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NGT का आदेश, गाजीपुर लैंडफिल साइट में आग के कारणों की हो समीक्षा बैठक

एनजीटी ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वो शहरी विकास विभाग के सचिव, तीनों एमसीडी के कमिश्नर, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, डीडीए, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी समेत इस मामले से जुड़ी सभी सिविक एजेंसियों के अधिकारियों के साथ 28 अक्टूबर को सुबह 11 बजे  बैठक करें.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी)
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 12:11 AM IST

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग की घटना पर नाराजगी जाहिर करते हुए सभी सिविक एजेंसियों को 28 अक्टूबर को बैठक बुलाने का आदेश दिया है.

एनजीटी ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वो शहरी विकास विभाग के सचिव, तीनों एमसीडी के कमिश्नर, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, डीडीए, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी समेत इस मामले से जुड़ी सभी सिविक एजेंसियों के अधिकारियों के साथ 28 अक्टूबर को सुबह 11 बजे  बैठक करें.

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एनजीटी में शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान एमसीडी की तरफ से कहा गया कि वो आग जैसी घटनाओं पर काबू पाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. बता दें कि 19 अक्टूबर को गाजीपुर लैंडफिल साइट में आग लगी थी जिसके चलते दिल्ली मे वायु प्रदूषण और बढ़ गया है.

इससे पहले प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी थी, लेकिन जब गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कूड़े में आग लगी तो सवाल उठा कि  पटाखों की बिक्री को रोकने का क्या फायदा जब दिल्ली की हवा को ज़हरीला करने के लिए गाज़ीपुर में लगी आग ही काफी है.

बता दें कि एनजीटी समय-समय पर वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए कई बड़े और अहम आदेश दे चुका है. जिसमें 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर बैन भी शामिल है.

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इसके अलावा खेतों मे फसलों के बचे अवशेषों को जलाने पर भी एनजीटी ने रोक लगा दी है. लेकिन दिल्ली मे प्रदूषण का स्तर फिर भी लगातार बढ़ रहा है. क्योंकि एनजीटी के आदेशों का एक तरफ एजेंसी सख्ती से पालन नहीं करा पा रही हैं. जबकि दूसरी तरफ गाजीपुर लैंडफिल साइट में आग लगने जैसी घटनाएं होती रहती हैं.

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