
दिल्ली में फैले वायु प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) ने सख्त रवैया इख्तियार करते हुए दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के पर्यावरण मंत्रियों को फटकार लगाई. एनजीटी ने तीनों राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों से कई सवाल किए जिसका उनके पास कोई जवाब नहीं था.
एनजीटी ने सभी से पूछा कि क्या आप सबने प्रदूषण को लेकर अभी तक के हमारे 6 बड़े जजमेंट को पढ़ा भी है या नहीं. जो हमने डीजल गाड़ियों, कूड़ा जलाने, कंस्ट्रक्शन के दौरान बरते जाने वाले ऐहतियात पर किये हैं. जिस पर ज्यादातर पर्यावरण सचिव ने माना कि एनजीटी के जजमेंट को उन्होंने नहीं पढ़ा है. एनजीटी ने कहा कि इसी से पता चलता है कि आप लोग पर्यावरण और प्रदूषण के मसले पर कितने संवेदनहीन है. ऐसी मीटिंग्स का क्या नतीजा होगा जिसमें आपको पता ही नहीं है कि प्रदूषण को रोकने के लिए क्या गाइडलाइन्स बनी हुई हैं और कोर्ट ने क्या आदेश दिए हैं.
एनजीटी ने पंजाब और हरियाणा से पूछा कि क्या आपने नासा की तस्वीरे देखी हैं? क्रॉप बर्निंग को लेकर कितना प्रदूषण बढ़ा है. क्या किया आपने, आपको पता है कि ये हर साल होता है फिर भी आपने कुछ नहीं किया. क्या आप कोई आकड़ा दे सकते हैं कि आपने किसी फसल को जलाने से रोका हो या फिर जलते हुए किसी खेत पर पानी डालकर भुझाया हो. आप भले ही 100 हलफनामे कोर्ट में दे दो लेकिन हम जानते हैं कि खेत में किसान जो बचे हुए ठूठ को जलाते हैं उनमें से किसी एक भी किसान को पंजाब में 100 रुपये भी फसल को ना जलाने के लिए नहीं दिए जाते.
दिल्ली सरकार से एनजीटी ने पूछा कि आप क्रॉप बर्निंग को लेकर प्रदूषण बढ़ने की बात करते हैं. आपने कोई स्टडी कराई कि बदरपुर पॉवर प्लांट से कितना प्रदूषण हो रहा है. क्या आपने देखा कि बदरपुर पॉवर प्लांट को बंद करना जरुरी है या नहीं. आप सिर्फ पानी छिड़क रहे है जिससे अब कुछ होने वाला नहीं है. क्या आप लोगों ने कोई कार्रवाई बिल्डर्स के खिलाफ़ की. हमें दिखाइए कि कितने चालान 5 लाख रुपये के किये गए.
एनजीटी ने कहा कि दिवाली के बाद शुरुआती 5 दिनों तक सभी केंद्र और राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए तमाशा देखते रहे. जब तक कि एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट ने आपको नहीं जगाया. उसके बाद आपको मीटिंग करने की जरूरत महसूस हुई. हमने अगस्त मे जजमेंट दिया कि किसान फसल न जलायें इसलिए सरकार खुद ये मशीन खरीद कर दे कि वो फसलों को न जलायें. लेकिन आपने अब तक क्या किया. हमारे आदेशों के एक साल बाद भी कुछ नहीं हुआ क्योंकि राजनीतिक और नौकरशाही में कुछ भी करने की इच्छाशक्ति ही नहीं है. क्या आपने क्रॉप बर्निंग को रोकने के लिए कोई विज्ञापन दिया कि किसान क्रॉप बर्निंग के नुकसान को जान सके.