
आजतक के खास शो दंगल में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता संजीव झा से पूछा गया कि क्या एलजी ने 10 हजार वॉलंटियर्स को नौकरी से हटाने के मामले में कोई ऑब्जेक्शन किया नहीं एलजी का इसमें कोई रोल नहीं है. सवाल का जवाब देते हुए आप प्रवक्ता ने कहा कि ये बड़ा क्लासिक एग्ज़ैम्पल है. इसी केस से आपको समझ में आ जाएगा कि किस तरह से भारतीय जनता पार्टी एलजी और एलजी अपने अधिकारियों के द्वारा दिल्ली को मेस बनाकर रखा हुआ है.
उन्होंने कहा एक बात समझिए कि दिल्ली में 2015 में बस मार्शलों की नियुक्ति अरविंद केजरीवाल की सरकार ने की. 2022 में अचानक 23 में एक अचानक फाइल मूव करता है. डिवीजन कमिश्नर और रातोंरात कहता है कि हम इस सारे सिविल वालंटियर्स को बस मार्शल नहीं होने देंगे और उसके बाद उस समय में जो रेवेन्यू मिनिस्टर है, उन्होंने कहा कि भाई 2015 से नौकरी कर रहा है, अब कैसे निकाल देंगे आप? उसके बाद फिर ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी, फाइनेंस सेक्रेटरी सब ने ये कह दिया कि नहीं, क्योंकि फाइनेंस फाइनेंशियल इसमें कॉन्कुरेंस नहीं है. इसलिए हम उनको फर्दर नहीं रख सकते. अब देखिए लगातार फिर उसके बाद ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर रेवेन्यू, मिनिस्टर फाइनेंस, मिनिस्टर, चीफ मिनिस्टर लगातार लिखते रहे की चुकी 2015 से नौकरी कर रहे है. तो उनकी नौकरी को बहाल किया जाएगा.
'सीएम ने लिखीं एलजी को चिट्ठी'
उन्होंने कहा कि जब ये अधिकारी नहीं सुना तो चीफ मिनिस्टर ने एलजी साहब को ये चिट्ठी लिखी. ये तीन अधिकारी जो उसमें मैं डिजिटल कमिश्नर थे जो ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी थे. जो अब बड़े-बड़े ओहदे पर अभी भारतीय जनता पार्टी ने लगाया हुआ है. सबको एक तो एल जी साहब के साथ ही अभी है. उन सब को कहा कि इनको इमीडीएटली यहां से हटाया जाए, क्योंकि ये सब लोग मिल कर ये चाहते है कि नियुक्ति न हो और लगातार उसके बाद हां ये जो विजेंद्र गुप्ता केसेस कह रहे है. अब देखिए एक फाइल आती है. एक तरफ लगभग 10,000 वॉलंटियर्स सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को हटा देते हैं. डेढ़ सौ के करीब वालंटियर्स जो ये डीएम के यहां पानी पिलाते हैं, चाय पिलाते हैं, उसको कहते हैं, रख लेंगे तो अरविंद केजरीवाल ने सवाल किया कि अगर ये डेढ़ सौ सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को अगर रख सकते हैं, आप परमानेंट नौकरी पर तो फिर मार्शल क्यों नहीं रखते हैं?
'CM आतिशी ने भी लिखी चिट्ठी'
आप प्रवक्ता ये भी कहा कि अगर मार्शल का रखना अवैध है? तो फिर इस डेढ़ सौ के करीब जो वॉलंटियर्स सिविल डिफेंस किया, उनको इमीडीएटली निकाल दिया जाए. बार-बार चिट्ठी में लिखा, मैं आपको चिट्टी दिखा सकता हूं. ये चिट्टी है 27 अक्टूबर 2023 की और उसके बाद अभी रिसेंटली आतिशी चीफ मिनिस्टर हैं, उन्होंने भी चिट्ठी लिखी है. अब एक बात समझिए ये भारतीय जनता पार्टी पहले दिन से ही सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को नौकरी से रोकने का पूरा प्रयास कर रही है.
केजरीवाल ने साइन की थी फाइल?
जब उनसे पूछा गया कि वो फाइल तो अरविंद केजरीवाल ने ही साइन की, जिसमें इनकी नियुक्ति खत्म करने और रोकने की बात कही गई थी. फाइल किसने साइन की थी? इस पर उन्होंने कहा कि नहीं, नहीं, बिलकुल नहीं. मैंने आपको वही चिट्ठी दिखा रहा हूं, ये चिट्ठी देखिए, 27 दिसंबर की है और मैं चिट्ठी को पढ़कर दिखा दूंगा. मैं आपको जो एलजी साहब को कहा है, आप सवाल कर लेंगे आपसे एक बस मार्शल बस मार्शल की नियुक्ति नहीं हो सकती. ये डिवीजनल सेक्रेटरी ट्रांसफर सेक्रेटरी एल जी साहब ये कहने से फाइल मूव करता है. और क्यों नहीं हो सकती? तो कहते हैं नहीं ये डिजास्टर के लिए रखे गए थे. इसलिए रेगुलर सैलरी पर नहीं हो सकते. तो अरविंद केजरीवाल ने कहा की भाई अगर ये 10,000 वॉलंटियर्स को आप नहीं दे सकते तो कुछ और सिविल डिफेन्स वॉलंटियर को अपने पास क्यों रखे हैं? आप तो अरविंद केजरीवाल तो बार-बार जो सेक्रेटरी लिख के दे रहा है देखिये बड़ा क्लासिक है कि चीफ मिनिस्टर अपने सेक्रेटरी को अपने ट्रांसफर सेक्रेटरी का अपने रेवेन्यू सेक्रेटरी के फाइल को बार-बार भेज रहा है की फाइल टिक करके भेजो.
उन्होंने कहा कि हम नौकरी पर रखना चाहते है, लेकिन बार-बार ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी भेज रहे हैं. हम ये फाइल नहीं रहे इनको हम नौकरी पर नहीं रखेंगे, आप समझिए कि दिल्ली में चुनी हुई सरकार चुनी हुई मुख्यमंत्री चुने हुए ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी मिनिस्टर चुने हुए, रेवेन्यू मिनिस्टर चुने हुए, वित्त मिनिस्टर की बात उनके अपने सेक्रेटरी नहीं मानने क्यों नहीं मान रहे हैं? जो कि इस एक्ट में सभी सेक्रेटरी एलजी को रिपोर्ट करते हैं और एलजी के कहने पर ये जानबूझकर ये नौकरी से उनको दूर रखना है.