
कमिश्नर के ऊपर लगे आरोपों की जांच के लिए मेयर आदेश गुप्ता ने पांच सदस्यों की एक नई समिति बना दी है. इसमें अधिकारी नहीं बल्कि सिर्फ पार्षद शामिल हैं. आपको बता दें कि 26 मई को 'दिल्ली आजतक' ने खबर दिखाई थी कि कैसे जूनियर अधिकारियों की समिति बनाई गई, जो अपने से सीनियर कमिश्नर के ऊपर लगे आरोपों की जांच करेंगे.
इस खबर को दिखाए जाने के बाद विपक्ष ने भी मेयर पर मामले को रफा दफा करने की कोशिश का आरोप लगाया था. इन सब वजहों से अब मेयर को नई समिति का गठन करना पड़ा है. इस समिति की खास बात है कि इसमें न केवल सत्तारूढ़ बीजेपी बल्कि विपक्ष में बैठी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षद भी शामिल हैं. कमिटी के अध्यक्ष बीजेपी पार्षद तिलकराज कटारिया हैं. इसके अलावा इसमें आम आदमी पार्टी पर्षद और नेता विपक्ष अनिल लाकड़ा, कांग्रेस पार्षद मुकेश गोयल समेत, आलोक शर्मा और योगेश वर्मा शामिल है.
समिति बनते ही हुआ विवाद
सोमवार को सदन की बैठक में ही मेयर आदेश गुप्ता ने हाउस कमिटी बनाने की घोषणा की, लेकिन इसके कुछ देर बाद ही इस कमिटी पर विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिए. दरअसल कमिटी के अध्यक्ष बनाए गए तिलकराज कटारिया सदन को बता रहे थे कि आरोपों की जांच से पहले एमसीडी को दोषी बताना ठीक नहीं है. लेकिन इसी दौरान उनके मुंह से निकल गया कि, 'घोटाले का एमसीडी से कोई लेना देना नही है.' इसी बात पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया.
नेता विपक्ष अनिल लाकड़ा ने कहा कि जब समिति के अध्यक्ष बिना जांच किये ही एमसीडी को क्लीन चिट दे रहे हैं तो फिर वो निष्पक्ष जांच कैसे करेंगे. वहीं, कांग्रेस पार्षद मुकेश गोयल ने भी आरोपों की जांच से पहले ही बीजेपी नेता पर क्लीनचिट देने का आरोप लगाते हुए इसकी सीबीआई जांच कराने की मांग की.