Advertisement

1 अप्रैल से अनिवार्य होगा BS 6, कम होगा प्रदूषण, आपकी जेब पर ऐसे पड़ेगा असर

परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आज प्रदूषण देश में सबसे बड़ी समस्या है, राजधानी दिल्ली की हालत भी सभी को पता है, इसलिए सरकार ने एक अप्रैल से बीएस 6 अनिवार्य बनाने का फैसला किया है.

दिल्ली दिल्ली
अजीत तिवारी
  • ,
  • 19 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 6:13 PM IST

राजधानी में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए परिवहन मंत्रालय ने बीएस 6 को एक अप्रैल से अनिवार्य करने का फैसला लिया है. हालांकि, सरकार का ये फैसला अभी सिर्फ दिल्ली के लिए है. 2019 में पूरे एनसीआर में इसे लागू करने की योजना है.

जानलेवा हो चुके प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है. परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आज प्रदूषण देश में सबसे बड़ी समस्या है, राजधानी दिल्ली की हालत भी सभी को पता है, इसलिए सरकार ने एक अप्रैल से बीएस 6 अनिवार्य बनाने का फैसला किया है.

Advertisement

पेट्रोलियम एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा के मुताबिक बीएस 6 के लागू होने के बाद दिल्ली में प्रदूषण स्तर को कम करने में मदद मिलेगी. तनेजा ने बताया कि बीएस-4 के मुकाबले बीएस-6 डीजल में प्रदूषण फैलाने वाले खतरनाक पदार्थ 70 से 75 फीसदी तक कम होते हैं. नरेंद्र तनेजा का कहना है कि गाड़ियां बीएस 6 नहीं होने की वजह से तत्काल इसका पूरा फायदा तो नहीं मिलेगा लेकिन इसके बावजूद प्रदूषण में कमी होगी.

क्यों लिया फैसला

नवंबर, 2017 में पेट्रोलियम मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि दिल्ली के पास बीएस-4 नॉर्म्स से बीएस-6 पर श‍िफ्ट होने के लिए सिर्फ 6 महीने का वक्त है. दिल्ली और उससे सटे इलाकों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए सरकार ने बीएस-6  ईंधन को दो साल पहले ही लागू करने का फैसला किया है. बीएस-6 फ्यूल के तहत पेट्रोल और डीजल में सल्फर की मात्रा को प्रति मिलियन (PPM) के दसवें हिस्से तक ही सीमित कर दिया जाता है. हालांक‍ि बीएस-6 गाड़ियां 2020 से ही आएंगी.

Advertisement

क्या है बीएस-6

भारत स्टेज एमिशन स्टैंडर्ड्स (बीएस-6)  को भारत स्टेज (BS) के नाम से भी जाना जाता है. ये उत्सर्जन मानक होते हैं, जिनके जरिये इंजन और मोटर व्हीकल्स से निकलने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्र‍ित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

कड़े हो जाएंगे नियम

इसके लागू होने पर प्रदूषण नियंत्रण के मानक कड़े हो जाएंगे. बीएस-6 ईंधन वाले वाहनों को नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन 68 फीसदी से कम करना  होगा. उन्हें पर्टिकुलेट मैटर के उत्सर्जन को भी मौजूदा मानक से 5 गुना ज्यादा कम करना होगा.

बढ़ेगा खर्च

भारतीय ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स सोसायटी (एसआईएम) ने बीएस-6 ईंधन में अपग्रेड करने के लिए और इस मानक तक पहुंचने के लिए जो सुरक्षा मानक अपनाए जाएंगे. इसमें एक लाख करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं. इसमें ऑटो इंडस्ट्री को 30 से 40 फीसदी खर्च करना पड़ सकता है. इस खर्च की वजह से कंपनियों की जेब पर दबाव बढ़ेगा, जिसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ सकता है.

पेट्रोलियम एक्सपर्ट तनेजा कहते हैं कि बीएस-6 पेट्रोल और डीजल का उत्पादन महंगा है और पूरे देश में इसे लागू करने के लिए तेल कंपनियों को 50 हजार से लेकर 70 हजार करोड़ रुपए का खर्च करके अपनी रिफाइनरी को आधुनिक बनाना होगा.

Advertisement

बढ़ेंगी कार की कीमतें

ऑटो इंडस्ट्री की जेब पर दबाव पड़ने का असर ये होगा कारों की कीमतें बढ़ सकती हैं. इससे कारें काफी हद तक महंगी हो सकती हैं. 2018 में पेट्रोल-डीजल के बीएस-6 नॉर्म्स का होने के बाद 2020 में गाड़ियों के लिए बीएस-6 सुरक्षा मानक लागू क‍िए जाएंगे. इससे कारों की कीमतों में 60 हजार रुपये की बढ़ोतरी होने की आशंका है.

सुरक्षा मानक बनेंगे वजह

कारों की कीमत बढ़ने के पीछे इनके सुरक्षा मानकों को लेकर किये जा रहे इंतजाम वजह बनेंगे. दरअसल केंद्र सरकार कारों के लिए नये सेफ्टी नॉर्म्स जारी करने जा रही है. इन नियमों को लागू करने से कारों की कीमत में इजाफा होगा. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री विशेषज्ञों का कहना है कि जब नये नियम लागू हो जाएंगे, तब कारों की कीमत में ये इजाफा होना तय है. उनके मुताबिक यह बढ़ोतरी कच्चे माल, सप्लाई चेन और फॉरेक्स निवेश में बढ़ने वाले खर्च  की वजह से होगी.

जल्द जारी होंगे नियम

केंद्र सरकार ने कार की सुरक्षा को लेकर जो नियम तैयार कर रही है, उन्हें वह 2019 से लागू कर सकती है. परिवहन मंत्रालय ने सभी कार कंपनियों के लिए यह अनिवार्य किया है कि 1 जुलाई, 2019 के बाद जिन भी कारों का निर्माण होगा, वे सुरक्षा मानकों पर खरी उतरनी चाहिए. सरकार के मुताबिक इस तारीख के बाद बनने वाली कारों में एयरबैग्स, सीट बेल्ट रिमाइंडर्स, 80 किलोमीटर से ज्यादा की स्पीड के लिए अलर्ट स‍िस्टम, रिवर्स  पार्किंग सेंसर्स और मैनुअल ऑवरड्राइव जैसे सेफ्टी  फीचर का होना जरूरी है.

Advertisement

नये होंगे सुरक्षा मानक

देश में रोज होने वाली सैकड़ों कार दुर्घटनाओं को देखते हुए नये सुरक्षा मानक तैयार किए गए हैं. इन मानकों को सभी कार कंपनियों को अनिवार्य तौर पर लागू करना होगा. अमेरिका समेत कई देशों में इन सेफ्टी फीचर्स को पहले ही अनिवार्य कर दिया गया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement