत ने ब्रिटिश सरकार के सामने अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया था और परिसर में पर्याप्त सुरक्षा की कमी पर सवाल उठाया था. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत में ब्रिटेन के सबसे सीनियर राजनयिक को समन किया जा रहा है. हम लंदन के उच्चायोग में अलगाववादी और कट्टरपंथी तत्वों के एक्शन की निंदा करते हैं. ब्रिटिश सरकार को इसका स्पष्टीकरण देना चाहिए कि जब उच्चायोग में इस तरह का काम किया जा रहा था तो सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही क्यों बरती गई? यह सीधे तौर पर वियना कन्वेंशन के नियमों का भी उल्लंघन है.

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