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भारतीय वायु सेना (India Air Force) का पहला C-17 ग्लोबमास्टर विमान रोमानिया से लौट आया है. इसमें लगभग 200 भारतीय नागरिक सवार थे. एयर फोर्स के C-17 ग्लोबमास्टर विमान ने अपने होम बेस हिंडन में लैंड किया. C-17 ग्लोबमास्टर से आए भारतीयों को रिसीव करने के लिए केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट भी हिंडन एयरबेस पहुंचे थे.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा है कि यूक्रेन के पड़ोसी देशों में चार मंत्रियों को भेजा गया है. जब तक हर एक नागरिक को निकाल नहीं लिया जाता तब तक भारतीय वायु सेना के विमानों के साथ ही निजी उड़ानें भी संचालित की जाती रहेंगी. उन्होंने ये भी बताया कि भारत सरकार ने अपने नागरिकों के लिए भोजन, टेंट, दवा, कपड़े और कंबल के इंतजाम कराए हैं.
वहीं, भारतीय छात्रों को को लेकर एयर इंडिया की स्पेशल फ्लाइट भी मुंबई पहुंच चुकी है. इस फ्लाइट से 183 भारतीयों को बुखारेस्ट से मुंबई लाया गया है. मुंबई पहुंची फ्लाइट से आए छात्रों का स्वागत करने केंद्रीय मंत्री रावसाहब दानवे एयरपोर्ट पहुंचे थे. इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने देर शाम ट्वीट कर जानकारी दी कि इंडियन एयरफोर्स समेत 9 फ्लाइट आज हंगरी, रोमानिया, स्लोवाकिया और पोलैंड से दिल्ली पहुंचे. इसके अलावा 6 अन्य फ्लाइट भी जल्द उड़ान भरेंगे. उन्होंने ट्वीट में बताया कि कुल 3000 भारतीयों को लाना बाकी है.
सिंधिया ने बताए अभियान के चरण
रोमानिया गए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुखारेस्ट से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से बात की. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों और अन्य नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाना सरकार की प्रतिबद्धता और सर्वोच्च प्राथमिकता है. बुखारेस्ट में करीब तीन हजार भारतीय हैं जिनमें से 1300 लोगों को 3 मार्च तक छह उड़ानों के जरिए भारत वापस लाया जाएगा. भारतीयों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों की सीमा तक सुरक्षित लाना, उन देशों के एयरपोर्ट तक पहुंचाना और वहां से भारत लाना इस मिशन के प्रमुख चरण हैं. इस बीच उनके भोजन, निवास और चिकित्सकीय सहायता का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है.
रोमानिया के पीएम से मिले सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रोमानिया के प्रधानमंत्री Klaus Iohannis से भी मुलाकात की है. उन्होंने बताया कि रोमानिया के पीएम ने भारतीयों की सुरक्षित वापसी में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है. सिंधिया ने कहा कि इस मिशन में भारतीय वायु सेना के दो C-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट भी लगाए गए हैं. आवश्यकता पड़ी तो भारतीय वायु सेना के और विमानों की सेवाएं भी ली जाएंगीं.
उधर, इंडियन एयर फोर्स के अधिकारियों ने बताया कि IAF ने अब तक यूक्रेन से लोगों को वापस लाने के लिए 4 उड़ानें शुरू की हैं. ऑपरेशन गंगा के तहत चल रहे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के प्रयासों को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय वायु सेना से भारतीयों को लाने के प्रयासों में शामिल होने का आह्वान किया था.
IAF ने अपने सी-17 विमान के बेड़े को स्टैंड बाई पर रखा
पीएम मोदी ने कहा था कि हमारी वायु सेना की क्षमताओं का लाभ उठाने से यह सुनिश्चित होगा कि कम समय में अधिक लोगों को निकाला जा सकेगा. यह मानवीय सहायता को अधिक कुशलता से वितरित करने में भी मदद करेगा. इसके बाद संभावना जताई गई थी कि भारतीय वायुसेना ऑपरेशन गंगा के तहत कई सी-17 विमान तैनात करेगा.
भारतीय वायु सेना ने यूक्रेन से नागरिकों को निकालने के लिए अपने सी-17 विमान के बेड़े को स्टैंड बाई पर रखा है. एअर फोर्स के अधिकारियों का कहना है कि भारतीय वायु सेना यूक्रेन से हमारे नागरिकों को निकालने की किसी भी आवश्यकता के लिए तैयार है.
बता दें कि अमेरिकी C-17 ग्लोबमास्टर्स और IL-76 विमान लगभग 400 यात्रियों के साथ लंबी दूरी तक उड़ान भरने में सक्षम हैं. C-17 विमान ने काबुल से नागरिकों और अधिकारियों को निकालने में बड़ी मदद की थी जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था.
क्या है ऑपरेशन गंगा
ऑपरेशन गंगा भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकालने और मानवीय सहायता उपलब्लध कराने के लिए भारत सरकार द्वारा चलाया गया एक ऑपरेशन है. इसके तहत यूक्रेन में पढ़ाई करने वाले उन भारतीय छात्रों की सहायता शामिल है जो रोमानिया, हंगरी, पोलैंड, मोल्दोवा, स्लोवाकिया के पड़ोसी देशों में चले गए है. भारतीय वायु सेना को 1 मार्च 2022 को ऑपरेशन में लाया गया. वहीं विदेश मंत्रालय ने सहायता के लिए ऑपरेशन गंगा के लिए एक समर्पित ट्विटर हैंडल भी बनाया है.
(मुंबई से एजाज के इनपुट के साथ)
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