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समाचार एजेंसी आईएएनएस की खबर के अनुसार रविवार को निजामुद्दीन इलाके के एक पार्क में तंबू गाड़ने पहुंचे कुछ युवकों को पुलिस ने खदेड़ दिया. सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने तंबू गाड़ लिए. बताया जा रहा है कि रविवार को पहले 10 से 15 महिलाओं ने प्रदर्शन की शुरुआत की. उसी दिन शाम तक इनकी तादाद 400 पहुंच गई. प्रदर्शन करने पहुंचे लोगों का कहना है, "हम शांतिपूर्ण तरीके से सीएए का विरोध कर रहे हैं. किसी का कुछ बिगाड़ थोड़े ही न रहे हैं."
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समाचार एजेंसी के अनुसार इस प्रदर्शन में निजामुद्दीन इलाके की बस्ती के लोग शामिल हैं. इसकी पुष्टि खुद दक्षिण पूर्वी जिले के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल ने भी की. बिस्वाल ने कहा कि धरना शांतिपूर्ण है. एक छोटे से पार्क में लगभग 300 से 400 महिलाएं और बच्चे बैठे हैं. उन्होंने दावा किया कि इससे आम जनता को किसी तरह की परेशानी नहीं हो रही है. डीसीपी ने कहा कि सड़क खुली हुई है. किसी को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी.
खुफिया शाखा ने जताया शाहीन बाग से बड़े प्रदर्शन का अंदेशा
दिल्ली पुलिस स्पेशल ब्रांच (खुफिया शाखा) ने इस धरने की विस्तृत रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को भी बंद लिफाफे में दे दी है. मामला चूंकि बेहद संवेदनशील है, इसलिए इस मुद्दे पर खुलकर कोई पुलिस अधिकारी बोलने को राजी नहीं है. समाचार एजेंसी के मुताबिक खुफिया शाखा ने अपनी रिपोर्ट में इस धरने के धीरे-धीरे शाहीनबाग से भी बड़ा होने का अंदेशा जताया है. खुफिया विभाग इस पर लगातार नजर रखे हुए है.
क्या कहती है पुलिस
आईएएनएस के अनुसार निजामुद्दीन थाने के एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, "अधिकारियों का कहना है कि इन्हें छेड़ो मत. बैठे रहने दो, अगर किसी के रास्ते में ये बाधा बनेंगे, तब की तब निपटेंगे. फिलहाल इन पर (धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों पर) बस नजर गड़ाए रहो, ताकि इन्हें अशांति फैलाने का मौका न मिले." खुफिया विभाग से भी इस धरने पर नजर रखने को कहा गया है.