Advertisement

केंद्र ने दिल्ली HC में कहा- ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का नहीं फिक्स कर सकते दाम, वरना होगी कमी

केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि अगर सरकार इस वक्त ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के रेट फिक्स कर देती है तो संभव है कि भारत को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर्याप्त मात्रा में ना मिल पाए.

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2021,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST
  • केंद्र ने हाई कोर्ट में दाखिल किया जवाब
  • कहा- दाम फिक्स नहीं कर सकते हैं

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के रेट फिक्स करने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा है कि भारत ही नहीं पूरे विश्व में फिलहाल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की बेहद कमी है और अगर सरकार इस वक्त ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के रेट फिक्स कर देती है तो संभव है कि भारत को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर्याप्त मात्रा में ना मिल पाए.

दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें ऑक्सीमीटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के रेट फिक्स करने को लेकर याचिका लगाई गई है. इस याचिका में कहा गया है कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और ऑक्सीमीटर को रखा जाए क्योंकि कोरोना के इस वक्त में इनके रेट फिक्स न होने के कारण इनकी लगातार कालाबाजारी हो रही है.

Advertisement

केंद्र सरकार ने आज दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 15 मई को एक ऑफिशियल मेमोरेंडम जारी किया है, जिसमें कहा गया कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बेचने वाली कंपनियों को अपना रेट एनपीपीए को 22 मई तक भेजना होगा और एक साल के बाद इसके रेट में 10 फ़िसदी से ऊपर की बढ़ोतरी नहीं की जा सकती है, अगर कोई एमआरपी से ऊपर भेजेगा तो कार्रवाई की जाएगी.

लेकिन कोर्ट का कहना है कि ये सिस्टम पूरी तरफ फुल प्रूफ नहीं है. कोर्ट ने सरकार ने पूछा कि जो सामान चीन से आ रहा है वो पिछले साल के मुकाबले 10 फ़ीसदी ही बढ़ा है, ये सरकार कैसे निगरानी रखेगी, खास तौर से अगर कोई व्यक्तिगत रूप से रेट बढ़ने की शिकायत ही न करें.

लेकिन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कमी के चलते कोर्ट में सरकार ने यह साफ जरूर कर दिया है कि इसको आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में फ़िलहाल लाने के पक्ष में सरकार नहीं है.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement