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निर्भया के दोषियों की तीसरी बार टली फांसी, साढ़े 12 घंटे पहले रद्द हुआ डेथ वारंट

सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन की क्यूरेटिव पिटिशन को सोमवार को खारिज कर दिया, लेकिन इसके फौरन बाद पवन ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगा दी. इस बीच दिल्ली की पटियाला हाऊस कोर्ट ने भी डेथ वारंट पर रोक लगा दी है. दोषियों को मंगलवार सुबह 6 बजे फांसी देने का वक्त तय किया गया था.

निर्भया के दोषियों की फांसी टली (फाइल फोटो-इंडिया टुडे) निर्भया के दोषियों की फांसी टली (फाइल फोटो-इंडिया टुडे)
पूनम शर्मा/संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 02 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 8:37 PM IST

  • SC में दोषी पवन की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज
  • दोषी पवन ने दाखिल की दया याचिका
  • डेथ वारंट खारिज करने की याचिका भी खारिज

निर्भया के गुनहगार पवन कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पवन कुमार की क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दोषी अक्षय और पवन की तरफ से लगाई गई याचिका को पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दिया.

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इस बीच दोषी पवन के वकील एपी सिंह एक बार फिर पटियाला हाउस कोर्ट पहुंच गए हैं और उनका कहना है कि डेथ वारंट पर रोक लगनी चाहिए, क्योंकि पवन ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई है. राष्ट्रपति के पास याचिका लंबित है, इसलिए कोर्ट ने यह फैसला किया है. कोर्ट के आदेश पर निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा है कि निर्भया के दोषियों को जो फांसी 3 मार्च को सुबह 6 बजे होने वाली थी, वह अब नहीं होगी.

इससे पहले कोर्ट को तिहाड़ जेल प्रशासन ने यह सूचना दी थी कि पवन गुप्ता ने राष्ट्रपति के पास याचिका भेज दी है. डीजी ने जेल ने कोर्ट से कहा है कि पवन जल्लाद ने दोषियों की लटकाने की डमी प्रैक्टिस कर ली है. वह मंगलवार सुबह दोषियों को लटकाने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

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इस वजह से रद्द हुआ डेथ वारंट

कोर्ट ने कहा कि पीड़ित पक्ष के साथ खड़े होने के बाद भी, हमारा विचार है कि सजायाफ्ता मजुरिम को मौत के वक्त यह एहसास नहीं होना चाहिए कि देश की अदालतों ने सही ढंग से काम नहीं किया और उन्हें उनके न्यायिक अधिकारों का इस्तेमाल करने नहीं दिया गया. राष्ट्रपति के पास दोषी की दया याचिका लंबित है, इसलिए 2 मार्च 2020 को सुबह 6 बजे दोषियों को होने वाली फांसी अगले आदेश तक रोकी जा रही है. कोर्ट के आदेश की कॉपी दोषियों को अनिवार्य सूचना के तौर पर दे दी गई है.

कोर्ट का आदेश

'हमारा सिस्टम अपराधियों को करता है सपोर्ट'

निर्भया की मां आशा देवी ने कोर्ट के फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई है. निर्भया की मां ने कहा है कि कोर्ट क्यों अपने ही फैसले को लागू करने में इतना वक्त ले रहा है. दोषियों को फांसी क्यों नहीं हो रही है. दोषियों की फांसी तीसरी बार भी टाल दी गई है. दोषियों को होने वाली फांसी का लगातार टलना हमारे सिस्टम की विफलता है. हमारा पूरा सिस्टम अपराधियों को सपोर्ट करता है. मुजरिम नहीं चाहते कि उनकी फांसी हो.

क्या बोले निर्भया के पिता?

कोर्ट के इस फैसले पर निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा है कि जेल प्रशासन की कुछ खामियां थीं, जिसके तहत फांसी टली है. इसमें किसी का कोई दोष नहीं है, यह प्रक्रिया का हिस्सा है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नहीं थे, उनके आने के बाद दोषी की याचिका वहां गई है. यह प्रोसीजर होना ही था. उम्मीद है कि अगली डेट जो होगी वह फाइनल डेट होगी. दोषियों को फांसी होकर रहेगी.

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दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित

सूत्रों के मुताबिक पवन गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति के पास सभी जरूरी टेबलों से खारिज किए जाने की सिफारिशों के साथ राष्ट्रपति सचिवालय पहुंची है. दिल्ली के उपराज्यपाल ने गृह मंत्रालय से सिफारिश की है दया याचिका खारिज होनी चाहिए.

गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से अपील की है कि राष्ट्रपति दया याचिका खारिज करें. राष्ट्रपति छत्तीसगढ़ के दौरे से वापस राष्ट्रपति भवन पहुंच चुके हैं. अब राष्ट्रपति के फैसले का इंतजार है. लेकिन फिलहाल निर्भया के दोषियों के खिलाफ जारी डेथ वारंट पर रोक लग गई है.

याचिका खारिज करने की मांग

पटियाला हाऊस कोर्ट के जज ने पूछा कि किस नियम में लिखा है कि आप क्यूरेटिव पिटीशन से पहले दया याचिका नहीं दायर कर सकते हैं. इसका जवाब देते हुए दोषी के वकील पवन के वकील एपी सिंह जेल मेन्युअल पढ़ा. निर्भया के माता- पिता के वकील ने कहा कि दोषी पवन की अर्जी खारिज होनी चाहिए. वहीं, सरकारी वकील ने कहा कि पवन की याचिका अपरिपक्व है, इसलिए खारिज होनी चाहिए.

पवन ने दाखिल की दया याचिका

पवन कुमार ही एक मात्र दोषी है, जिसके पास कुछ कानूनी विकल्प बचा था. इसमें क्यूरेटिव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने आज खारिज कर दिया. अब केवल दया याचिका का ऑप्शन बचा है. पवन के वकील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि हमने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर कर दी है.

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सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

सुप्रीम कोर्ट में दोषी पवन ने याचिका दाखिल की थी. सोमवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस एन. वी. रमन्ना की अगुवाई में जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस नरीमन, जस्टिस भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच चैंबर में की. बेंच ने पवन की याचिका को खारिज कर दिया. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट निर्भया के तीन दोषियों यानी अक्षय, विनय और मुकेश की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर चुका है.

7 साल 3 महीने से इंसाफ का इंतजार

सुनवाई से पहले निर्भया की मां ने कहा कि मैं 7 साल 3 महीने से संघर्ष कर रही हूं।वो कहते हैं हमें माफ कर दो। कोई कहता है कि मेरे पति,बच्चे की क्या गलती है।मैं कहती हूं कि मेरी बच्ची की क्या गलती थी?

फैसले में गलतियों की दलील

निर्भया के दोषी पवन कुमार के वकील एपी सिंह ने कहा कि अपराध के समय वह किशोर था और मौत की सजा उसे नहीं दी जानी चाहिए. पहले के फैसलों में कई गलतियां रही हैं और उन्हें उम्मीद है कि इन गलतियों को इस क्यूरेटिव याचिका के माध्यम से संशोधित किया जाएगा.

3 मार्च को सुबह 6 बजे होने वाली थी फांसी

निर्भया के दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए तीसरी बार डेथ वारंट जारी किया गया था. इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने दो बार डेथ वारंट जारी किया था, लेकिन कानूनी अड़चनों के कारण दोनों बार डेथ वारंट कैंसिल कर दिया गया है. तीसरे डेथ वारंट के अनुसार, निर्भया के चारों दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी होने वाली थी लेकिन अब फांसी कोर्ट के अगले आदेश तक नहीं होगी.

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