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अब स्टेडियम के अंदर भी प्रिंट रेट पर मिलेंगे पानी की बोतल

उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि बीसीसीआई इस बात के लिए तैयार हो गया है कि अब स्टेडियम के भीतर पीने के पानी की बोतल उसी कीमत पर मिलेगी जिस कीमत पर स्टेडियम के बाहर मिलती है.

उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान
बालकृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 14 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 5:35 PM IST

अगर कभी आप क्रिकेट मैच देखने गए होंगे और खाने पीने की कोई चीज स्टेडियम के भीतर खरीदी होगी तो आपको ये जरूर याद होगा की वहां कीमत अक्सर अनाप-शनाप होती है. जो पानी की बोतल स्टेडियम के ठीक बाहर 20 रुपए की मिलती है उसी के लिए स्टेडियम के भीतर कई बार दोगुनी कीमत अदा करनी पड़ती है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

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उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि बीसीसीआई इस बात के लिए तैयार हो गया है कि अब स्टेडियम के भीतर पीने के पानी की बोतल उसी कीमत पर मिलेगी जिस कीमत पर स्टेडियम के बाहर मिलती है. यानि अब स्टेडियम के बाहर और भीतर उसी पानी की बोतल के लिए अलग-अलग कीमत नहीं हो सकेगी.

इसके अलावा एक्वाफिना के नाम से पीने के पानी की बोतल बनाने वाली कंपनी पेप्सी ने मंत्रालय को ये बताया है कि अब देशभर में हर जगह पीने के पानी की बोतल एक ही की कीमत पर बेचेगी.

उपभोक्ता मंत्रालय लंबे समय से इस बात की मुहिम चला रहा है कि एक ही चीज के लिए अलग-अलग जगहों पर अलग अलग MRP नहीं हो सकती. इसे सख्ती से लागू किए जाने के बारे में पूछे जाने पर रामविलास पासवान ने माना कि अभी भी ऐसा हो रहा है लेकिन उन्होंने कहा कि जहां से शिकायतें आती हैं वहां कार्रवाई की जा रही है.

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उपभोक्ताओं के लिए एक और अच्छी खबर है. अगर आप तमाम रेस्टोरेंट में जबरदस्ती बिल में जोड़े गए सर्विस चार्ज से परेशान हैं तो सरकार इसके लिए भी कदम उठाने जा रही है. होटल और रेस्टोरेंट के मालिक सर्विस चार्ज के बारे में ये तर्क देते हैं कि ये एडवांस में वसूला जाने वाला टिप है जिसे होटल के कर्मचारियों में बांट दिया जाता है.

उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने साफ कहा कि इस तरह से जबरदस्ती सर्विस चार्ज वसूला जाना गलत है. टिप देना या ना देना ग्राहक की मर्जी पर होना चाहिए. इसके लिए सरकार ने दिशा-निर्देश तैयार किया है, जिसे मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा गया है.

पहले से ही ये बात चर्चा में है कि क्या सरकार खाने की बर्बादी रोकने के लिए होटलों से ये कह सकती है कि वो जरुरत के मुताबिक ही खाना ग्राहकों को परोसे. सरकार खानें की बर्बादी रोकना चाहती है लेकिन होटल और रेस्टोरेंट के मालिक इसे अपने कामकाज में दखल मान रहे हैं.

शुक्रवार को रामविलास पासवान ने इस बारे में होटल एसोसिएशन से मीटिंग की. सरकार ने ये बात साफ की कि उसका इरादा कीमतों में हस्तक्षेप करने का नहीं है. लेकिन, ग्राहक को ये होना चाहिए कि वो जितनी जरूरत हो उतना ही खाना मंगा सके.

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