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दिल्ली का प्रदूषण साफ करेगा NDMC का गन फव्वारा?

एनडीएमसी के कर्मचारी फव्वारों के जरिए NDMC इलाके में 20 जगहों पर पानी का छिड़काव कर रहे हैं. इससे धूल और धुएं से होने वाले प्रदूषण की मात्रा में भारी गिरावट आएगी. वाहनों से निकलने वाले धुएं और धूल के कणों को प्रदूषण के बड़े कारकों में गिना जाता है. जो कम हो सकता है.

पेड़ों पर पानी का छिड़काव पेड़ों पर पानी का छिड़काव
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:29 PM IST

लुटियन दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) ने पेड़ों की पत्तियों को धुलवाने का काम शुरू किया है. मोती लाल नेहरू मार्ग पर NDMC अपने गन फब्ब्बारे से ऊंचे-ऊंचे पेड़ों की पत्तियां धुलवाने का काम कर रहा है.

निगम का कहना है कि पत्तियां धुलवाने से ऑक्सीजन ज्यादा बनती है, और पेड़ों से जो पानी गिरता है उससे सड़क की धूल जम जाती है. जिससे वायु प्रदूषण में कमी आती है. एनडीएमसी लुटियन दिल्ली के इलाके में पेड़ों और झाड़ियों पर धूल और धुएं की जो परत जमा हुई है उसको बड़े स्तर पर हटा रहा है.

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एनडीएमसी के कर्मचारी फव्वारों के जरिए NDMC इलाके में 20 जगहों पर पानी का छिड़काव कर रहे हैं. इससे धूल और धुएं से होने वाले प्रदूषण की मात्रा में भारी गिरावट आएगी. वाहनों से निकलने वाले धुएं और धूल के कणों को प्रदूषण के बड़े कारकों में गिना जाता है. जो कम हो सकता है.

आमतौर पर धूल की मोटी परत सड़क के किनारे मौजूद पेड़ों और झाड़ियों पर जमा हो जाती है. मानसून सीजन समाप्त होने के बाद अक्सर जाड़े में कभी-कभी हल्की बूंदा-बांदी वाला ही मौसम आता है. जिससे पेड़ों पर जमी धूल की परत साफ नहीं हो पाती. इसलिए एनडीएमसी ने अपने क्षेत्र के पेड़ों पर जमी धूल और धुएं की परत को साफ करने की बड़ी पहल की है. विदेशों में खासतौर पर सड़क के किनारे लगे पेड़-पौधों की धुलाई कर उन्हें साफ कर दिया जाता है. एनडीएमसी की ओर से भी अब यही तरीका अपनाया जा रहा है.

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गौरतलब है कि इस समय दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण इतना फैला हुआ है कि दिल्ली-एनसीआर आपातकाल की स्थिति में पहुंच चुका है. दिल्ली पिछले साल से ज्यादा इस साल प्रदूषित हो गई है. पिछले साल के प्रदूषण का स्तर 412 था जबकि इस साल 531 पर पहुंच गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने माना है कि दिल्ली एक बार फिर स्मॉग चैंबर बन गई है. वहीं एम्स ने इस स्मॉग को साइलेंट किलर कहा गया.

गौरतलब है कि बीते दो दिनों से दिल्ली और एनसीआर इलाके में स्मॉग के कारण काफी मुश्किलें हो रही हैं. प्रदूषण के जो दो मानक है पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों का ही लेवल 500 के पार जा चुका है.

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