
भारत निर्वाचन आयोग के एक विज्ञापन में निर्भया से बलात्कार के मामले में दोषी करार दिए जा चुके एक आरोपी को मॉडल नागरिक के रूप में चित्रित किया गया था. अभी पिछले महीने के इस विज्ञापन पर आपत्ति जाहिर करते हुए निर्भया की मां ने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल से मुलाकात की थी. दिल्ली महिला आयोग ने 22 जुलाई 2019 को इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया था.
अब भारत निर्वाचन आयोग ने नोटिस के जवाब में यह बताया है कि इस मामले की जांच में चुनाव तहसीलदार, होशियारपुर लेखाकार और प्रिंटर को दोषी पाया गया. आयोग के नोटिस के बाद चुनाव तहसीलदार को 23 जुलाई के दिन निलंबित करने के साथ ही लेखाकार के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई. प्रिंटिंग प्रेस के प्रोपराइटर के खिलाफ भी 24 जुलाई को एफआईआर दर्ज कराई गई है.
निर्वाचन आयोग ने अपने जवाब में राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पोस्टर, बैनर, विज्ञापन आदि के लिए तस्वीरों के चयन में सतर्कता बरतने के निर्देश देने की जानकारी दी है. निर्वाचन आयोग ने कहा है कि यह भी सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं कि भविष्य में सभी चुनावी अभियानों में प्रचार सामग्री, जिसमे किसी भी व्यक्ति की छवि ली जा सकती है, का अनुमोदन डीईओ रैंक से नीचे के अधिकारी द्वारा नहीं किया जाना चाहिए. इसके अलावा, कैप्शन "भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी" केवल ऐसे प्रचार सामग्री पर मुद्रित किया जाना चाहिए, जहां आयोग की पूर्व अनुमति प्राप्त की गई है.
रेपिस्ट को महिमामंडित किया जाना गलतः स्वाति
आयोग के जवाब पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि ईसीआई के विज्ञापन में निर्भया के रेपिस्ट को महिमामंडित होते देखना बहुत ही दुखद था. निर्भया की मां मुझसे मिली थीं. वह बहुत परेशान थीं. उन्होंने कहा कि निर्भया की मां ने मुझे बताया कि 6 महीने बीतने के बावजूद (इस साल जनवरी में बैनर प्रदर्शित किया गया था), ऐसा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
दिल्ली महिला आयोग की चेयरमैन ने कहा कि डीसीडब्ल्यू द्वारा नोटिस के जारी किए जाने के बाद ईसीआई ने कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की. उन्होंने कहा कि सभी सरकारी एजेंसियों को अपने कामकाज की निगरानी करनी चाहिए, ताकि किसी भी परिस्थिति में वे दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध के आरोपियों का महिमामंडन न करें और न ही देश भर में किसी निर्भया की भावनाओं को आहत करें.