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चीन से झड़प के मुद्दे पर आज संसद में 'संग्राम', कांग्रेस बोली- सरकार को जगाएंगे

अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हो गई है. ये घटना 9 दिसंबर की रात की है. दोनों देशों के सैनिक घायल हुए हैं. झड़प में सबसे ज्यादा चीन सैनिक घायल हुए हैं. जबकि घायल 6 भारतीय सैनिकों को इलाज के लिए गुवाहाटी लाया गया है. इस घटना पर सियासत गरमा गई है.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:08 AM IST

अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के मामले में राजनीति गरमा गई है. संसद के शीतकालीन सत्र में आज इस मसले पर विपक्षी दल सरकार को घेरने की तैयारी में हैं. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल संसद में बॉर्डर की स्थिति पर चर्चा करने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में इस मुद्दे पर चर्चा करें. वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने स्थगन प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है. फिलहाल, विपक्षी दलों के बयानबाजी से साफ है कि आज संसद का सत्र काफी हंगामेदार रहने वाला है.

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कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार सीमा के मसले को दबा रही है, जिसके कारण चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि चीन के दुस्साहस करने पर कांग्रेस सरकार को 'जागने' की कोशिश कर रही है, लेकिन वह 'अपनी राजनीतिक छवि चमकाने' के लिए चुप्पी साधे है.

'मोदी सरकार सिर्फ छवि चमकाने में लगी'

जयराम रमेश ने कहा कि हमें सशस्त्र बलों की बहादुरी पर गर्व है. सीमा पर चीन की हरकतें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. पिछले दो वर्षों से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार सिर्फ अपनी छवि को चमकाने के लिए इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है. इसी वजह से चीन का दुस्साहस बढ़ रहा है.

'सरकार की चुप्पी से चीन का दुस्साहस बढ़ा'

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जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि देश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी जी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं. उन्होंने दावा किया है कि उत्तरी लद्दाख में घुसपैठ स्थायी करने की कोशिश में चीन ने डेपसांग में LAC की सीमा में 15-18 km अंदर 200 स्थायी शेल्टर बना दिए, पर सरकार चुप रही. उन्होंने कहा कि एलएसी पर ताजा घटनाक्रम चिंताजनक है. कांग्रेस ने गलवान झड़प के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का एक वीडियो भी ट्वीट किया, जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा था कि 'किसी ने भी हमारी जमीन पर कब्जा नहीं किया है और ना ही किसी ने भारतीय सीमा में प्रवेश किया है. हमारी कोई भी पोस्ट किसी और के कब्जे में नहीं है.

'अभी भी समय है... डरो मत'

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि अगर ये गलती नहीं की गई होती. अगर चीन का नाम लिया होता तो वह भारत की तरफ आंख उठाने की हिम्मत नहीं करता. अभी भी समय है... डरो मत. ये प्रतिक्रिया तब आई जब सेना ने कहा कि भारतीय और चीनी सैनिक 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भिड़ गए. दोनों देशों के कुछ सैनिक घायल हुए हैं.

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ओवैसी आज संसद में स्थगन प्रस्ताव पेश करेंगे

AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना पर केंद्र सरकार पर देश को अंधेरे में रखने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर 13 दिसंबर को संसद में स्थगन प्रस्ताव लाएंगे. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'कमजोर राजनीतिक नेतृत्व' की वजह से चीन ने यह अपमान किया है. ओवैसी ने ट्वीट किया- अरुणाचल प्रदेश से आ रही खबरें चिंताजनक हैं. सरकार ने देश को कई दिनों तक अंधेरे में रखा. जब सत्र चल रहा था तो संसद को सूचित क्यों नहीं किया गया?

'संसद में तत्काल चर्चा की जरूरत'

एक अन्य ट्वीट में ओवैसी ने कहा- सेना किसी भी समय चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है. पीएम मोदी का कमजोर राजनीतिक नेतृत्व ही चीन के खिलाफ इस अपमान का कारण बना है. संसद में इस पर तत्काल चर्चा की जरूरत है. मैं कल इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश करूंगा.

'क्या गलवान जैसी झड़प हुई है'

ओवैसी ने कहा कि अभी घटना का ब्यौरा अधूरा है. झड़प का कारण क्या था? क्या गोलियां चलाई गई थीं या गलवान के जैसा था? कितने सैनिक घायल हुए हैं? उनकी हालत कैसी है? चीन को एक कड़ा संदेश भेजने के लिए संसद सैनिकों को अपना सार्वजनिक समर्थन क्यों नहीं दे सकती है? 

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'देश सैनिकों के शौर्य को सलाम करता है'

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा- हमारे जवान देश की शान हैं. उनके शौर्य को मैं सलाम करता हूं. और ईश्वर से उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.

'चीन की हैसियत नहीं थी कि...'

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि जब भी चीन बुरी नजर से हमारे देश की तरफ देखता है, प्रधानमंत्री या तो खुलकर या अपनी चुप्पी से चीन को क्लीन चिट दे देते हैं. कांग्रेस के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया- अगर ये गलती ना की होती. चीन का नाम लेने से डरे न होते तो आज चीन की हैसियत नहीं थी कि हमारे देश की तरफ आंख उठाकर देखे. हमारी जमीन पर कब्जा करना, हमारी जमीन पर आकर हमारे सैनिकों से झड़प करना तो दूर की बात है. अब भी वक्त है... डरो मत.

'चीन बार-बार ये हिमाकत क्यों कर रहा'

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि अपनी सेना के शौर्य के बल पर इतना तो दावे के साथ कह सकती हूं कि चीन को क्षति ज्यादा हुई होगी. पर इतनी बड़ी खबर भी सूत्रों के माध्यम से? सरकार कहां है?  चीन बार-बार यह हिमाकत कर कैसे रहा है?

इंडियन आर्मी के आगे पीछे हटने को मजबूर हुए चीनी सैनिक

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बता दें कि पूर्वी लद्दाख के गलवान में दोनों देशों के बीच 30 महीने से ज्यादा समय से बॉर्डर पर टकराव चल रहा है. इसी बीच, 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के संवेदनशील तवांग इलाके में भारत और चीनी सैनिकों की झड़प हो गई. भारतीय सेना ने बताया कि तवांग सेक्टर में चीनी सैनिक भारतीय पोस्ट के पास पहुंचे. यहां इंडियन आर्मी ने दृढ़ता और मजबूती के साथ मुकाबला किया. जिसकी वजह से चीनी सैनिकों को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस झड़प में दोनों देशों के कुछ सैनिक घायल हुए हैं. घायलों में सबसे ज्यादा संख्या चीनी सैनिकों की है. बयान में कहा गया है कि झड़प के बाद दोनों पक्ष तुरंत क्षेत्र से हट गए. कमांडर स्तर पर दोनों पक्षों की फ्लैग मीटिंग हुई और शांति बहाल करने के लिए चर्चा की गई. 

 

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