
दिल्ली के मुखर्जी नगर में बुजुर्ग सिख ड्राइवर की पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. बुुजुर्ग सिख से पिटाई के विरोध में बड़ी तादाद में सिख समुदाय के लोगों ने सोमवार देर रात तक मुखर्जी नगर थाने के बाहर प्रदर्शन किया. इन्होंने जीटीबी मेट्रो स्टेशन के पास सड़क भी जाम की. ये लोग सिख ड्राइवर की पिटाई में शामिल सभी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर जमा हुए. शिरोमणि अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा धरनास्थल पर पहुंचे तो गुस्साए लोगों ने उनके साथ भी धक्कामुक्की की.
दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो: केजरीवाल
ड्राइवर और उनके परिवार से मिलने के बाद सीएम केजरीवाल ने कहा, ‘जिस तरह से ड्राइवर को पीटा गया, वह सबसे क्रूर और बर्बर था. मैं दिल्ली पुलिस के जवानों द्वारा इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. मैं उपराज्यपाल, डीसीपी और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से अपील करता हूं कि हमले के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को कड़ी सजा दी जाए. किसी भी नागरिक के साथ पुलिस को इस तरह का अमानवीय बर्ताव नहीं करना चाहिए.’
'बुजुर्ग सिख से मारपीट निंदनीय'
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली में अपराध के बढ़ते मामलों के बारे में एलजी और गृह मंत्री को बहुत सख्त होना पड़ेगा. इसे रोकने की जरूरत है. जो हुआ है, वह बहुत निंदनीय है और जो जिम्मेदार हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए.’
इससे पहले सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘मुखर्जी नगर में दिल्ली पुलिस की बर्बरता बहुत निंदनीय और अनुचित है. मैं पूरी घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करता हूं. नागरिकों के संरक्षकों को अनियंत्रित हिंसक भीड़ में बदलने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.’
हालांकि, पूरे मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है. सीएम केजरीवाल के पहुंचने से पहले ही मुखर्जी नगर में जिस ग्रामीण सेवा चालक की पिटाई हुई थी. उसके घर के बाहर आम आदमी पार्टी और गुरुद्वारा सिख कमिटी के सदस्यों के बीच जमकर बहसबाजी और पीड़ित के साथ खींचतान हुई.
इससे पहले, आम आदमी पार्टी के समर्थक और विधायक एक कार को घेरकर खड़े नजर आए. इस गाड़ी के अंदर पीड़ित सरबजीत बैठे हुए थे. AAP का आरोप था कि मुख्यमंत्री के आने से पहले गुरुद्वारा सिख कमिटी के लोग सरबजीत को वहां से दूर ले जाना चाहते थे. हालांकि, हंगामे के बीच कुछ देर बाद सरबजीत को कार से बाहर निकाला गया.
'सरदार गरीब, दिन के 500-600 कमाता है'
वहीं, शाहदरा के पूर्व विधायक और दिल्ली अकाली दल के वाइस प्रेसिडेंट जितेंद्र सिंह शंटी ने 'आजतक' से बातचीत में कहा कि ऐसी क्या नौबत आ गई थी कि बुजुर्ग सरदार को अपनी कृपाण निकालनी पड़ी. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे गुरुजी ने हमें कृपाण आत्मरक्षा के लिए दी हुई है.
जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि वो रविवार की रात मुखर्जी नगर थाने भी गए थे और जगजीवन हॉस्पिटल भी गए थे, जहां घायल बुजुर्ग सरदार को भर्ती किया गया था. उन्होंने बताया कि वो एक बूढ़ा और गरीब सरदार था, जो मजदूरी कर दिन के 500-600 कमाता है.
बता दें कि जितेंद्र सिंह शंटी उस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे जो पुलिस कमिश्नर से मिला था. जितेंद्र सिंह शंटी ने कहा कि पुलिस कमिश्नर ने उनकी बातों को मान लिया है, लिहाजा उन्होंने सिखों से शांति बनाए रखने की अपील की.
क्या है पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक, मुखर्जी नगर में बुजुर्ग सिख ऑटो चालक और एक पुलिसकर्मी के बीच कुछ विवाद हुआ. विवाद इस कदर बढ़ा कि ऑटो चालक बुजुर्ग सिख ने पुलिसकर्मी पर अपने कृपाण से हमला कर दिया, जिसमें उसको चोट भी आई. बस फिर क्या था पुलिस को इकट्ठा होते देर नहीं लगी. पुलिसकर्मियों ने आधे घंटे तक जमकर उस बुजुर्ग सरदार ऑटोवाले की पिटाई कर दी.
इसके बाद देर रात तक बवाल हुआ. मुखर्जीनगर के सिखों को जब घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने देर रात रिंग रोड को जाम कर दिया. जाम खुलवाने आई पुलिस से इलाके के लोग भिड़ गए. सड़क पर सरदारों और पुलिसवालों के बीच संग्राम हो गया. लोगों की भीड़ ने पुलिवालों को दौड़ाकर मारा. उनकी गाड़ियों पर हमला कर दिया. देर रात तक हंगामा जारी रहा. हालांकि इस मामले में देर रात इलाके के डीसीपी ने 3 पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया है.