Advertisement

नॉर्थ MCD कमिश्नर की जांच के लिए बनाई गई समिति

इस खबर को दिखाए जाने के बाद विपक्ष ने भी मेयर पर मामले को रफा दफा करने की कोशिश का आरोप लगाया था. इन सब वजहों से अब मेयर को नई समिति का गठन करना पड़ा है.

नॉर्थ MCD कमिश्नर की पार्षदों के साथ बैठक (फाइल) नॉर्थ MCD कमिश्नर की पार्षदों के साथ बैठक (फाइल)
रणविजय सिंह/रवीश पाल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 29 मई 2018,
  • अपडेटेड 12:33 PM IST

कमिश्नर के ऊपर लगे आरोपों की जांच के लिए मेयर आदेश गुप्ता ने पांच सदस्यों की एक नई समिति बना दी है. इसमें अधिकारी नहीं बल्कि सिर्फ पार्षद शामिल हैं. आपको बता दें कि 26 मई को 'दिल्ली आजतक' ने खबर दिखाई थी कि कैसे जूनियर अधिकारियों की समिति बनाई गई, जो अपने से सीनियर कमिश्नर के ऊपर लगे आरोपों की जांच करेंगे.

Advertisement

इस खबर को दिखाए जाने के बाद विपक्ष ने भी मेयर पर मामले को रफा दफा करने की कोशिश का आरोप लगाया था. इन सब वजहों से अब मेयर को नई समिति का गठन करना पड़ा है. इस समिति की खास बात है कि इसमें न केवल सत्तारूढ़ बीजेपी बल्कि विपक्ष में बैठी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षद भी शामिल हैं. कमिटी के अध्यक्ष बीजेपी पार्षद तिलकराज कटारिया हैं. इसके अलावा इसमें आम आदमी पार्टी पर्षद और नेता विपक्ष अनिल लाकड़ा, कांग्रेस पार्षद मुकेश गोयल समेत, आलोक शर्मा और योगेश वर्मा शामिल है.

समिति बनते ही हुआ विवाद

सोमवार को सदन की बैठक में ही मेयर आदेश गुप्ता ने हाउस कमिटी बनाने की घोषणा की, लेकिन इसके कुछ देर बाद ही इस कमिटी पर विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिए. दरअसल कमिटी के अध्यक्ष बनाए गए तिलकराज कटारिया सदन को बता रहे थे कि आरोपों की जांच से पहले एमसीडी को दोषी बताना ठीक नहीं है. लेकिन इसी दौरान उनके मुंह से निकल गया कि, 'घोटाले का एमसीडी से कोई लेना देना नही है.' इसी बात पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया.

Advertisement

नेता विपक्ष अनिल लाकड़ा ने कहा कि जब समिति के अध्यक्ष बिना जांच किये ही एमसीडी को क्लीन चिट दे रहे हैं तो फिर वो निष्पक्ष जांच कैसे करेंगे. वहीं, कांग्रेस पार्षद मुकेश गोयल ने भी आरोपों की जांच से पहले ही बीजेपी नेता पर क्लीनचिट देने का आरोप लगाते हुए इसकी सीबीआई जांच कराने की मांग की.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement