
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में ईवीएम विवाद के बाद अब नवनिर्वाचित अध्यक्ष अंकिव बैसोया के शैक्षणिक दस्तावेजों को लेकर तकरार देखने को मिल रहा है. कांग्रेस के छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने आरोप लगाया है कि एबीवीपी नेता अंकिव बैसोया ने एडमिशन के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया. हालांकि, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) ने इन आरोपों को एनएसयूआई का दुष्प्रचार करार दिया है.
हाल ही में संपन्न हुए डूसू चुनाव में अध्यक्ष पद पर एबीवीपी के अंकिव बैसोया ने जीत दर्ज की है. अध्यक्ष पद के अलावा उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद भी एबीवीपी के खाते में गया है. जबकि एनएसयूआई सिर्फ सचिव के पद पर जीत दर्ज कर पाया है. अब एनएसयूआई (NSUI) ने थिरुवल्लूर यूनिवर्सिटी का एक लैटर जारी किया है, जिसमें ये दावा किया गया है कि अंकिव ने एमए में एडमिशन लेने के लिए बीए का जो सर्टिफिकेट जमा कराया है, वह फर्जी है.
Aajtak.in से बात करते हुए NSUI प्रवक्ता साइमन फारूकी ने कहा, 'ये जानकारी हमें अपने सूत्र से मिली है और जो कागजात हम दिखा रहे हैं वो भी हमें अपने एक सूत्र से मिले हैं. हमारा सूत्र काफी भरोसेमंद है और हम इन कागजात को सही मानकर चल रहे हैं और इसी वजह से इतना बड़ा बयान दे रहे हैं. हम अभी कानूनी सलाह ले रहे हैं ताकि तय कर सकें कि आगे क्या करना है.'
एबीवीपी ने बताया प्रोपेगेंडा
अंकिव के संगठन एबीवीपी ने एनएसयूआई के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. ABVP की प्रवक्ता मोनिका चौधरी ने Aajtak.in को बताया कि NSUI अपनी हार की बौखलाहट में बार-बार गलत आरोप लगा रही है.
उन्होंने दावा किया कि अंकिव का एडमिशन का बिल्कुल सही है और जो दस्तावेज एनएसयूआई नेता दिखा रहे हैं, वो फर्जी हैं क्योंकि उनपर कहीं कोई तारीख नहीं है. उन्होंने कहा चुनाव से पहले पूरी जांच की गई थी और सभी कागजात प्रमाणित हैं. उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि एनएसयूआई हार स्वीकार नहीं कर पा रही है. मोनिका ने किसी भी जांच के लिए तैयार होने की बात भी कही.