
राजधानी दिल्ली के सबसे व्यस्त और भीड़भाड़ वाले बाजारों में से एक सरोजनी नगर को एनजीटी ने नो पार्किंग जोन घोषित कर दिया है. इसका मतलब ये है कि दुकानों और सड़क के किनारे अब कार या दूपहिया वाहन खड़ा नहीं कर सकते. सरोजनी नगर मार्किट में पार्किंग गैरकानूनी होगी.
एनजीटी ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा है कि मेटल रोड पर कोई भी गाड़ी पार्क नहीं की जाएगी. सोमवार से एनजीटी का आदेश लागू होगा. इसके अलावा 24 घंटे के लिए एनडीएमसी की सरकारी मल्टी लेवल पार्किंग को खुला रखा जाएगा.
एनजीटी ने सरोजनी नगर मार्किट मे बढ़ते ट्रैफिक जाम और उससे हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए मार्किट के रोड़ पर गाड़ी खड़े करने को बैन किया और कहा कि गाड़ियों को पास ही में बनी मल्टी लेवल कार पार्किंग में ही पार्क किया जाए. एनजीटी ने कहा कि इस मामले में किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जानी चाहिए. एनजीटी ने कहा कि पुलिस और एमसीडी इसे सख्ती से लागू कराएं.
कोर्ट ने कहा कि अगर वहां कोई गाड़ी खड़ी पाई जाती है तो उस पर 5 हजार रुपये का ग्रीन टैक्स लगाया जाएगा. इसके अलावा सरोजनी नगर में रहने वाले लोगों की गाड़ियों की पार्किंग के लिए एनजीटी ने कहा कि उनको कुछ रियायत पर पार्किंग की सुविधा मुहैया कराई जाए.
एनडीएमसी की मल्टी लेवल पार्किंग में फिलहाल 800 कार और 200 से ऊपर टू व्हीलर्स की पार्किंग की जगह है. प्रति घंटा करीब 12 रुपये पार्किंग में चार्ज दिया जाता है, जो सरोजनी नगर की मार्किट की पार्किंग से करीब आधी है. एनजीटी के इस आदेश के बाद ये तो साफ है कि सरोजनी नगर मार्किट में पार्किंग के खत्म होने से एक तरफ इस इलाके का ट्रैफिक जाम कम होगा और दूसरे गाड़ियों के जाम के चलते प्रदूषण पर भी लगाम लग पाएगी.