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Maharashtra Political Crisis: क्या महाविकास अघाड़ी सरकार चलेगी? सवाल पर क्या बोले शरद पवार

Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में चल रहे सियासी बवाल के बीच एनसीपी प्रमुख दिल्ली पहुंचे. उन्होंने कहा कि हमारा पूरा सपोर्ट उद्धव को रहेगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल हम यशवंत सिन्हा के नॉमिनेशन के लिए आए हैं. यहां और भी नेता आ रहे हैं.

एनसीपी प्रमुख शरद पवार. (File Photo) एनसीपी प्रमुख शरद पवार. (File Photo)
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 26 जून 2022,
  • अपडेटेड 9:56 PM IST
  • पवार ने कहा- उद्धव को पूरा सपोर्ट देगी एनसीपी
  • 'विधायकों की वोटिंग के बाद साफ होगी स्थिति'

Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता शरद पवार नई दिल्ली पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि उद्धव को हमारी पार्टी का टोटल सपोर्ट है. उनके विधायक असम में हैं. जब वापस आएंगे और जब वोटिंग का मौका मिलेगा, तब ये साफ हो जाएगा कि उद्धव ठाकरे सरकार चलेगी या नहीं. उन्होंने कहा कि अभी हम यशवंत सिन्हा के नॉमिनेशन के लिए आए हैं. विपक्ष के और भी नेता आएंगे. अखिलेश भी आ रहे हैं. कल नामिनेशन किया जाएगा.

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बता दें कि महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार सक्रिय दिख रहे हैं. वे दो टूक कह चुके हैं कि सरकार को बचाने के लिए कुछ भी किया जाएगा. जमीन पर स्थिति अभी भी महा विकास अघाडी के लिए खासा मुश्किल है और बहुमत बनाए रखना चुनौती साबित हो रहा है. एनसीपी ने अपने नेताओं के साथ एक अहम बैठक की थी. उस बैठक में शरद पवार ने कई बिंदुओं पर चर्चा की थी.

बैठक में शरद पवार पार्टी नेताओं से कह चुके हैं कि अभी वे वर्तमान स्थिति पर पैनी नजर बनाए रहें. सब कुछ समझने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा. उनके बयान से साफ है कि एनसीपी अभी कोई जल्दबाजी नहीं करने वाली है. किसी भी तरह का फैसला इस समय नहीं लिया जाएगा. एनसीपी प्रमुख ने इस बात पर भी जोर दिया था कि अभी पार्टी को शिवसेना का साथ नहीं छोड़ना है.

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वहीं जो विधायक बागी हो चुके हैं, उन्हें वापस लाने में शिवसेना की मदद करनी होगी. इससे पहले शरद पवार ने कहा था कि वे शिवसेना के आंतरिक मामले में दखल नहीं देने वाले हैं, लेकिन अब जब संकट सरकार पर गहराता जा रहा है, वे सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. वे कह चुके हैं कि सरकार बचाने के लिए कुछ भी किया जाएगा और जो भी बागी हुए हैं, उन्हें भी कीमत चुकानी होगी.

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